कहानियों Archives - Hindibichar https://hindibichar.in/category/कहानियों/ Gyan ka bhandar Sat, 19 Aug 2023 01:57:42 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.3 https://hindibichar.in/wp-content/uploads/2020/06/cropped-Hindi-bichar-1-32x32.png कहानियों Archives - Hindibichar https://hindibichar.in/category/कहानियों/ 32 32 Horror Stories in Hindi – डरावनी कहानियां https://hindibichar.in/horror-stories-in-hindi/ https://hindibichar.in/horror-stories-in-hindi/#comments Sat, 08 Jul 2023 15:41:23 +0000 https://hindibichar.in/?p=2512 Horror stories in Hindi: कहानियां सुनना किसे अच्छा नहीं लगता। बचपन में हम सभी ने घर के बड़े-बुजुर्गों ...

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Horror stories in Hindi: कहानियां सुनना किसे अच्छा नहीं लगता। बचपन में हम सभी ने घर के बड़े-बुजुर्गों से कहानी सुनी है। लेकिन जब हमें कोई डरावनी कहानी सुनाता था तो हम सब डर से सो जाते थे या भाग जाते थे। पर जैसे जैसे हम बड़े होने लगे तो हम सबका का कहनियों का स्वाद बदलने लगा। और धीरे धीरे हम सब horror story पढ़ने और देखने लगे। इसलिए में आज आपके लिए Horror stories in Hindi लेकर आया हूँ।

Horror Stories in Hindi

वैसे तो कहानियां कई तरह की होती हैं, लेकिन सबसे दिलचस्प Horror Stories होती हैं। लेकिन बच्चों के लिए बिल्कुल भी दिलचस्प नहीं होती है। इसलिए बच्चों को निम्नलिखित कहानियाँ न सुनाएँ। क्योंकि बच्चे कहानी के साथ-साथ कहानी सुनाने वाले से भी डरने लगते हैं।

1.भयंकर तितली

एक छोटी सी गांव में एक बचपन से एक अजीब रोमांचक कथा का अनुभव कर रहा एक बच्चा नामकरण हुआ था। उसका नाम था आर्यन. वह एक बहुत ही अच्छा और संवेदनशील बच्चा था। उसकी परिवारिक स्थिति संघर्षमय थी, इसलिए उसके पास स्नेह और प्यार से भरा कोई खास समय नहीं था। लेकिन उसके दिल में इस बात की ताकत थी कि उसका भविष्य बेहतर हो सकता था।

एक रात, आर्यन अकेला अपने कमरे में था। उसके दिल में बहुत सीधे और साफ सुथरे ख्याल थे, जो उसे चिढ़ाने के लिए उत्सुक कर रहे थे। उसने तोप बनाना शुरू किया, और एक गहरे रंग की इशारों की तार के आसपास तारों की एक जाल बनाया। जब उसने तोप गांव के पीछे की ओर फेंकी, तो कुछ अद्भुत हुआ।

तोप एक महीने तक आर्यन के सामने बहुत सारे संकेत और चिह्न लेकर उभरती थी। आर्यन चकित था और उसका ध्यान लगाने लगा। जैसे जैसे वह अधिक अनुभव प्राप्त करता था, वह अद्भुत घटनाओं की ओर खींचा चला जाता था।

एक दिन, तोप एक भयंकर मंदिर की ओर इशारा कर रही थी। यह मंदिर गांव के बाहर घने जंगल में था और उसके आसपास एक डरावनी कहानी घुमाने का कहावती थी। आर्यन जानने के लिए अकेले चल दिया कि तोप क्या कह रही है।

उसने मंदिर तक पहुंचते ही आवाजें और दुखद आहाते सुनीं। धीरे-धीरे वह अन्दर चला गया और एक रहस्यमयी और भयंकर दृश्य का सामना करना पड़ा।

वहां, आर्यन ने देखा कि वहां एक तितली रंगीन और सुंदर थी, लेकिन वह अकेली नहीं थी। एक बड़ा संख्यात्मक समूह भी था, जो उसके चारों ओर उड़ रहा था। वे बचपन से आर्यन के साथ चिढ़ रहे थे, और उसे उनकी धमकी स्पष्ट रूप से महसूस हो रही थी।

आर्यन डर गया और वहां से बहुत दौड़ गया। वह खुद को अपने कमरे में बंद करके बैठ गया और सोचने लगा कि वह क्या देखा था। वह बहुत विचलित और परेशान था और उसे रात को नींद नहीं आई।

अगलीदिन से शुरू होते ही, आर्यन ने अपने दोस्तों को अपने अनुभव के बारे में बताया। उनके दोस्त उनकी कहानी को मजाक में लेने लगे, लेकिन आर्यन को उनकी खुशियों के बीच एक गहरा डर था।

दिनों बीत रहे थे और एक रात, आर्यन को वापस उस भयानक मंदिर की ओर आकर्षित किया। यह बार-बार हो रहा था, जैसे कि उसे वहां कुछ सुनाने की जरूरत थी।

इस बार, जब वह मंदिर में पहुंचा, उसने एक अद्भुत दृश्य देखा। तितली समूह उसी जगह पर मौजूद था, लेकिन इस बार उनका व्यवहार अलग था। वे आर्यन की ओर आ रहे थे, और इस बार उनकी आँखों में एक विशेष चमक थी। वे आर्यन को अपनी ओर बुला रहे थे।

धीरे-धीरे, तितलियों ने आर्यन के आस-पास घूमना शुरू किया और अचानक वे सब एक साथ उड़ने लगे। आर्यन उनके पीछे चल पड़ा, और वे उसे एक अनोखा जंगल में ले गए।

वहां पहुंचते ही, आर्यन ने एक पुरानी मकड़ी के जाल में फंसे हुए लोगों की विदाई सुनी। यह जंगल डरावना था और इसमें अंधकार से भरी हुई थी। आर्यन डर गया और उसने जल्दी से भागने का प्रयास किया, लेकिन वह अपने पैरों के साथ उड़ने वाले जाल में उलझ गया।

उसकी परेशानी बढ़ती जा रही थी जब एक तितली वहां पहुंची और उसे राहत दिखाई। वह धीरे-धीरे तितली के जाल को छोड़ने के लिए उड़ रही थी। आर्यन ने उसकी मदद से अपने आप को बचाया और उसे आभार व्यक्त की।

उसके बाद से, तितलियाँ आर्यन के साथ रहने लगीं और उसे सच्चे दोस्त बना दी। वे साथ में खेलते, गाते और आपस में रहते थे। यह तितली ने आर्यन को सिखाया कि कभी-कभी डरावनी चीजों के पीछे भी अद्भुत और रहस्यमयी चीजें छिपी होती हैं। आर्यन ने समझा कि असली खुशी और संघर्ष में होती है और उसका अभिप्रेत दोस्त उसे यह दिखा गई।

2.भयानक रात्रि का सपना

एक रात, एक गांव में एक आवासीय इमारत का दृश्य दिखाई देता है। यह इमारत पुरानी और भयंकर लग रही है। उस इमारत के आसपास एक भयानक जंगल फैला हुआ है, जिसमें खूनी भूत और भयानक प्रेत बसते हैं।

एक रात, एक आदमी और उसकी पत्नी वहाँ रहने के लिए आते हैं। उन्होंने इस इमारत को खरीद लिया है, जिसका उन्हें बहुत ख्याल रखना होगा।

पहली रात से ही उन्हें अजीब और डरावने घटनाओं का सामना करना पड़ता है। रात के अंधकार में उन्हें अनहोनी आवाज़ें सुनाई देती हैं और अजनबी हंसी सुनाई देती है। वे डर के मारे बिना सोने का प्रयास करते हैं, लेकिन नींद उन्हें काफी मुश्किल से आती है।

दूसरी रात, जब वे सोते हैं, उन्हें एक बच्चे की रोने की आवाज़ सुनाई देती है। धीरे-धीरे वो आवाज़ बढ़ती जाती है और वे बच्चे की चीखें सुनाई देती हैं। उन्हें डर लगता है, लेकिन उन्होंने विचार किया कि शायद यह सब सिर्फ उनकी विविधता का परिणाम है।

तीसरी रात, जब वे अपनी नींद में होते हैं, एक महिला की आवाज़ सुनाई देती है, “बच्चा, अपने बच्चे को मत मारो।” उन्होंने बेहद डर के साथ अपने आँगन में देखा, लेकिन कोई नहीं था। वे अचंभित हो जाते हैं और सोचते हैं कि यह सब कैसे हो सकता है।

चौथी रात, एक आवाज़ उन्हें नींद से उठा देती है। एक पुरुष की आवाज़ होती है जो कह रहा है, “तुम्हारी जिंदगी बचाने का समय अब खत्म हो गया है!” वे उठते हैं और अपने चेहरे को देखते हैं, जब एक हाथ उन्हें पकड़ता है।

वे अचानक जगते हैं और देखते हैं कि वे अपने बिस्तर पर हैं। यह सब केवल एक सपना था, एक भयंकर रात का डरावना सपना जिसने उन्हें डराया था। वे सुकून से सांस लेते हैं और अपनी आँखें बंद करते हैं, ध्यान देते हुए कि सपनों की दुनिया में कुछ भी संभव हो सकता है।

3.शर्मा परिवार और भूत

एक रात अजीब सी घटना हुई। वो रात बहुत ही अंधेरे और सन्नाटे से भरी हुई थी। एक छोटे से गांव में जहां सभी लोग रोज़ शान्ति और आत्मा की शक्ति में विश्वास करते थे, उस रात कुछ अजीब बातें होने लगीं।

गांव के एक गहरे जंगल में एक पुराने हावड़ी में एक परिवार रहता था। उनका नाम था ‘शर्मा परिवार’। उनके पास बच्चा नहीं था, इसलिए उनकी पत्नी और पति बहुत ही उदास रहते थे। उन्होंने वहां शांति और खुशहाली का राज निर्माण किया था, लेकिन कुछ ही दिनों से उनके आसपास कुछ अजीब घटनाएं हो रही थीं।

वे देखते थे कि रात में उनके घर के आसपास अनजाने आवाज़ें आने लगीं। जब उन्होंने जांच की, तो कुछ नहीं दिखाई दिया। परंतु जब वे सोने जाते थे, तो वे अपने घर के आवाज़ सुनते थे। उन्हें डर लगता था, लेकिन उन्होंने उसे नज़रअंदाज़ किया और सोने की कोशिश की।

धीरे-धीरे उनके जीवन में और बुरे सपने आने लगे। रात के समय वे अपने खुद को एक आवाज़ के साथ बंधा पाते थे, जो उन्हें बुलाती थी। “शर्मा परिवार… शर्मा परिवार…” ध्वनि में कुछ ख़ास भयानकता थी, जो उन्हें विचलित कर देती थी।

शर्मा परिवार ने अंधेरे रात में जगह-जगह अपने घर में छेद करवाए थे, लेकिन फिर भी उन्हें नहीं पता चला कि ऐसा कौन कर रहा है और क्यों। धीरे-धीरे वे मान गए कि उनका घर भूतिया है और कोई अनदेखी आत्मा उनके साथ खेल रही है।

एक दिन, उन्होंने निश्चित कर लिया कि वे अपने घर में रहना छोड़ देंगे। वे बगीचे के एक कोने में एक पुरानी बुनियादी हवेली में रहने के लिए जाते हैं, जहां उन्हें शांति की प्राप्ति होगी। उन्होंने अपने सभी सामानों को ले कर यात्रा की और हवेली की ओर चले।

यदि आप इस कहानी के आगे का विकास जानना चाहते हैं, तो कृपया उन्हें बगीचे से हवेली तक की यात्रा में उनकी अनुभवों को और भयानक घटनाओं को वर्णित करें। ऐसाजब शर्मा परिवार हवेली के पास पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि यह भी पुरानी और भूतों से भरी हुई है। एक अंधेरे कोने में उन्होंने एक पुराना पुस्तकालय देखा, जिसमें विचारधाराएं और रहस्यमय किताबें थीं।

धीरे-धीरे, वे पता चलता है कि यह पुस्तकालय भूतों की आत्माओं के राज़ को छिपाने का स्थान है। पुस्तकालय की किताबों ने उन्हें एक रहस्यमय घटना के बारे में बताया, जिसमें एक पुरानी और बुरी आत्मा शर्मा परिवार को पीछा कर रही है।

उन्होंने जाना कि वे अपने पुराने घर में उसी भूत की आत्मा से मुक्ति पाने के लिए जन्मे हैं। परंतु उन्हें इसके लिए एक प्रतीक्षा करनी होगी। प्रतीक्षा रात को तारों के नीचे चांदनी रात में एक विशेष तिथि के बाद करनी होगी।

उस रात को, जब चांदनी तारे चमक रहे थे, शर्मा परिवार ने अपने पुराने घर के पास जाकर विशेष आराधना की। उन्होंने विशेष मंत्रों का पाठ किया और भूत को अपने आसपास महसूस किया।

आचानक, उन्होंने देखा कि भूत की आत्मा उनके सामने प्रकट हो गई है। वह आत्मा भयंकर और भयानक दिख रही थी, परंतु शर्मा परिवार ने हिम्मत नहीं हारी। वे उनके साथ दृढ़ता से खड़े रहे और उनसे कहा, “हे आत्मा, हम तुम्हारे भय से डरने वाले नहीं हैं। हम तुम्हारी दुष्टता को दूर करने के लिए यहां हैं।”

उनकी बड़ी हिम्मत देखकर, भूत उनकी और ध्यान दिया और आहत हो गई। उसके बाद, शर्मा परिवार ने एक पुरानी पूजा आदत को संभाला, जो उनके नए घर में आत्मशांति और शांति लाई। अब उनके जीवन में शांति है और उन्हें और किसी भूत का डर नहीं होता।

यह कहानी दिखाती है कि जब हम विपदा और आत्माओं के सामर्थ्य का सामना करते हैं, तो हमारी हिम्मत और दृढ़ता हमें अपार शक्ति और विजय देती है।

4.मुंबई के बादशाह

एक रात, एक गहरी जंगल में एक गांव था। उस गांव में रहने वाले लोगों के बीच में एक डरावनी कहानी फैली हुई थी। यह कहानी एक व्यक्ति के बारे में थी जिसे “मुंबई के बादशाह” नाम से जाना जाता था।

मुंबई के बादशाह एक रहस्यमय और डरावना व्यक्ति था। उसके बारे में चलते थे कि वह रात में जंगल के आसपास भटकता था और अगर कोई उसे देख लेता, तो उसे बुरा भला हो जाता। इसीलिए लोग रात में घरों में रहने की कोशिश करते थे, डरते थे और उसे अवॉइड करने की कोशिश करते थे।

एक दिन, एक वीरान हवेली में एक युवा आदमी रुका हुआ था। उसका नाम विक्रम था। वह बहुत ही नामर्द व्यक्ति था, लेकिन उसने सभी के सामने अपनी शौर्यगाथाओं के बारे में झूठ बोले रखा था। विक्रम के अंदर डर छिपा हुआ था और वह यह दिखाने की कोशिश कर रहा था कि वह डरावने मुंबई के बादशाह से कम नहीं है।

एक रात, जब रात का अंधकार छाया हुआ था, विक्रम का दिल अजीब आवाज़ सुनने लगा। वह वहीं खड़ा हो गया और धीरे-धीरे आवाज़ की ओर बढ़ा। जब वह जंगल के आसपास पहुंचा, तो उसने एक हुंडी में दिखाई दी जिसमें रक्त से लथपथ भरे अंगूठे थे। डर के मारे, विक्रम उसे अवॉइड करने की कोशिश करने लगा, लेकिन हर जगह से आवाज़ आ रही थी। वह दौड़ने लगा और आवाज़ भी उसके पीछे पड़ गई।

बिलकुल थक चुका, विक्रम एक बड़े वृक्ष के पास पहुंचा और अपने आप को छिपाने का प्रयास किया। जब वह वहां था, उसने देखा कि वह डरावनी आवाज़ उस वृक्ष से आ रही है। वह भयभीत हो गया और आवाज़ का पीछा करने लगा।

विक्रम ने जब वृक्ष के पास पहुंचा, तो उसने देखा कि वह आवाज़ उस एक खुदरा कुत्ते से आ रही थी जो अपने बदनसीब अंगूठों से खुद को आवाज़ दे रहा था। विक्रम ने बिना सोचे समझे उसे छोड़ दिया और उसके दिल में नया साहस जागा।

यह कहानी बताती है कि हकीकत में हमारे अंदर का डर हमें हमारी मंजिल तक पहुंचने से रोक सकता है। हमें अपने आप पर विश्वास रखना चाहिए और अपने डर का सामना करना चाहिए, क्योंकि अक्सर हमारे डर सच्चाई से कहीं ज्यादा डरावने होते हैं।

5.एक रात

एक छोटे से गांव में एक बहुत ही पुरानी भूतिया हवेली थी। लोग कहते थे कि उस हवेली में कई साल पहले एक परिवार रहता था जिनका भूत उस घर में अब भी ख़ौफनाक तरीके से घुस जाता है।

एक रात, एक जोशीला और बहादुर लड़का नाम करण गांव के दूसरे पास ही रहता था। उसे भूत-प्रेत से डर नहीं था, और वह हमेशा यह सोचता था कि भूत-प्रेत वास्तव में मौजूद नहीं होते हैं। वह अपने दोस्तों को भूतों के साथ मजाक करने में खुशी महसूस करता था।

एक रात, करण और उसके दोस्त अपनी मित्रा वीणा के साथ खूबसूरत बगीचे में घुसे। बगीचे में हंसते-खेलते वक्त वीणा का पड़ोसी घर दिखाई दिया, जो उस भूतिया हवेली के पास था। वीणा एक दम से धीरे से बोली, “करण, तुम जानते हो न, उस हवेली में भूत-प्रेत रहते हैं। कभी कभी, रात में, वहां से भूतों की आवाज़ आती है।”

करण हँसते हुए बोला, “अरे वीणा, तुम भी ना, कितने बेवकूफ़ बातें करती हो। भूतों का कुछ नहीं होता है, यह सब केवल लोगों की भ्रमजाल है। हम जाकर वहां देखते हैं।”

करण, वीणा और उनके दोस्त भूतिया हवेली की ओर चले। जब वे घर के पास पहुंचे, तो वहां से अजीब आवाज़ आने लगी। उन्होंने कुछ देर तक ध्यान से सुना और उन्हें लगा कि वह भूतों की आवाज़ थी।

करण और उसके दोस्त थोड़ी देर तक वहां खड़े रहे और भूतों की आवाज़ को सुनते रहे। तभी एक खिड़की से उन्हें दिखाई दी एक छोटी सी लड़की की आत्मा। वह दर्दनाक रूप से रो रही थी।

भूतों की आवाज़ और उस छोटी सी लड़की की दर्दनाक रोने की वजह से करण और उसके दोस्त बहुत घबरा गए। वे भीड़ में घुसकर घर के अंदर पहुंचे और अपने घर लौट गए।

अगले दिन, करण ने अपने पिताजी से उस भूतिया घटना के बारे में बताया। पिताजी ने उससे कहा, “बेटा, कभी कभी वास्तविकता और असलीता को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भूतों की कहानियां और अफवाहें लोगों के द्वारा बनाई जाती हैं, लेकिन यह हमेशा सत्य नहीं होता।”

करण ने पिताजी के बयान को समझा और उसे भूतों के डर से छुटकारा मिला। उसे आज भी वह रात का वह दिन याद है जब उसने अपने डर का सामना किया और उसे पार कर लिया। उसकी यह घटना सबको यह सिखाती है कि आपको सच्चाई का सामना करना चाहिए और अफवाहों से बचना चाहिए।

6.भयानक घर

एक गांव में एक पुराना घर था, जिसे सभी लोग भूतिया घर के रूप में जानते थे। कहानी के अनुसार, वहां एक समय एक अजीब रहस्यमय संघर्ष हुआ था, जिससे लोग वहां जाने से डरते थे।

एक दिन, एक बहादुर और साहसी युवक नाम हर्षित ने यह सुनकर कि वहां कुछ अनोखा होता है, उस भूतिया घर का सामना करने का निर्णय लिया। हर्षित के मन में सिर्फ उत्साह था, वह बहुत जिज्ञासु था और चुपचाप रात के अंधेरे में भूतिया घर की ओर बढ़ गया।

जब वह घर के पास पहुंचा, तो उसे बहुत ही अजीब और खौफनाक लगा। वह अपने हृदय को धीरे से धीरे से धकेलता हुआ घर के अंदर चला गया। वहां रात के अंधेरे में, उसने अनेक छोटी-बड़ी ध्वनियों को सुना और वातावरण में एक अनूठी संतुष्टि का अनुभव किया।

धीरे-धीरे, हर्षित ने वहां के सभी कोनों को खोजा और अंत में एक पुरानी ज़मीनी किताब मिली। उस किताब के पन्ने कई सौ साल पुराने थे, लेकिन उसकी सामग्री भयानक थी। वह ज़मीनी किताब भूतों के संबंध में थी और कह रही थी कि यदि कोई व्यक्ति उस घर में रुकता है तो उसकी आत्मा उस स्थान से कभी वापस नहीं जा पाएगी।

हर्षित को इस दिव्य संग्रहालय में कुछ खुदाई करते हुए वक्त बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन धीरे-धीरे, उसे अपने आसपास वातावरण के बदलते साये भी दिखने लगे। अपने आगे बढ़ते ही, वह देखा कि घर के एक कोने में एक व्यक्ति का रूप लिया हुआ कोई अस्तित्व उसे देख रहा है।

उस व्यक्ति के चेहरे पर दयालुता थी, लेकिन भयानक दुख भी था। हर्षित के धड़कने तेज हो गई और उसने वहां से पलटकर भागने की कोशिश की, लेकिन वह बंद दरवाजे के पास पहुंचते ही वह दरवाजा बंद हो गया।

हर्षित का दिल धड़क रहा था, वह भय से काँप रहा था। वह व्यक्ति उसे प्राकृतिक रूप से अनुरोध करते हुए बोला, “कृपया मेरी मदद कीजिए। मैं इस घर में एक आत्मा की भटकने वाली आत्मा हूँ जिसकी आत्मा को आज़ाद करने की आपकी सहायता की ज़रूरत है।”

हर्षित को व्यक्ति की विनती और दयालुता का अहसास हुआ। उसने वहां बढ़कर व्यक्ति को साथ लेने का निर्णय किया और साथ में उस भूत आत्मा की स्वतंत्रता के लिए काम करने लगे।

व्यक्ति के मार्गदर्शन में, हर्षित ने उस भूत आत्मा को आज़ाद करने के लिए प्रयास किया। दिन बितते गए और व्यक्ति ने उस आत्मा की सभी परेशानियों का सामना किया। आख़िरकार, उसने उस आत्मा को आज़ाद किया और उसके दिल में एक अदभुत संतुष्टि महसूस हुई।

आत्मा को आज़ाद करके, भूतिया घर के रहस्य का पर्दाफाश कर दिया गया। उस घर को अब लोग भय से परे नहीं देखते थे। हर्षित को लोगों की आदर और सम्मान मिला, और उसके बारे में गांव में भी एक प्रसिद्धि हो गई।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि भय को हमें अपने अंदर नहीं आने देना चाहिए, और दयालुता के साथ दूसरों की मदद करना हमेशा उचित होता है। यदि हम भय के साथ साहसी और दयालु बनें, तो हम अपने जीवन में खुशियाँ और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

7.भूतिया जगह का रहस्य

किसी छोटे से गांव में एक पुराना मंदिर था, जिसे लोग बड़े समर्पण और आदर से पूजते थे। गांव के लोगों का मानना था कि मंदिर में एक भूत रहता है, जिसके कारण मंदिर रात के समय भूतिया बन जाता था।

एक बार, गांव में एक युवक नामकरण हुआ। वह उत्साही और विचारशील था, और उसे यह बात पसंद नहीं थी कि लोग मंदिर के भूत की बातें करते रहते हैं। उसने तय किया कि वह इस मान्यता को खंडित करने का प्रयास करेगा।

वो जबरदस्ती रात के समय मंदिर में गया, जब उसे लोगों का मानना था कि भूत दिखता है। अवस्था बड़ी भयानक थी, लेकिन वह निर्भीक दिल से आगे बढ़ा। वह लालचित होकर एक पुराने बक्से को खोलने लगा, जिसके अंदर एक छोटी सी कागज़ी किताब थी।

उस किताब में लिखे थे कई पुराने लेख, जिनमें बताया गया कि भूतिया घटनाएं और असलीत में क्या होता है। वह किताब बताती थी कि मंदिर के भीतर एक गुप्त पाठशाला थी, जहां ब्राह्मण ऋषियों ने ज्ञान की बातें सिखाई थीं। वे रिश्तों, धर्म, और दुनियादारी के महत्वपूर्ण सिद्धांतों की बातें करते थे।

नामकरण ने इस किताब का अध्ययन किया और उसके द्वारा पाए गए ज्ञान का सार गांव के लोगों के साथ साझा किया। इससे गांव की मानसिकता बदल गई और भूतिया मंदिर अब एक ज्ञान केंद्र बन गया।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि ज्ञान और विचारशीलता की शक्ति किसी भी भयानक या अज्ञात चीज़ को भी समझने में मदद कर सकती है। भूतिया या अजीब चीज़ों के पीछे का रहस्य आमतौर पर ज्ञान और समझ की कमी से होती है, और यह कहानी हमें इस बात का सबूत देती है।

कृपया ध्यान दें कि यह कहानी काल्पनिक है और किसी वास्तविक घटना पर आधारित नहीं है।

8.भूतिया हवेली

किसी छोटे से गाँव में एक पुराने हवेली की कहानी है। यह हवेली गाँव के बीच में एक अकेले पहाड़ी पर बनी थी और उसे बहुत समय से बिना किसी देखभाल के छोड़ दिया गया था।

गाँववालों के बीच में इस हवेली के बारे में भूतों की कहानियाँ बस चुकी थीं। कहते थे कि रात के समय वहाँ अजीब-अजीब आवाजें आती थीं, अजनबी दिखावट आती थी, और बेहद डरावनी घटनाएँ होती थीं। यह किस्से उसी दरिंदगी ने बिखेर दिए थे जिन्होंने हवेली की प्रतिमा को भी अपने कहानियों में जुड़ दिया था।

गाँव के युवा बच्चे रात के समय हवेली के पास नहीं जाने की कोशिश करते थे, क्योंकि वे डर के मारे हवेली के पास जाने का सोचने से ही कंपने लगते थे। लेकिन एक दिन, गाँव का एक बहादुर लड़का रमेश ने मना किया कि वह जाकर देखे कि क्या सचमुच में कुछ भूतिया हो रहा है वहाँ।

उस रात, रमेश हवेली की ओर बढ़ते ही सुनने लगा कि अचानक कोई वायोलिन की ध्वनि आने लगी है, और वह धीरे-धीरे बढ़ती हुई थी। ध्वनि इतनी सुंदर और मनमोहक थी कि नामकरण कुछ समय तक खो गया। धीरे-धीरे, हवेली का दरवाजा खुल गया और वहाँ एक रूप किसी लड़की का दिखाई दिया। वह लड़की वायोलिन बजाती हुई थी और उसकी आँखों में एक अजनबी खीचक की बात थी।

रमेश ने धीरे से पूछा, “तुम कौन हो?” वह लड़की उसके पास आई और बोली, “मैं यहाँ के रहने वाली हूँ, सिर्फ रात को ही मेरी आवाज़ सुन सकते हो तुम।”

रमेश ने अच्छी तरह से बातचीत की और उस लड़की के साथ एक अद्भुत संबंध बना लिया। उसने जान लिया कि वह लड़की का नाम व्रिंदा था और वह यहाँ एक समय में रहने वाली प्रिय गाँववाली थी। एक दिन, वह गाँव की यात्रा पर निकली थी और उसका समय यहीं रुक गया था। वह इस हवेली में बंद रह गई और उसकी आत्मा आज भी वहीं है।

व्रिंदा ने बताया कि वह यहाँ आती-जाती रहती है और यह वायोलिन उसकी आत्मा की आवाज़ है जो उसने इस हवेली में छोडी है। रमेश ने उसके साथ वक्त बिताना शुरू किया और उनकी कहानियों के बीच एक गहरा बंधन बन गया।

इस कहानी से सिख निकलती है कि दिखावट से ज्यादा हकीकत महत्वपूर्ण होती है और अक्सर हमारी डर की वजह से हम कई अच्छी चीजों को छोड़ देते हैं। नामकरण ने अपने डर को पार करके एक नई मित्रता की शुरुआत की और उसने दिखाया कि हकीकत में भी बहुत सारी खूबसूरतियाँ छिपी होती हैं।

आपके लिए: –

समाप्ति

तो आपको Horror stories in Hindi कैसा लगा? मुझे उम्मीद है डरावनी कहानियां पढ़ने में आपको बहुत मजा आया होगा। अगर आपके दोस्तों को या घर के लोगों को horror story पढ़ने में रूचि रखते हैं, तो ये लेख उन सबके साथ जरूर share करें। और बीच-बीच में इस आर्टिकल को पढ़ते रहें क्योंकि हर हफ्ते हम एक नई कहानी जोड़ेंगे।

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Hindi short stories with moral : क्या आप अपने बच्चे को कहानियां सुनाना चाहते हो? अगर आप सोच रहे हो की कहानियां के साथ कुछ शिक्षा मिल जाये तो बच्चों के लिए अच्छा होगा. तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्यूंकि ये लिख में आपको शिक्षा के साथ कहनियाँ मिलने वाला है.

Hindi short stories with moral

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1.      एक किसान और उसके बेटे

कहानी : एक किसान के तीन बेटे थे. सभी स्वस्थ और हट्टे-कट्टे थे. लेकिन वे हमेशा आपस में लड़ते-झगड़ते रहते और इसी में अपना समय और शक्ति नष्ट कर देते थे. पिता की सीख पर उनका ध्यान नहीं जाता. वे पिता की सलाह हमेशा सुनी-अनसुनी कर देते थे.

एक बार किसान बहुत बीमार पड़ा. उसने अपने नौकर से सुखी पतली लकड़ियों का एक गट्ठर लाने कहा. जब लकड़ियों का गट्ठर आ गया, तो उसने अपने तीनों बेटों को बुलाने के लिए भेजा. जब बेटे उसके पास आ गए, तो किसान ने तीनों से लकड़ी के गट्ठे को तोड़ने के लिए कहा. तीनों ने अपनी-अपनी भरसक कोशिश की और समूची ताकत लगा दी, लेकिन उनमें से कोई गट्ठर को न तोड़ सका.

अब किसान ने नौकर से लकड़ियों का गट्ठा खोल देने को कहा और लड़कों को एक-एक लकड़ी तोड़ने के लिए कहा. गट्ठा के खुलते ही लकड़ियाँ अलग-अलग बिखर गई.

इस पर उस वृद्ध किसान ने कहा, “मेरे प्यारे बच्चों, इस अनुभव से एक सबक सीखो. जब तक तुम एक रहते हो, तुम्हारा कोई कुछ बिगड़ नहीं सकता. बिखरते ही बिनाश निश्चित है.”

उस दिन के बाद उन बेटों का कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ.

शिक्षा : एकता में शक्ति है. एकता ही बल. 

2.     चींटी और झींगुर

कहानी : एक जवान झींगुर था. वह गर्मियों और वसंत के सुहावने दिनों में गाना गाता रहता था. उस समय उसे खाने के लिए पर्याप्त भोजन आसानी से मिल जाता था. उसे कोई चिंता नहीं थी. लेकिन कुछ दिनों के बाद सर्दियों शुरू हो गई. समूची जमीन बरफ से ढक गई. पेड़ों पर फूल और पत्तियाँ तक नहीं बचीं. अब उसे खाने को कुछ नहीं मिला.

नजदीक ही बहुत-सी चींटियाँ रहती थी. उन्होंने गर्मियों और वसंत में कड़ी मेहनत करके सर्दियों के दिनों के लिए काफी भोजन इकट्ठा कर लिया था.

जब झींगुर भूखा मरने लगा, तो वह एक चींटी के पास पहुँचा और उसने गिड़गिड़ा कर उसे कुछ भोजन उधार देने को कहा. चींटी ने साफ इंकार कर दिया. चींटी ने झींगुर से पूछा कि क्या उसने गर्मियों के दिनों में कुछ भोजन सर्दियों के दिनों के लिए इकठ्ठा नहीं कर लिया था? झींगुर ने कहा कि उन दिनों तो वसंत अपने पुरे यौवन पर था, इसलिए वह सारे समय गाता ही रहा.

चींटी ने उत्तर दिया, “यदि  तुम वसंत और गर्मियों भर गाते रहे हो-तो तुम इन सर्दियों भर नाचते रहो.” ऐसा कहकर उसने उस बेवकूफ झींगुर को निकाल बाहर किया.

शिक्षा :       

  • बिना तकलीफ के कोई लाभ नहीं होता.
  • हमें अवसर का हमेशा लाभ उठाना चाहिए.
  • मुसीबत के दिनों के लिए कुछ बचा कर रखना चाहिए.

3.     दो कंजूस

कहानी : बड़ा सुहावना दिन था. दो कंजूस कहीं जा रहे थे. एक कुएं पर उनकी मुलाकात हो गई. उन्होंने अपने-अपने थैलों से रोटियाँ निकाली और खाना खाने के लिए आराम से बैठ गए.

पहले कंजूस ने अपना घी का बर्तन निकाला और अपने सामने रख लिया. उसने एक रोटी लेकर उसे घी के बर्तन छुआ दिया. उसने नाममात्र का घी रोटी पर लगाया.

दूसरा कंजूस हँसा. पहले कंजूस ने उससे हँसने का कारण पूछा. दूसरे कंजूस ने उत्तर दिया, “घी इस्तेमाल करने के मेरे तरीके को देखा. तुम अपना घी बराबर कर रहे हो.” इस पर पहले कंजूस ने पूछा, “ऐ दोस्त! तुम घी कैसे इस्तेमाल करते हो?” दूसरे कंजूस ने घी बिलकुल नहीं लगाया. लेकिन रोटी का हर टुकड़ा अपने मूँह में रखने से पहले वह उसे केवल घी के बर्तन की और दिखा देता था. पहला कंजूस यह देख कर बड़ा प्रसन्न हुआ. उसने भी अपने मित्र की ही भाँति घी का इस्तेमाल शुरू कर दिया.

शिक्षा : कंजूसी सभी के लिए एक अभिशाप है. 

4.      किसान और साँप     

कहानी : जाड़े का मौसम था. एक दिन तीसरे पहर खूब बरफ पड़ी. एक बूढ़ा किसान अपने घर लौट रहा था. उसे रास्ते में एक साँप मिला. वह कड़ाके की ठण्ड से जम गया था. किसान को सांप पर दया आ गई और वह उसे अपनी छड़ी पर लटका कर घर ले आया.

जमे हुए सांप को देखकर कर किसान के बच्चे बड़े प्रसन्न हुए और जलती हुई आग सामने उससे खेलने लगे. जलती हुई आग की गर्मी के प्रभाव से कुछ समय बाद ही साँप में जीवन देखने लगे.

 अब साँप धीरे-धीरे रेंगने लगा. किसान को यह देखकर बड़ा अचम्भा हुआ कि साँप ने अपना सिर उठा लिया और फुंफकार कर उसके एक बच्चे को काटने के लिए लपका. किसान को बड़ा गुस्सा आया. उसने साँप को अपनी छड़ी से तत्काल मार डाला.

शिक्षा : किसी का स्वभाव नहीं बदला जा सकता.

5.     भेड़िया और मेमना

कहानी : एक भेड़िया पानी पीने के लिए एक चश्में के किनारे गया. वह भूखा भी था. जब वह पानी पी रहा था, तो उसे एक मेमना दिखाई पड़ा. मेमना भी चश्में से नीचे की ओर पानी पी रहा था. मेमने को देखकर भेड़िये के मुँह में पानी भर आया और उसे खाने की इच्छा जाग पड़ी. उसने सोचा, “कितना सुन्दर मांसल मेमना है. इसे खाकर मेरी तृप्ति हो जाएगी.” तब उसने मेमने से झगड़ा करने की ठान ली. इसलिए वह झगडे के लिए किसी बहाने की तलाश करने लगा. वह मेमने के पास जाकर बोला, “ऐ ! दुष्ट मेमने, तुमने पानी गन्दा क्यों कर दिया? क्या तुम्हें दिखाई नहीं देता कि में पानी पी रहा हूँ?”

इस पर मेमने ने बड़ी शांति से उत्तर दिया, “श्रीमान ! पानी तुम्हारे पास से होकर मेरे पास आ रहा है. में तुमसे नीचे की ओर हूँ. में तुम्हारे पानी को कैसे गन्दा कर सकता हूँ.” इस पर भेड़िये ने कहा, “तुमने मुझे पिछले वर्ष गालियाँ क्यों दी थीं?” मेमने ने फिर बड़ी शांति से उत्तर दिया. “श्रीमान ! मैं तो एक वर्ष पहले पैदा भी नहीं हुआ था.” इस पर भूखा भेड़िया गुर्राया और बोला, “तो वह निश्चय ही वह तुम्हारा पिता रहा होगा.”

शिक्षा : दुष्ट व्यक्ति जे सामने कोई तर्क नहीं ठहरता

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