Career Archives - Hindibichar https://hindibichar.in/category/career/ Gyan ka bhandar Tue, 09 Apr 2024 18:10:34 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.3 https://hindibichar.in/wp-content/uploads/2020/06/cropped-Hindi-bichar-1-32x32.png Career Archives - Hindibichar https://hindibichar.in/category/career/ 32 32 2023 में सफल यूट्यूबर कैसे बने – How to become youtuber https://hindibichar.in/saphal-youtuber-kaise-bane/ https://hindibichar.in/saphal-youtuber-kaise-bane/#respond Tue, 29 Aug 2023 10:36:33 +0000 https://hindibichar.in/?p=2666 यूट्यूबर कैसे बने: पहले हर बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर और टीचर बनने के लिए तैयार होता था। लेकिन अब ...

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यूट्यूबर कैसे बने: पहले हर बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर और टीचर बनने के लिए तैयार होता था। लेकिन अब इस इंटरनेट दुनिया में हर कोई यूट्यूबर बनना चाहता है। और बने भी क्यों न, यूट्यूब आप घर हो या बाहर कहीं से भी कर सकते हैं। यूट्यूब आपको आपकी रुचि के अनुसार काम करने की सुविधा देता है, जो यूट्यूबर बनने के लिए सबसे बड़ी प्रेरणाओं में से एक है।

भारत में यूट्यूबर कैसे बने

यूट्यूबर बनने के लिए आपको निम्नलिखित स्टेप्स का पालन करना आवश्यक है:

  1. विषय चुनाव: सबसे पहला कदम है एक विषय चुनना जिसमें आपका रुचि हो और जिस पर आप वीडियो बनाने में रुचि रखते हों। यह विषय कुछ ऐसा हो सकता है जिसमें आपके पैशन और ज्ञान का प्रदर्शन हो सके.
  2. वीडियो निर्माण और संपादन: एक अच्छे यूट्यूब चैनल के लिए अच्छे वीडियो आवश्यक हैं। आपको एक अच्छा कैमरा या स्मार्टफोन, अच्छे माइक्रोफोन, और वीडियो संपादन सॉफ़्टवेयर की आवश्यकता होगी।
  3. उत्कृष्ट सामग्री: आपके वीडियो की सामग्री आकर्षक और मूल होनी चाहिए। यह आपकी बनाई गई वीडियो की गुणवत्ता और रूचि को दर्शाता है।
  4. नियमितता: आपको नियमित रूप से वीडियो अपलोड करना होगा। नियमितता से आपके दर्शक आपके चैनल को धीरे-धीरे पसंद करने लगेंगे।
  5. आदर्श दर्शक समूह निर्माण: अपने चैनल को प्रमोट करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स का उपयोग करें और एक आदर्श दर्शक समूह निर्माण करने का प्रयास करें।
  6. वीडियो विचारों की जांच: आपको अपने दर्शकों के विचारों का मानना चाहिए और उनकी प्रतिक्रियाओं का सम्मान करना चाहिए। यह आपके चैनल के विकास में मदद कर सकता है।
  7. मोनेटाइजेशन: आप अपने यूट्यूब चैनल को मोनेटाइज कर सकते हैं, जिसके लिए आपको यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम में पंजीकरण करना होगा। इसके बाद, आप वीडियो देखने वालों से पैसे कमा सकते हैं।
  8. नैतिक मानदंड और सावधानियाँ: आपको यूट्यूब प्लेटफ़ॉर्म के नैतिक मानदंड का पालन करना होगा। आपकी सामग्री को मनोरंजनप्रिय और शिक्षाप्रद बनाने का प्रयास करें और किसी भी तरह की अवैध या आपत्तिजनक सामग्री से बचें।

यूट्यूब पर सफल होने में कितना टाइम लगता है?

यूट्यूब पर सफल होने में समय की अधिकता निर्भर करती है क्योंकि यह कई अंशों पर निर्भर करता है, जैसे कि आपके वीडियो के प्रकार, निर्माण प्रक्रिया, लक्ष्य, परिश्रम, और आपके टारगेट दर्शक के साथ बनाए गए संबंधों की मात्रा।

कुछ लोगों को तुरंत सफलता प्राप्त हो सकती है, जबकि दूसरों को सालों तक इसमें मेहनत करनी पड़ सकती है। यहां कुछ प्रमुख मानदंड हैं जो यूट्यूब पर सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं:

  1. उच्च गुणवत्ता के वीडियो: आपके वीडियो की गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण है। उच्च गुणवत्ता और समर्पितता के साथ बनाए गए वीडियो आपके दर्शकों को आकर्षित करेंगे और उन्हें आपके चैनल पर लौटने के लिए प्रेरित करेंगे। “Quality over quantity” आपके दिमाग में हमेशा ये लाइन याद रहना चाहिए।
  2. नियमितता: नियमितता बहुत महत्वपूर्ण है। आपको नियमित रूप से नए वीडियो अपलोड करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि आपके दर्शक जानते रहें कि आपके चैनल पर नयी वीडियो की प्रतीक्षा कर सकते हैं।
  3. आकर्षक संग्रहण: अपने वीडियो के आकर्षक संग्रहण का ध्यान रखें। आपके वीडियो के थंबनेल, शीर्षक और विवरण को दर्शकों को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन किया जाना चाहिए।
  4. दर्शक संवाद: आपके दर्शकों के साथ संवाद बनाने का प्रयास करें। उनके टिप्पणियों और प्रतिक्रियाओं का उत्तर देने का प्रयास करें और उन्हें अपने चैनल के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में महसूस कराने का प्रयास करें।
  5. सोशल मीडिया प्रसारण: आपके वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर साझा करने से आपके चैनल की पहचान बढ़ सकती है।
  6. निवेशक समर्थन: प्रारंभिक दिनों में सफलता प्राप्त करने के लिए आपके पास समर्थकों का समर्थन होना जरूरी होता है, जैसे कि दोस्त, परिवार आदि।

यूट्यूबर बनने के फायदे

यूट्यूबर बनने के कई फायदे हो सकते हैं। यह एक पूरे व्यावसायिक पैमाने पर नहीं है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह एक अच्छा माध्यम हो सकता है जो अपनी पेशेवर जुनून, हुनर, ज्ञान या मनोरंजन को साझा करना चाहते हैं। निम्नलिखित कुछ फायदे हो सकते हैं:

  1. आत्म पदोन्नति: यूट्यूब पर अपनी वीडियो को दुनियाभर में पहुंचाने का माध्यम होता है। आपके द्वारा बनाई गई वीडियो लोगों तक पहुंचकर आपके विचारों, अभिव्यक्ति और क्रिएटिविटी को प्रमोट कर सकती है।
  2. साक्षरता और ज्ञान का साझा करना: यदि आपके पास किसी विशेष विषय में ज्ञान है, तो आप उसे अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से साझा कर सकते हैं। आप लोगों को सिखाने, ट्यूटरिंग करने, गाइड करने और शिक्षा प्रदान करने का माध्यम बन सकते हैं।
  3. सामाजिक प्रभाव: यूट्यूब प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से आप लोगों के साथ जुड़ सकते हैं और उन्हें प्रभावित करने का मौका मिलता है। आप विशेष विषयों पर बातचीत का माध्यम बना सकते हैं और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में सहायक भूमिका निभा सकते हैं।
  4. पैसे कमाने का मौका: यूट्यूब पर वीडियो बनाने से आप पैसे भी कमा सकते हैं। जब आपके चैनल पर पर्याप्त सब्सक्राइबर और व्यूज़ होते हैं, तो आप विज्ञापन आय, स्पॉन्सरशिप, यूट्यूब प्रीमियम सदस्यता, यूट्यूब प्रेमियर, और मर्चेंडाइज़िंग के माध्यम से पैसे कमा सकते हैं।
  5. स्थायिता और पहचान: अगर आपके पास उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो हैं और आपने अपने निश्चित निच और उन्नति की दिशा में काम किया है, तो आप अपनी पहचान बना सकते हैं।
  6. नए कौशल और अनुभव: यूट्यूब वीडियो बनाने में आपने वीडियो संपादन, संचालन, भाषण कौशल, और डिजिटल माध्यमों के बारे में नए कौशल सीख सकते हैं, जो आपके करियर के लिए उपयोगी हो सकते हैं।

आपके लिए: –

ये था यूट्यूबर कैसे बने पर एक छोटा आर्टिकल। अगर आपका कोई भी दोस्त यूट्यूबर बनना चाहता है तो ये लेख उनके साथ जरूर शेयर करें। अगर आप यूट्यूब में करियर बनाने के कुछ अच्छे टिप्स जानते हैं तो हमारे साथ जरूर शेयर करें।

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2023 में डिजिटल मार्केटिंग में करियर कैसे बनाये https://hindibichar.in/digital-marketing-mein-career-kaise-banaye/ https://hindibichar.in/digital-marketing-mein-career-kaise-banaye/#respond Mon, 28 Aug 2023 05:25:53 +0000 https://hindibichar.in/?p=2662 डिजिटल मार्केटिंग में करियर कैसे बनाये: इस इंटरनेट की दुनिया में डिजिटल मार्केटिंग में करियर बनाना एक सही ...

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डिजिटल मार्केटिंग में करियर कैसे बनाये: इस इंटरनेट की दुनिया में डिजिटल मार्केटिंग में करियर बनाना एक सही निर्णय है। और अभी हर जगह इंटरनेट होने के कारण डिजिटल मार्केटिंग में करियर बनाने का सुनहरा मौका भी है। डिजिटल मार्केटिंग एक ऐसा करियर विकल्प जिसमें में छात्रों की रुचि दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस रुचि को देखते हुए आज मैंने ये आर्टिकल आपके लिए लेकर आया हूँ। इस आर्टिकल में डिजिटल मार्केटिंग करने के क्या फायदे और नुकसान हैं, अगर आप डिजिटल मार्केटिंग को करियर के रूप में ले रहे हैं तो आपको कितनी सैलरी मिल सकती है और भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

डिजिटल मार्केटिंग में करियर कैसे बनाये

डिजिटल मार्केटिंग आजकल एक बहुत ही प्रसिद्ध करियर विकल्प है, जिसमें आपको इंटरनेट और डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके विभिन्न मार्केटिंग और प्रमोशन की प्रक्रिया में मदद करनी होती है। यहाँ कुछ कदम हैं जो आपको डिजिटल मार्केटिंग में करियर बनाने में मदद कर सकते हैं:

  1. शिक्षा और सीखना: डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में नौकरी प्राप्त करने के लिए आपको इसके बारे में गहरी जानकारी प्राप्त करनी होगी। आप विभिन्न ऑनलाइन स्रोतों, किताबों, वीडियो कोर्सों, और सर्टिफिकेशनों का उपयोग करके डिजिटल मार्केटिंग के बारे में सीख सकते हैं।
  2. विशेषज्ञता चुनना: डिजिटल मार्केटिंग एक व्यापक क्षेत्र है और इसमें अनेक सारे क्षेत्र हैं जैसे कि सामाजिक मीडिया मार्केटिंग, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO), पेड पर क्लिक (PPC) विज्ञापन, ईमेल मार्केटिंग, आदि। आपको विशेष क्षेत्र चुनने में मदद करने वाली विशेषज्ञता चुनने की आवश्यकता होगी।
  3. प्रैक्टिकल अनुभव: सीखने के साथ-साथ, आपको अधिक से अधिक व्यावसायिक अनुभव प्राप्त करना चाहिए। यह आपकी समझ को मजबूती से बढ़ाएगा और आपको वास्तविक समस्याओं का समाधान निकालने में मदद करेगा।
  4. सर्टिफिकेशन प्राप्त करना: डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में प्रमाणिक सर्टिफिकेशन प्राप्त करना आपके करियर को आगे बढ़ा सकता है। Google Ads, Google Analytics, HubSpot, Facebook Blueprint आदि कुछ प्रसिद्ध प्लेटफ़ॉर्म हैं जो सर्टिफिकेशन प्रदान करते हैं।
  5. पोर्टफोलियो तैयार करना: अपने काम का एक पोर्टफोलियो तैयार करना महत्वपूर्ण है। आप अपने सफल प्रोजेक्ट्स के उदाहरण और उनके परिणामों को दिखा सकते हैं।
  6. नेटवर्किंग: डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में नेटवर्किंग करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। विभिन्न डिजिटल मार्केटिंग इवेंट्स, सेमिनार्स, और वेबिनार्स में भाग लेने से आपके नेटवर्क और ज्ञान में वृद्धि होगी।
  7. आगामी रुझानों का पता लगाना: डिजिटल मार्केटिंग क्षेत्र में नए रुझान और तकनीकी विकास होते रहते हैं। आपको इसे निगरानी रखने और नए टूल्स और तकनीकों का अध्ययन करके अपने ज्ञान को अपडेट करते रहना चाहिए।

यदि आप इन स्तरों का पालन करते हैं, तो आप डिजिटल मार्केटिंग क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। धैर्य, मेहनत, और सीखने की उत्सुकता सफलता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण होती हैं।

डिजिटल मार्केटिंग में ४ प्रकार क्या हैं

डिजिटल मार्केटिंग विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन मार्केटिंग की एक विशेष श्रेणी है, जिसमें इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करके विभिन्न तरीकों से उपयोगकर्ताओं तक पहुंचा जाता है। यहां डिजिटल मार्केटिंग के चार प्रमुख प्रकार हैं:

  1. इंटरनेट सर्च मार्केटिंग (Search Engine Marketing – SEM): SEM में यह प्रयास किया जाता है कि वेबसाइट को सर्च इंजन पर उच्च रैंक मिले ताकि उपयोगकर्ताएं उसे आसानी से खोज सकें। यहां प्रमुख तकनीक होती है प्रायोजित लिंक्स का उपयोग करके पेड और पेड प्लेसमेंट की प्रक्रिया, जिसमें आप विभिन्न कीवर्डों पर विज्ञापन दिखा सकते हैं जो उपयोगकर्ताओं के सर्च परिणाम में प्रदर्शित होते हैं।
  2. सोशल मीडिया मार्केटिंग (Social Media Marketing – SMM): इसमें सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स (जैसे कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, लिंक्डइन आदि) का उपयोग करके आप अपने उत्पादों या सेवाओं को प्रमोट कर सकते हैं। यहां आप सामाजिक नेटवर्क के उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद करने, उनकी प्रतिक्रियाएँ प्राप्त करने और उन्हें अपने ब्रांड के साथ जुड़ने का माध्यम बना सकते हैं।
  3. ईमेल मार्केटिंग (Email Marketing): इसमें आप ईमेल के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को संदेश भेजकर उन्हें आपके उत्पादों, सेवाओं, सूचनाओं और प्रस्तावों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। यह एक प्रमुख तरीका है उपयोगकर्ता संबंधित सामग्री को प्रसारित करने के लिए और ग्राहक संबंध बनाने के लिए।
  4. कंटेंट मार्केटिंग (Content Marketing): इसमें आप उच्च गुणवत्ता वाली और मानवीयता से भरपूर सामग्री (जैसे कि आर्टिकल, ब्लॉग पोस्ट, वीडियो, पॉडकास्ट आदि) बनाकर साझा करते हैं जो आपके उपयोगकर्ताओं के लिए मूल्यवान हो सकती है। यहां का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को जागरूक करना, उन्हें मानवीय अनुभव प्रदान करना और उन्हें आपके ब्रांड के साथ जुड़ने में मदद करना होता है।

ये चार प्रमुख डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार हैं, लेकिन इसके अलावा भी अन्य प्रकार के डिजिटल मार्केटिंग तकनीकें भी हो सकती हैं जैसे कि आफ़िलिएट मार्केटिंग, वीडियो मार्केटिंग, इन्फ्लूएंसर मार्केटिंग आदि।

इंडिया में डिजिटल मार्केटिंग की सैलरी कितनी होती है

भारत में डिजिटल मार्केटिंग के पदों की सैलरी विभिन्न कारणों पर निर्भर करती है, जैसे कि कंपनी का आकार, स्थान, अनुभव, पद का प्रकार, और व्यक्तिगत कौशल।

डिजिटल मार्केटिंग में कुछ प्रमुख पद निम्नलिखित हो सकते हैं और उनकी औसत सैलरी कुछ लाख रुपये प्रति वर्ष से शुरू होकर कुछ करोड़ रुपये प्रति वर्ष तक हो सकती है:

  1. डिजिटल मार्केटिंग एक्जिक्यूटिव/असिस्टेंट: यह पद डिजिटल मार्केटिंग के विभिन्न क्षेत्रों में सहायक कार्यों को संभालता है, जैसे कि सोशल मीडिया प्रबंधन, ईमेल मार्केटिंग, आदि। आमतौर पर इस पद की सैलरी लाखों रुपये प्रति वर्ष से शुरू हो सकती है।
  2. डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर: एक मार्केटिंग टीम की प्रमुख समर्थन और नेतृत्व प्रदान करने वाले व्यक्ति को डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर कहा जाता है। उनकी सैलरी आमतौर पर पांच लाख से दस लाख रुपये प्रति वर्ष तक हो सकती है, लेकिन यह इसके आगे भी बढ़ सकती है।
  3. डिजिटल मार्केटिंग डायरेक्टर: बड़ी कंपनियों में, डिजिटल मार्केटिंग डायरेक्टर उच्च स्तर के प्रबंधकों के रूप में काम करते हैं और उनकी सैलरी लाखों रुपये प्रति महीने से शुरू हो सकती है।
  4. डिजिटल मार्केटिंग कंसल्टेंट: स्वतंत्र कंसल्टेंट्स या कंसल्टिंग फर्मों में डिजिटल मार्केटिंग कंसल्टेंट की सैलरी विशेष प्रोजेक्ट्स और अनुभव पर निर्भर करती है, और उनकी सालाना कमाई एक करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकती है।

कृपया ध्यान दें कि ये संख्याएँ आमतौर पर हैं और अधिकांश उपयोगकर्ताओं के अनुभव के आधार पर अलग हो सकती हैं। इसके अलावा, बाजार की परिस्थितियों और आर्थिक प्रगति के साथ साथ स्थानिक अनुभव भी सैलरी पर प्रभाव डाल सकते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग करने के फायदे

डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग ऑनलाइन माध्यमों के साथ विभिन्न डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स का उपयोग करके आपके व्यवसाय की पहुंच बढ़ाने और उसे विभिन्न ऑनलाइन जनसंवादन स्तरों पर बनाने का मतलब होता है। यह कई तरह के फायदे प्रदान कर सकता है:

  1. विस्तारित पहुंच: डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से आप अपने उत्पाद और सेवाओं को विश्वभर में पहुंचा सकते हैं। आपकी व्यवसायिक वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स, ईमेल मार्केटिंग, ब्लॉगिंग, आदि के माध्यम से आपका उत्पाद और सेवाएं लोगों तक पहुंच सकती हैं।
  2. सस्ती और प्रभावी: डिजिटल मार्केटिंग ट्रैडिशनल मार्केटिंग की तुलना में कम खर्च में अधिक प्रभावी हो सकता है। आप अपने लक्ष्य और दर्शकों के साथ संदेश को अधिक संवेदनशील और सटीक तरीके से साझा कर सकते हैं।
  3. भागीदारी की बढ़ोतरी: सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर यदि आप अपने उपयोगकर्ताओं के साथ नियमित रूप से संवाद करते हैं, तो आपकी उनसे एक गहरा संवाद बन सकता है और उनकी बातचीत में भागीदारी बढ़ सकती है।
  4. निरंतरता: आप डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से नियमित रूप से अपनी उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद कर सकते हैं और उन्हें नए उत्पाद या सेवाओं के बारे में सूचित कर सकते हैं, जिससे आपका व्यवसाय उनकी ध्यान में बना रहता है।
  5. आकर्षक और सामग्री: आप आकर्षक और मूल्यक्रिया सामग्री जैसे वीडियो, ग्राफिक्स, ब्लॉग पोस्ट, पॉडकास्ट, आदि के माध्यम से आपकी उपयोगकर्ताओं को आकर्षित कर सकते हैं, जिससे उन्हें आपकी विशेषता और वैशिष्ट्यों का पता चल सके।
  6. परिणामों की व्याख्या: डिजिटल मार्केटिंग के अनुसार, आप अपने कैंपेन्स के परिणामों को आसानी से मॉनिटर और माप सकते हैं, जैसे कि वेबसाइट ट्रैफ़िक, सोशल मीडिया लाइक्स और शेयर्स, ईमेल खोलने की दर, आदि।
  7. निर्विवाद टारगेटिंग: डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से आप आपकी लक्ष्य जनसंख्या के साथ आकर्षण बना सकते हैं। विभिन्न पैमाने के डेमोग्राफिक्स, इंटरेस्ट्स, ऑनलाइन व्यवहार आदि की माहिती का उपयोग करके, आपकी कैंपेन उन्हें जो लोगों को सबसे अधिक प्रभावित करेगा, उन्हें दिख सकती है।

यह सिर्फ कुछ फायदे हैं जो डिजिटल मार्केटिंग प्रदान कर सकता है। इसका उपयोग करके आप अपने व्यवसाय को ऑनलाइन दुनिया में उच्चतम स्तर तक पहुंचा सकते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग करने के नुकसान

डिजिटल मार्केटिंग करने के कुछ फायदे होने के साथ साथ कुछ नुकसान भी है:

  1. अयोग्य या अवैध तरीकों का उपयोग: डिजिटल मार्केटिंग के दौरान, यदि आप अयोग्य या अवैध तरीकों का उपयोग करते हैं जैसे कि स्पैम ईमेल्स, फेक प्रोमोशनल कंटेंट या नकली ऑफर्स, तो यह आपकी ब्रांड की छवि को हानि पहुँचा सकता है।
  2. सोशल मीडिया में गलती से व्यक्तिगत जानकारी की छिपाई: डिजिटल मार्केटिंग के दौरान, यदि आप गलती से व्यक्तिगत जानकारी को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देते हैं, तो यह आपकी और आपके ग्राहकों की गोपनीयता को खतरे में डाल सकता है।
  3. अच्छे और गलत ऑनलाइन रिव्यू: आपके उत्पादों या सेवाओं के बारे में लोगों के द्वारा ऑनलाइन रिव्यू का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है। गलत रिव्यू आपकी ब्रांड की मानसिकता को क्षति पहुँचा सकते हैं।
  4. अप्रभावी ऑनलाइन प्रस्तुति: अगर आपकी वेबसाइट अप्रभावी है, तो यह आपके उपयोगकर्ताओं को गुमराह कर सकता है और उन्हें आपके ब्रांड से दूर कर सकता है।
  5. सामाजिक या कॉर्पोरेट गलतियाँ: डिजिटल मार्केटिंग के प्रबंधन के दौरान, विचारहीन या अपवादपूर्ण पोस्ट, ट्वीट्स या किसी अन्य प्रकार के सामाजिक मीडिया कंटेंट के कारण ब्रांड को नुकसान हो सकता है।
  6. प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाना: डिजिटल मार्केटिंग में प्रतिस्पर्धा काफी तेजी से बढ़ रही है और अगर आप नए ट्रेंड्स और तकनीकों का सही समय पर इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो आप प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकते हैं।
  7. जानकारी की कमी: डिजिटल मार्केटिंग उपायोगकर्ताओं को नए और सुविधाजनक तरीकों से आपके उत्पादों या सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने की अनुमति देता है, लेकिन अगर आप इस जानकारी को सही तरीके से प्रबंधित नहीं करते हैं, तो आपकी ब्रांड की सटीकता पर असर पड़ सकता है।

इन नुकसानों से बचने के लिए, आपको उचित डिजिटल मार्केटिंग रणनीतियों का पालन करना आवश्यक है और ध्यान देने वाले कुछ महत्वपूर्ण मामूले शामिल हैं: गुणवत्ता पर ध्यान देना, संवादना और उत्तरदायित्व, ग्राहक की सुनने और समझने की क्षमता, और नवाचार का सही समय पर इस्तेमाल करना।

आपके लिए: –

ये था 2023 में डिजिटल मार्केटिंग में करियर कैसे बनाये पर लेख। उम्मीद है ये लेख पढ़कर आपको आईडिया मिल गया होगा की डिजिटल मार्केटिंग में सारी कैसे बनाये जाते हैं। आप इस लेख को अपने उन दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं जो डिजिटल मार्केटिंग में रुचि रखते हैं।

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2024 में पढ़ाई कैसे करें – How to Study In Hindi https://hindibichar.in/padhai-kaise-kare-hindi/ https://hindibichar.in/padhai-kaise-kare-hindi/#respond Sat, 27 May 2023 15:40:47 +0000 https://hindibichar.in/?p=2361 Padhai kaise kare: शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम वास्तव में जीवन को बेहतर बना सकते ...

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Padhai kaise kare: शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम वास्तव में जीवन को बेहतर बना सकते हैं। पढ़ाई करना सबके लिए अनिवार्य है। लेकिन सही तरीके से पढ़ाई कैसे करें, ये बात कभी किसी ने आपको बताया है। अगर आप जानना चाहते है की पढ़ाई करने का सही तरीका क्या है और पढ़ाई को रूचि बनाने के लिए क्या क्या कदम ले सकते हैं। तो नीचे लिखे गए आर्टिकल आपके लिए है।    

पढ़ाई कैसे करें – How to study

  1. समय सारणी बनाएं: अपने दिन को संगठित करने के लिए एक समय सारणी बनाएं। निर्धारित समय में पढ़ाई करने के लिए निश्चित समय अवधि निर्धारित करना जरूरी है।
  2. उचित और शांतिपूर्ण माहौल सृजित करें: शांतिपूर्ण और निरंतरता से पढ़ाई करने के लिए एक सुसज्जित माहौल सृजित करें। एक चुनौतीमय और आरामदायक स्थान ढूंढें जहां आप निश्चित रूप से अवाज और अविश्रांति के साथ पढ़ाई कर सकें।
  3. ध्यान केंद्रित करें: ध्यान केंद्रित करने के लिए विभिन्न चीजों में से एक का चयन करें, जैसे कि ध्यान देने की एक विशेष स्थान, मंत्र या ध्यान विधि। इससे आपकी मनःस्थिति सुधारेगी और आप बेहतर ढंग से ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
  4. अवधारणाओं को स्पष्ट करें: पढ़ाई से पहले, यह महत्वपूर्ण होता है कि आप वह स्पष्ट करें कि आपको क्या सीखना है और आपके लक्ष्य क्या हैं। यदि आपके पास स्पष्ट उद्देश्य होंगे, तो आप अपने पढ़ाई को उस दिशा में संरेखित कर सकेंगे।
  5. नियमित रूप से ब्रेक लें: लंबे समय तक निरंतर पढ़ाई करने से थकान हो सकती है और आपका ध्यान भटक सकता है। नियमित रूप से छोटे-छोटे ब्रेक लें और ठीक से आराम करें, ताकि आपका मन ताजगी और उत्साह से भरा रहे।
  6. नोट्स बनाएं और समीक्षा करें: पढ़ाई करते समय महत्वपूर्ण पॉइंट्स का नोट बनाएं और समीक्षा करें। यह आपको ज्ञान को ध्यान में रखने और बार-बार पढ़ने से मदद करेगा।
  7. निरंतरता बनाएं रखें: अपनी पढ़ाई के लिए निरंतरता बनाएं रखें। अपनी निरंतरता को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्यपूर्ण आहार लें, पर्याप्त नींद लें और व्यायाम करें।
  8. स्वतंत्रता स्थापित करें: अपने आप को अवकाश और मनोरंजन का समय दें, ताकि आपका जीवन संतुलित रहे। स्वतंत्रता स्थापित करने से आपकी मनोदशा बेहतर होगी और आप पढ़ाई में अधिक उत्साहित रहेंगे।
  9. समूह में पढ़ाई करें: कुछ बच्चों का समूह में पढ़ने का मन नहीं करता, लेकिन ग्रुप में पढ़ाई करना भी फायदेमंद होता है। समूह में पढ़ाई करने से आपको अन्य विचारों और धृष्टियों का संघटित निरीक्षण मिलता है। साझा करने के माध्यम से आप अपनी समझ को दूसरों के साथ बढ़ा सकते हैं और नए आविष्कारों के लिए प्रेरित हो सकते हैं।
  10. स्वास्थ्य और स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली का ध्यान रखें: अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण रूप से,अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। स्वस्थ रहने के लिए नियमित व्यायाम करें, सही भोजन लें, पर्याप्त पानी पिएं और स्वस्थ मनोवृत्ति बनाए रखें। स्वस्थ होने से आपकी मनस्थिति और पढ़ाई क्षमता में सुधार होगा।

मोबाइल से पढ़ाई कैसे करें

आजकल ऑनलाइन क्लास बहुत चल रही है। और बच्चे लैपटॉप और मोबाइल में क्लास करते हैं। लेकिन ज्यादातर बच्चे मोबाइल में क्लास करते हैं। मोबाइल से पढ़ने वाले छात्रों के लिए नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं:-

  1. अच्छा एप्लिकेशन चुनें: मोबाइल ऐप स्टोर पर अनेक पढ़ाई संबंधित ऐप्स उपलब्ध हैं। एक अच्छा ऐप चुनें जो आपकी आवश्यकताओं को पूरा कर सके, जैसे कि नोट लेने, पीडीएफ दस्तावेज़ पढ़ने, फ़्लैशकार्ड या क्विज़ खेलने की सुविधा हो।
  2. स्क्रीन को आदर्श बनाएं: मोबाइल स्क्रीन को सही ढंग से आदर्श बनाएं ताकि आपकी आंखें अच्छी तरह से पढ़ने के लिए स्क्रीन पर स्थिर हो सकें। उपयुक्त दिन के समय में, ज्यों की दिन के पहले पहर के समय, स्क्रीन की रौशनी पर विशेष ध्यान दें और यदि आप चाहें तो उपयुक्त लाइटिंग के लिए एक नियमित स्थान का चयन करें।
  3. आवाज़ को स्थिर रखें: अपने डिवाइस के आवाज़ सेटिंग्स को अद्यतन करें और एक ठंडी और खामोश स्थान में पढ़ाई करने का प्रयास करें। इससे आपको शोर और उत्प्रेरणा से बचाया जा सकता है और आप ध्यान से पढ़ाई कर सकते हैं।
  4. उपयुक्त ऐप्स का उपयोग करें: ऐप्स के उपयोग से आप अधिकांश पढ़ाई सामग्री तक पहुंच सकते हैं, जैसे कि ई-पुस्तकें, नोट्स, वीडियो पाठ्यक्रम आदि। इसके अलावा, कुछ ऐप्स मनोरंजन के साथ-साथ पढ़ाई की भी गतिविधियों का समर्थन करते हैं, जैसे कि क्विज़ खेलना या व्यायाम करना।
  5. समय प्रबंधन करें: मोबाइल पर पढ़ाई करते समय प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है। अव्यवस्थित समय के बजाय एक निर्धारित समय तय करें, जिस समय पर आप निरंतर ध्यान केंद्रित कर सकें। अधिक सक्रिय समय के दौरान, छोटे अवधियों में छोटे ध्यान केंद्रण को ध्यान में रखें और निरंतरता को बनाए रखने के लिए ध्यान केंद्रित करें।
  6. संयुक्त समय का उपयोग करें: जब आप मोबाइल पर पढ़ाई कर रहे हों तो संयुक्त समय का उपयोग करें। जब आप उपयोगकर्ता सामग्री को खोजने और पढ़ने के बीच स्विच करते हैं, तो आप समय की बचत कर सकते हैं और अपनी पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं होने देंगे।
  7. व्यक्तिगतीकरण करें: मोबाइल ऐप्स आपको अपनी पढ़ाई को व्यक्तिगत बनाने की सुविधा प्रदान करते हैं। आप अपनी अभिरूचियों, प्राथमिकताओं और उद्देश्यों के अनुसार ऐप्स की सेटिंग्स और विकल्पों को अनुकूलित कर सकते हैं। इससे आपकी पढ़ाई अधिक सक्रिय और मनोयोग्य होगी।

पढ़ाई की लत कैसे लगाएं

  1. मंत्रध्यान करें: पढ़ाई के लिए सबसे पहले आपको अपने मन को स्थिर और शांत करना होगा। अपने मन को संयमित और एकाग्र करने में ध्यानाभ्यास योग आपको मदद कर सकता है। 
  2. उद्यमपूर्वक लक्ष्य निर्धारित करें: अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करें और उन्हें लिखित रूप में नोट करें। इससे आपको पढ़ाई के लिए संघर्ष करने की आवश्यकता और प्रेरणा मिलेगी।
  3. स्वास्थ्य और ध्यान का ध्यान रखें: स्वस्थ रहना आपके मन की स्थिति और संचालन के लिए महत्वपूर्ण है। अपने शरीर की देखभाल करें, समय-समय पर व्यायाम करें और पौष्टिक आहार लें।
  4. समय व्यवस्था करें: एक अच्छी समय व्यवस्था आपको पढ़ाई के लिए अधिक समय देगी और आपको अन्य गतिविधियों के लिए संरक्षित करेगी। अपने समय को समझें और एक निर्धारित अध्ययन समय तालिका तैयार करें।
  5. छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित करें: अपने बड़े लक्ष्य को छोटे-छोटे लक्ष्य में भाग करके अनुसरण करना एक अच्छा उपाय है। इससे आपको संघर्ष के दौरान स्वयं को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
  6. स्वयं अध्ययन का वातावरण बनाएं: अपने अध्ययन के लिए शांत और निर्विघ्न वातावरण बनाएं। एक शांत कमरे में पढ़ने की कोशिश करें, अशांति और अवरुद्धि से दूर रहें।
  7. स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता विकसित करें: आपको अपनी पढ़ाई पर नियंत्रण रखने के लिए स्वतंत्र और आत्मनिर्भर होना होगा। अपनी जिम्मेदारियों को समय पर पूरा करें और प्रोक्षित चीजों से दूर रहें।
  8. संगठित नोट्स बनाएं: जब आप पढ़ रहे हों, तो महत्वपूर्ण टॉपिक्स को संगठित नोट्स बनाएं। इससे आपकी समझ में मदद मिलेगी और पुनरावृत्ति की प्रक्रिया कम होगी।
  9. आवास्यक सुविधाओं की व्यवस्था करें: अपनी पढ़ाई के लिए आवास्यक सुविधाओं की व्यवस्था करें। एक शांत और आरामदायक स्थान, पुस्तकालय या अलग स्टडी रूम का उपयोग करें।
  10. मनोरंजन समय का संतुलन बनाएं: सभी काम और कोशिशों के बीच मनोरंजन का समय निकालें। यह आपको ताजगी और मनोबल प्रदान करेगा।
  11. समृद्ध और प्रेरक पढ़ाई के स्रोतों का उपयोग करें: विभिन्न स्रोतों से पढ़ाई के लिए पुस्तकें, अध्ययन सामग्री, वेबसाइट, वीडियो, आदि प्राप्त करें। यह आपको पढ़ाई को रोचक और प्रेरणादायक बनाएगा।
  12. स्वाध्याय के लिए समृद्धता को अपनाएं: अपने स्वाध्याय को रुचिकर बनाने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करें, जैसे कि रिव्यू प्रश्न-उत्तर, मनचाहे खुद संवाद, चित्रों और चार्ट्स का उपयोग, आदि।

सुबह पढ़ाई करने के फायदे

  1. ध्यान केंद्रित करने की क्षमता: सुबह की स्थिति आपके दिमाग को शांत और स्थिर रखने में मदद कर सकती है। यह आपको पढ़ाई में अधिक समर्पित बनाता है और आपकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाता है।
  2. ताजगी: सुबह उठने के बाद, आपका मन और शरीर ताजगी भर जाते हैं। इसलिए, आपकी सोचने की क्षमता, स्मृति, और ग्रहण शक्ति पढ़ाई के लिए अधिक तेज होती है।
  3. नियमितता: सुबह पढ़ाई करना आपको नियमितता का आदान-प्रदान करता है। इसे एक नियमित रूप से अपने दैनिक जीवन में शामिल करने से, आप अपने अध्ययन की गति को बनाए रख सकते हैं और नए विषयों को अधिक गहराई से समझ सकते हैं।
  4. नई शुरुआत: सुबह पढ़ाई करने से आप अपने दिन की शुरुआत करते हैं, जो आपके लिए सकारात्मक और उत्साहजनक होती है। यह आपको समय प्रबंधन करने की क्षमता देता है और आपके अध्ययन के लिए प्राथमिकता स्थापित करता है।
  5. चिंता कम करना: सुबह के समय पढ़ाई करना आपको उस दिन की चिंताओं और तनाव से दूर रखता है। जब आप पहले ही दिन की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं, तो आप अपने दिन को आत्मविश्वास के साथ शुरू करते हैं और उसे बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं।

आपके लिए:-

निष्कर्ष

उम्मीद है यह लेख पढ़ने के बाद आप जान गए होंगे सही तरीके सही पढ़ाई कैसे करें। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने साथी छात्रों के साथ जरूर शेयर करें। ऊपर दिए गए टिप्स में से कौन सा टिप्स आपके लिए ज्यादा फायदेमंद है, कमेंट में जरूर बताएं।

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2024 में लॉ की पढ़ाई कैसे करे https://hindibichar.in/law-ki-padhai-kaise-kare/ https://hindibichar.in/law-ki-padhai-kaise-kare/#respond Tue, 23 May 2023 18:17:43 +0000 https://hindibichar.in/?p=2357 law ki padhai kaise kare: अगर आप लॉ की पढ़ाई करने के बारे में सोच रहे है, तो ...

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law ki padhai kaise kare: अगर आप लॉ की पढ़ाई करने के बारे में सोच रहे है, तो आप बिलकुल सही जगह पे आये हैं। लॉ की पढ़ाई करने से पहले आपके पास कुछ बेसिक ज्ञान होना जरूरी है, जो इस लेख में बताया गया है। 

लॉ की पढ़ाई आप विभिन्न स्तरों पर कर सकते हैं, जैसे लो स्नातक (LLB), स्नातकत्तर (LLM), और फिर अधिकारी पद के लिए।  

लॉ की पढ़ाई कैसे करे

  1. कुछ विषयों के में जानकारी प्राप्त करे: लॉ एक विषय है जिसमें बहुत सारे उप विषय होते हैं, जैसे संविधानिक विधि (Constitutional Law), नागरिक विधि (Civil Law), दाण्डिक विधि (Criminal Law), आदि। पहले आपको इस विषय के बारे में सामान्य जानकारी प्राप्त करनी होगी, जैसे की इसके क्या अधिकार और कर्त्तव्य होते हैं।
  2. किसी लॉ कॉलेज में एडमिशन ले: लॉ पढ़ाई करने के लिए आपको एक लॉ कॉलेज में एडमिशन लेना होगा। आपको एंट्रेंस परीक्षा देना होगा, जैसे CLAT (Common Law Admission Test) या स्टेट-लेवल लॉ एंट्रेंस परीक्षा। इन परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के बाद आप लॉ कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं। 
  3. लॉ कॉलेज में पढ़ाई करें: लॉ कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए आपको अपने पसंदीदा विषय में विशेष डिग्री (LLB) प्राप्त करनी होगी। LLB आम तौर पर 3 साल की होती है। इसमें आपको संविधान, व्यवस्था, न्याय व्यवस्था, तथ्यों के समर्थन पर विवेचना, वकील का काम, अधिवक्ता, अदालत आदि के बारे में पढ़ाया जाता है।    
  4. प्रैक्टिकल ज्ञान प्राप्त करें: लॉ के अभ्यास के दौरान, आपको लॉ को समझने और समझाने के लिए प्रैक्टिकल ज्ञान प्राप्त करना होगा। इसके लिए इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेना चाहिए। यह आपको सही तरीके से लॉ के तत्व को समझने और उन्हें व्यावहारिक रूप से उपयोग करने का अवसर देते हैं।
  5. बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के अनुसार प्रमाण पत्र प्राप्त करे: लॉ पढ़ाई पूरी होने के बाद, आपको बार काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। इसके बाद ही आप वकील या अधिवक्ता के रूप में प्रतिष्ठित हो सकते हैं और न्यायलय में मुक़दमा लड़ सकते हैं।
  6. नियमित अभ्यास जारी रखे: लॉ एक प्रवाहिक विषय है जिसमें नियमित अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण है। हमेशा न्यायशास्र, न्यायलय निर्णय, नए कानून,  विधिक विश्लेषण पर अध्यन करते रहें। इसके साथ ही, वकीलों द्वारा लिखित और मौलिक रूप से तैयार किये गये कार्य प्रणालियों का भी अध्ययन करें।  
  7. अप टू डेट रहें: लॉ एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें नए कानून प्रस्तुत होते रहते हैं और न्यायालयों द्वारा निर्णय लिए जाते हैं। इसलिए, आपको हमेशा विधिक समाचार, न्यायिक प्रक्रिया, और न्यायलय निर्णयों पर नजर रखें। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देशों और वकील संगठन के द्वारा संचालित कार्यक्रमों में हिस्सा लेना चाहिए। 

लॉ का पढ़ाई करने में कितना खर्च होता है

लॉ का पढ़ाई करने में खर्च का मामला कई प्रकार के पाठ्यक्रम पर निर्भर करेगा, जिनमें स्नातक और स्नातकोत्तर (LLB और LLM) पाठ्यक्रम शामिल हैं, और देश और विश्वविद्यालय के अनुसार भी अलग-अलग हो सकता है।

आम तौर पर, प्राइवेट और सरकारी कानूनी कॉलेजों में एलएलबी (बैचलर ऑफ लॉ) पाठ्यक्रम की विभिन्न श्रेणियों में विद्यार्थियों को प्रवेश लेने के लिए एक प्रवेश परीक्षा होती है। प्रवेश परीक्षा शुल्क, कैंपस फीस, किताबें, जीवन यापन और अन्य सामग्री आपके खर्चों के अंदर आते हैं।

यहां एक उदाहरण दिया जा रहा है ताकि आपको एक व्यापक धारणा मिल सके। इसे केवल उदाहरण के रूप में लें, यह वास्तविक आंकड़े से अलग हो सकता है:

  1. प्रवेश परीक्षा शुल्क: प्रवेश परीक्षा शुल्क विश्वविद्यालय और कॉलेज के नियमानुसार अलग-अलग होते हैं। इसका माध्यमिक स्तर प्रवेश परीक्षा के आधार पर सामान्य रूप से कुछ हजार रुपये से शुरू हो सकता है।
  2. कैंपस फीस: कैंपस फीस भी कॉलेज के प्रकार और स्थान के आधार पर अलग हो सकती है। यह फीस सालाना या प्रतिस्पर्धा (Competition) के हिसाब से भी हो सकती है। कुछ सरकारी कॉलेजों में फीस काफी कम होती है, जबकि प्राइवेट कॉलेजों में यह अधिक हो सकती है। यह फीस करीब ₹50,000 से लेकर ₹5,00,000 या उससे अधिक तक भी हो सकती है।
  3. किताबें और स्टडी मटेरियल: एलएलबी के दौरान किताबें और स्टडी मटेरियल की खरीद के लिए भी आपको पैसा खर्च करना पड़ेगा। यह खर्च किताबों की संख्या, लेखक और विश्वविद्यालय के नियमों पर निर्भर करेगा। आमतौर पर, इसका आपका खर्च करीब ₹10,000 से ₹50,000 तक हो सकता है।
  4. जीवन यापन और अन्य खर्च: छात्र अपने जीवन यापन और आवास की व्यवस्था के लिए अतिरिक्त खर्च भी कर सकते हैं। यह आपके रहने के स्थान, खान-पान, ट्रांसपोर्टेशन और अन्य खर्चों पर निर्भर करेगा। इसका आकलन करने के लिए, आपको अपने स्थान के मूल्यांकन को शामिल करना चाहिए। इसका आकलन करने में आपको मासिक और वार्षिक खर्च के आधार पर एक उच्चतम और निम्नतम रेंज का ध्यान देना चाहिए। इसका आकलन व्यक्तिगत आवश्यकताओं और इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।

आपके लिए:-

निष्कर्ष

ये था लॉ की पढ़ाई कैसे करे पर हमारा लेख। उम्मीद है ये लेख से आप लॉ की पढ़ाई के बारे में जान गए होंगे। लॉ को लेकर अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमसे पूछ सकते हैं। और किस शिक्षा के बारे में आप आर्टिकल चाहते है आप हमें कमेंट में बता सकते हैं।   

Law को हिंदी में क्या कहा जाता है?

कानून.

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एक्टर कैसे बने – How to become an actor in Hindi https://hindibichar.in/actor-kaise-bane-hindi/ https://hindibichar.in/actor-kaise-bane-hindi/#respond Thu, 18 May 2023 02:22:50 +0000 https://hindibichar.in/?p=2352 Actor kaise bane: बचपन में हम सभी ने कभी न कभी खुद को हीरो या हीरोइन जरूर माना ...

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Actor kaise bane: बचपन में हम सभी ने कभी न कभी खुद को हीरो या हीरोइन जरूर माना होगा। लेकिन अभिनय क्षेत्र के प्रति दिशा और ज्ञान के अभाव में कई बच्चों का कलाकार बनने का सपना टूट जाता है। पर जो कलाकार बनना चाहते है उनको इंटरनेट को धन्यवाद देना चाहिए। क्यूंकि आजकल आप एक क्लिक करने पर जान जाते है की “actor कैसे बने“।

आज आप इस लेख में जानेंगे की एक्टर बनने के लिए आपको सही में क्या क्या करना पड़ेगा।

एक्टर कैसे बने – How to become an actor in Hindi

  1. प्रशिक्षण प्राप्त करें: अपने अभिनय को सही करने के लिए, नाटक या अभिनय के प्रशिक्षण का अवसर ढूंढे। एक्टिंग स्कूल में प्रवेश लेकर, अभिनय, डायलाग बोलना, शारीरिक व्यवहार, और ध्यान को विकसित करें।
  2. अभिनय क्षेत्र में अनुभव प्राप्त करें: रंगमंच, नाटक, स्ट्रीट प्लेस, और अन्य अभिनय कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर अपने अभिनय क्षेत्र में अनुभव प्राप्त करें। अपने अभिनय को प्रतिबिम्बित करने के लिए वीडियो पोर्टफोलिओस बनाये।
  3. ऑडिशंस और कास्टिंग कॉल्स के लिए तैयार रहे: एक्टिंग ऑडिशंस, कास्टिंग कॉल्स, और टैलेंट एजेंसीज के अपडेटस का नियमित रूप से पता लगाते रहे। ऑडिशन में हिस्सा लेने का अवसर पाने के लिए रिज्यूमे और पोर्टफोलियो तैयार रखे।     
  4. सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करें: अपने अभिनय क्षेत्र के बारे में अपडटेस, अपने अभिनय के क्लिप्स, और पोर्टफोलियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे यूट्यूब, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन पर शेयर करे।     
  5. एक्टिंग प्रोजेक्ट्स पर काम करे: अपने क्षेत्र में या लोकल लेवल पर एक्टिंग प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लें। शार्ट फिल्म्स, वेब सीरीज, या इंडिपेंडेंट फिल्म्स में काम करके अपने रिज्यूमे को और एक्टिंग स्किल्स को विकसित करें।

एक बात हमेशा याद रखें,अपने अभिनय के शुरुआत दिनों में ज्यादा एक्सपेरिमेंट न करें।   

  • इंडस्ट्री में नेटवर्क बनाये: अपने आस-पास इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स के साथ नेटवर्किंग करें। इवेंट्स, वर्कशॉप्स, एक्टिंग सेमिनार और फिल्म फेस्टिवल्स में शामिल हो और लोगो से कनेक्ट करे।
  • निर्देशकों, प्रोड्यूसर्स, और कास्टिंग एजेंट्स के साथ संपर्क बनाये: अपने अभिनय क्षेत्र के प्रोफेशनल्स के साथ संपर्क बनाये और अपने टैलेंट्स को दिखाये। एक्टिंग एजेंसीज या टैलेंट मैनेजमेंट कम्पनीज के साथ जुड़ने का विचार करे, जिन्होंने अभिनय के अलावा भी आपकी प्रशिक्षण, ऑडिशंस, और करियर को सहायता प्रदान कर सकते हैं।

याद रखें की अभिनय इंडस्ट्री बहुत प्रतिकूल होने के साथ साथ समर्थनात्मक भी होती है। प्रशिक्षण, निर्माणिक प्रयोग, और व्यापक नेटवर्क बनाने के साथ-साथ प्रतिभा, मेहनत, समर्पण की आवश्यकता होती है।   

घर बैठे एक्टर कैसे बने?

घर बैठे एक्टर बनने के लिए कुछ उपाय:

  1. ऑनलाइन एक्टिंग क्लास ज्वाइन करें: इंटरनेट पर आजकल कई प्लेटफॉर्म है जो ऑनलाइन एक्टिंग क्लासेस ऑफर करते है। इन क्लासेस में आपको अभिनय की मूल बातें, शारीरिक व्यवहार और डायलॉग डिलीवरी सिखाया जाता है।
  2. अपने अभिनय का सुधार करें: घर में अकेले होते हुए, आप अपने अभिनय का सुधार कर सकते है। आप मोनोलॉग्स, डायलॉग्स और सीन्स की रिहेर्सल कर सकते हो। कैमरा के सामने अपने अभिनय का रिकॉर्ड करके खुद को देखे और इम्प्रूव करने की कोशिश करे।
  3. सोशल मीडिया का सहारा लें: अपने अभिनय का प्रदर्शन करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करे। यूट्यूब, इंस्टाग्राम, और मोज जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अपने अभिनय के क्लिप्स, मोनोलॉग या शार्ट स्किट्स अपलोड करे। इससे आपको एक्सपोज़र मिलेगा और लोग आपके अभिनय से परिचित हो सकते है।
  4. सेल्फ-ऑडिशंस दें: कास्टिंग साइट्स और सोशल मीडिया ग्रुप्स पर आप सेल्फ-ऑडिशंस के लिए आवेदन कर सकते है। कास्टिंग निर्देशक अक्सर ऑनलाइन ऑडिशंस लेते है और टैलेंटेड कलाकार को मौका देते है। आप अपने पोर्टफोलियो, रिज्यूमे और सेल्फ-टेप ऑडिशंस के साथ निवेदन कर सकते है।  
  5. खुद को नियमित रूप से अपडेट करे: अभिनय इंडस्ट्री में होने वाले ऑडिशंस, कास्टिंग कॉल्स और वर्कशॉप्स के अपडेट्स के लिए अपने आपको नियमित रूप से अपडेट रखे। वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से ये अपडेट्स मिलते है। इससे आप मौका का फायदा उठा सकते है। 

हमेशा याद रखे की अभिनय एक प्रतिकूल और समय मांगने वाला क्षेत्र है। अपने अभिनय को इम्प्रूव करने के लिए प्रतिभा, मेहनत और नियमित अभ्यास आवश्यक है।  

चाइल्ड एक्टर कैसे बने?         

  1. परिवार की अनुमति: बच्चे एक्टर बनने से पहले, अपने परिवार के साथ इस बारे में बात करे और उनकी अनुमति प्राप्त करे। बच्चे को एक्टिंग की दुनिया में शामिल होने के लिए परिवार का समर्थन महत्वपूर्ण है।  
  2. एक्टिंग स्कूल ज्वाइन करे: बच्चे को फॉर्मल एक्टिंग क्लास या ड्रामा स्कूल में नामांकन करने से फायदा होता है।  यहाँ, बच्चे को एक्टिंग के मूल सिद्धांत और अभ्यास सिखाया जाता है। 
  3. ऑडिशन में भाग ले: ऑडिशन में हिस्सा लेना, बच्चे को एक्टिंग इंडस्ट्री में मौका प्रदान करता है।  ऑनलाइन और ऑफलाइन ऑडिशन की जानकारी हासिल करे और उनमें भाग ले। बच्चे का एक अच्छा पोर्टफोलियो तैयार करना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है।   
  4. टैलेंट एजेंसी से जुड़े: बच्चे को एक अच्छी टैलेंट एजेंसी या कास्टिंग डायरेक्टर ढूंढना फायदेमंद हो सकता है। ये एजेंसीज बच्चे को ऑडिशंस के लिए रिप्रेजेंट कर सकती हैं और उन्हें अच्छी एक्टिंग प्रोजेक्ट्स के लिए मौका प्रदान कर सकती हैं।  
  5. एक्टिंग अनुभव को बढ़ाएं: स्कूल प्ले, कम्युनिटी थिएटर या लोकल प्रोडक्शंस में भाग लेना, बच्चे के लिए अच्छा तरीका है अपने अभिनय क्षमता को प्रदर्शित करने का। 

बच्चे से ज्यादा, बच्चे के माता पिता को ये समझना चाहिए की एक्टिंग में सफलता पाने के लिए निरंतर मेहनत और धैर्य आवश्यक है। 

सीरियल एक्टर कैसे बने

  1. एक्टिंग स्किल्स का विकास करे: सीरियल एक्टिंग में महारत होना जरूरी है। इसके लिए एक्टिंग या ड्रामा स्कूल ज्वाइन करके एक्टिंग स्किल्स को विकसित करे। सीखें की कैसे सही रूप से डायलॉग बोलना, व्यवहार करना, और व्यक्तित्व को प्रकट करना।
  2. पोर्टफोलियो तैयार करें: एक अच्छा पोर्टफोलियो तैयार करें। इसमें अपनी तस्वीर, संपर्क जानकारी, अभिनय उपलब्धियां, और ट्रेनिंग का विवरण होना चाहिए। पोर्टफोलियो को अपडेट करते रहे।   
  3. ऑडिशन में जाएं: एक्टिंग करियर में प्रवेश करने के लिए ऑडिशन पहला कदम होना चाहिए। ऑडिशन पर पहुँचने के लिए समय पर तैयार हो जाये और अपने काबिलियत को सही तरीके से प्रदर्शित करे। 
  4. टीवी सीरियल के लिए स्क्रीन टेस्ट दे: कास्टिंग निर्देशक की तरफ से स्क्रीन टेस्ट का आमंत्रण प्राप्त होने पर तैयार रहे। स्क्रीन टेस्ट में आपको दिए गए डायलॉग्स या परिस्थितियां पर दिखाना होता है की आप एक कैरेक्टर को सही तरीके से प्रस्तुत कर सकते है या नहीं।
  5. प्रोजेक्ट्स ढूंढे: टीवी प्रोडक्शन, चैनल्स, और कास्टिंग एजेंसीज के निर्धारित प्रोजेक्ट्स को ट्रैक करे। ऑडिशन और कास्टिंग कॉल्स की जानकारी प्राप्त करने के लिए उनकी ऑफिसियल साइट्स या सोशल मीडिया एकाउंट्स को फॉलो करे।

निष्कर्ष

तो ये था एक्टर कैसे बने पर टिप्स। उम्मीद है ये लेख पढ़ने बाद आप एक्टिंग क्षेत्र की ओर एक कदम जरूर लेंगे। अगर हमारा ये लेख “Actor कैसे बने” आपको पसंद आया है तो, अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।  

एक्टर बनने के लिए कौनसी पढाई करनी पड़ती है?

एक्टर बनने के लिए किसी निश्चित पढाई की आवश्यकता नहीं होती है। पढाई के बजाये, आपको अपने शौक और कला को विकसित करना चाहिए। कुछ लोग एक्टिंग के लिए फॉर्मल ट्रेनिंग जैसे ड्रामा स्कूल या एक्टिंग क्लास ज्वाइन करते हैं, जो उन्हें एक्टिंग के मूल सिद्धांतो और अभ्यास में मदद कर सकते हैं। प्रमुखतः,आपको प्रदर्शन का अनुभव, रंगमंच या अभिनय में रूचि और प्रतिभा की ज़रुरत होती है।

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सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने – How to become a software engineer in Hindi https://hindibichar.in/software-engineer-kaise-bane-hindi/ https://hindibichar.in/software-engineer-kaise-bane-hindi/#respond Sun, 18 Apr 2021 02:21:21 +0000 http://hindibichar.in/?p=834 सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने (How to become a software engineer in Hindi): जब हम सभी बच्चे थे और ...

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सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने (How to become a software engineer in Hindi): जब हम सभी बच्चे थे और अगर कोई हमसे पूछता था कि हम बड़े होकर क्या बनोगे, तो हमारा जवाब डॉक्टर या इंजीनियर होता था. क्योंकि हमारे देश में डॉक्टर और इंजीनियर बनने का पागलपन अन्य देशों की तुलना में अधिक है. यह तो हमारे बचपन की बात थी. पर जब हम बड़े हो जाते हैं और सही में डॉक्टर और इंजीनियर में से किसी एक में अपना कैरियर बनाना चाहते है, तो हमें सही और महत्वपूर्ण जानकारी की आवश्यकता होती है.

Doctor और engineering में से आज आप engineering के एक branch के बारे में ज्ञान प्राप्त करेंगे. वैसे तो अलग अलग प्रकार के इंजीनियर होते हैं. लेकिन आज आप केवल सॉफ्टवेयर इंजीनियर के बारे में जानेंगे. एक बात जो आपको जानना जरूरी है कि software engineer को software developer भी कहा जाता है. तो चलिए हमारे मुख्य लेख की ओर बढ़ते हैं, जो है सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने (How to become a software engineer in Hindi).

आज आप इस लेख में क्या क्या जानने को पाएंगे :-

  1. योग्यता क्या होनी चाहिए?
  2. भारत में Software engineering colleges.
  3. कौन सा कोर्स करना पड़ेगा?
  4. सॉफ्टवेयर इंजीनियर का क्या काम होता है?
  5. सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी कितनी होती है?

सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने – How to become a software engineer in Hindi

software engineer kaise bane

1.      सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?

आपको 12th में PCM (Physics, Chemistry, Mathematics) + English के साथ पास होना जरूरी है.

12th में आपके percentage कम से कम 60% होने जरूरी है.

अगर आप 12 वीं में आर्ट्स और कॉमर्स लेते हैं, तब भी आप सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग BCA (Bachelor of computer applications) के माध्यम से कर सकते हो.

2.     भारत में Software engineering colleges

Software engineering पढ़ने के लिए सही college का चयन करना जरूरी है. में आपको 6 बेहतरीन software engineering college के नाम बताऊंगा. एक बात याद रखें, आपका कॉलेज आपके जॉब प्लेसमेंट क्षेत्र में बहुत मदद करता है.

और भी बहुत सारे colleges हैं जहाँ पर आप software engineering पढ़ सकते हैं.

3.      कौन सा कोर्स करना पड़ेगा?

यहां मैं आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के डिप्लोमा, बैचलर और मास्टर डिग्री कोर्स के बारे में बताऊंगा.

डिप्लोमा – Diploma

                       कोर्स (Course)        अवधि (Duration)       योग्यता (Qualification)
Diploma in Computer science engineering              3 सालयह कोर्स आप 10 वीं पास करने के बाद कर सकते हैं.
Diploma in Information technology              3 साल10 वीं पास करने के बाद आप यह कोर्स कर सकते हैं.

बैचलर डिग्री – Bachelor degree

                               कोर्स (Course)         अवधि (Duration)
आप B.Tech (Bachelor of technology) computer science and engineering, Information technology में कर सकते हैं.        4 साल
BCA (Bachelor of computer applications)        3 साल             
B.Sc (Bachelor of science) computer science में        3 साल             

मास्टर डिग्री

                               कोर्स (Course)         अवधि (Duration)
M.tech (Master of technology)                 2 साल            
ME (Master in Engineering)                 2 साल            
M.Sc (Master of science)                 2 साल            
MCA (Master of Computer applications)                 2 साल            
  

4.      सॉफ्टवेयर इंजीनियर का क्या काम होता है?

Software engineer की जरूरत दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है. न केवल हमारे देश में बल्कि पूरी दुनिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की बहुत जरूरत है. आपको इस बात की जिज्ञासा होती होगी कि, ऐसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या करते हैं जो उनकी ज़रूरत इतनी है.

एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का मुख्य काम होता है कंप्यूटर सॉफ्टवेयर को develop और design करना.

ऐसे भिन्न-भिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर है जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर develop और design करता है. जैसे operating system, games, applications और network control system इत्यादि.   

अगर सॉफ्टवेयर में कुछ समस्या आता है, तो उसे भी ठीक सॉफ्टवेयर इंजीनियर करता है.

5.      सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी कितनी होती है?

कोई भी नौकरी करने से पहले ये एक ऐसा सवाल है जो हर किसी के दिमाग में आता है, चाहे वह नौकरी छोटा हो या बड़ा.

भारत में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का औसत वेतन हर साल 5 से 6 लाख है.

अगर बात करें विदेश की, तो वहां पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की average salary 30000 से लेकर 40000 dollar तक होती है.  

Note: – आपका वेतन आपकी company और skill पर निर्भर करता है. अगर आप ज्यादा सैलरी चाहते है, तो आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियर में expert बनना पड़ेगा.

आपके लिए:-

ये था सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने (How to become a software engineer in Hindi) पर आर्टिकल. आशा है कि यह लेख आपके लिए सहायक हुआ होगा. अगर आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के बारे में और कुछ ज्ञान है, तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं. और ये लेख को अपने उन दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं.. मिलते है अगले लेख में. धन्यवाद.

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B.Com क्या है और कैसे करे – What is B.Com in Hindi https://hindibichar.in/b-com-kya-hai-aur-kaise-kare/ https://hindibichar.in/b-com-kya-hai-aur-kaise-kare/#respond Tue, 09 Feb 2021 13:18:18 +0000 http://hindibichar.in/?p=716 B.Com क्या है (What is B.Com in Hindi): क्या आपने अभी 12 वीं पास की है और क्या ...

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B.Com क्या है (What is B.Com in Hindi): क्या आपने अभी 12 वीं पास की है और क्या आप B.Com करने की सोच रहे हो? तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. क्यों की आप बिलकुल सही लेख में आये हैं. आज इस लेख में आप B.Com के बारे में A to Z सब कुछ जानेंगे जैसे की:-

बी.कॉम क्या है, बी.कॉम में क्या पढ़ाया जाता है, एडमिशन का पूरा प्रक्रिया और भी बहुत सारे B.Com के संबंधित सवालों के बारे में आज आपको बताऊंगा.

B.Com क्या है – What is B.Com in Hindi  

बी.कॉम का मतलब होता bachelor of commerce. यह एक undergraduate कोर्स है. यह कोर्स तीन साल का होता. इन तीन सालों में आपको पुरे 6 सेमेस्टर देने होते हैं. यह जो कोर्स है यह कोर्स आपको लगभग सभी विश्वविद्यालयों और सभी कॉलेज में मिल जायेगा. जिन स्टूडेंट्स के पास 12th में कॉमर्स स्ट्रीम होता है उन स्टूडेंट्स का पहला विकल्प B.Com होता है.

बी.कॉम के लिए शैक्षिक योग्यता – Educational Qualification for B.Com

यह कोर्स करने के लिए सबसे पहले आपको 12th पास होना चाहिए और वह भी साथ में कॉमर्स स्ट्रीम के साथ. अगर आप PCM के स्टूडेंट है, तो आप यह कोर्स कर सकते हैं. क्यों की इस कोर्स के लिए आपके पास mathematics विषय होना जरूरी है. यह कोर्स को करने के लिए आपके पास 12th में कम से कम 45 से 50 प्रतिशत होने जरूरी है.

अगर आपने सिर्फ 10th पास किया है. और 10th पास करने के बाद आपने दो या तीन साल का कोई भी डिप्लोमा कोर्स किये हैं, तो आप बी.कॉम कर सकते हो. यह कोर्स को आप correspondence से भी कर सकते हैं. यानी की आपके पास रोज कॉलेज जाने का समय है, तो आप यह कोर्स को रेगुलर ही कीजिये. अगर आप रोज कॉलेज नहीं जा सकते और आपको डिस्टेंस से यह कोर्स को करना है फिर भी आप बी.कॉम कर सकते हैं. लेकिन डिस्टेंस से यह कोर्स करने के लिए आपके पास 50 से 60 प्रतिशत होना जरूरी है.

एडमिशन का पूरा प्रक्रिया    

बी.कॉम का एडमिशन का प्रक्रिया दो तरीके का होता है. एक है merit based और दूसरा है entrance exam. ज्यादातर कॉलेज में आपको इस कोर्स में merit based एडमिशन ही मिलेगा. यानी की 12th के मार्क्स के आधार पर ही एडमिशन मिलेगा. लेकिन कुछ ऐसे बड़े कॉलेज हैं जो एडमिशन entrance exam करवाते हैं.

कॉलेज फीस कितनी होती है?

हर प्राइवेट कॉलेज में बी.कॉम कोर्स की फीस अलग अलग होती है. लगभग प्राइवेट कॉलेज में जो आपका फीस जायेगा वह दस हजार से एक लाख तक का जा सकता है. यह फीस सिर्फ एक साल का होता है. गवर्नमेंट कॉलेज में आपका फीस पांच हजार से लेकर सात हजार तक जा सकता है.

बी.कॉम का सिलेबस

यह कोर्स का सिलेबस छे सेमेस्टर विभाजित होता है. यह छे सेमेस्टर में आपको क्या क्या विषय पढ़ना होगा आइये जानते है :-

  • Financial Accounting
  • Business organisation and management
  • Micro economics
  • Environmental studies
  • English
  • Macro economics
  • Business law
  • Business mathematics and statistics
  • Company law
  • Indian economy
  • Income tax laws
  • Banking and insurance
  • Indirect tax law
  • Human resource management
  • Corporate accounting
  • E-commerce
  • Auditing and corporate governance
  • Principles of marketing
  • Cost accounting
  • Computer applications in business
  • Fundamentals of financial management
  • Corporate tax planning
  • Business communication
  • Personal selling and salesmanship

B.Com करने के फायदे

जो स्टूडेंट्स साइंस और आर्ट्स पढ़ना नहीं चाहते हैं, उन स्टूडेंट्स के लिए यह कोर्स काफी अच्छा है. यह कोर्स खत्म करने के बाद आप कई सारे जॉब्स के लिए अप्लाई कर सकते हो. आप उन सब competitive exams दे सकते हैं जिनमें ग्रेजुएशन eligibility मांगा जाता है. बी.कॉम खत्म करने के बाद आप डायरेक्ट जॉब्स भी कर सकते हैं. Marketing, Office assistant, Accountant आप इस प्रकार के प्राइवेट जॉब्स आप कर सकते हैं. अगर आप बी.कॉम करने के बाद पढ़ना चाहते हैं, तो आप M.Com, MBA, CA भी पढ़ सकते हैं. और यह सब पढ़ने के बाद आप उच्च स्तरीय नौकरी भी कर सकते हैं.

रोजगार क्षेत्र क्या क्या है?

  • Banking educational industries
  • Business consultancies
  • Marketing companies
  • Foreign trade
  • Industrial houses
  • Investment banking sectors
  • Telecommunications
  • Merchant banking centers
  • Public accounting firms
  • Auditing
  • Working capital management
  • Policy planning bodies
  • Treasury and forex departments
  • Consulting
  • Manufacturing
  • Budget planning bodies

नौकरी के पद – Job positions

  • Accountant
  • Tax consultant
  • Bank PO
  • Account executive
  • Event manager
  • Travel & Tourism
  • Commodity trader
  • Actuary
  • Bookkeeper auditor
  • Budget analyst
  • Business consultant
  • Cost estimator
  • Finance manager
  • Financial analyst
  • Stockbroker
  • Chief financial officer
  • Certified public accountant
  • Chartered management accountant

वेतन – Salary

हर कोई जॉब करने से पहले सैलरी के बारे में जानना चाहता है. अगर आप उच्च स्तरीय नौकरी कर रहे हैं, तो आपका शुरुआती सैलरी हर साल लगभग दो लाख से पांच लाख तक होगा. और आपकी सैलरी कंपनी पर भी निर्भर करता है. नौकरी पाने से पहले आपके पास लगभग हर कंपनी के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी होनी चाहिए.

निष्कर्ष

तो यह था हमारा लेख B.Com क्या है और कैसे करे. अगर आप बी.कॉम करने वाले हैं, तो मुझे पूरी उम्मीद है की यह लेख आपको पसंद आया होगा. में चाहता हूँ की यह लेख को आप जितना हो सके शेयर करें. ताकि जो भी बी.कॉम करने वाले हैं उन्हें सब कुछ बी.कॉम के बारे में पहले से ही पता हो. मिलते है अगले लेख में. धन्यवाद. 

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12th कॉमर्स के बाद क्या करे – What to do after 12th commerce https://hindibichar.in/12th-commerce-ke-baad-kya-kare/ https://hindibichar.in/12th-commerce-ke-baad-kya-kare/#respond Wed, 03 Feb 2021 07:51:45 +0000 http://hindibichar.in/?p=711 12th कॉमर्स के बाद क्या करे (What to do after 12th commerce): जो स्टूडेंट्स पढ़ाई को लेकर serious ...

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12th कॉमर्स के बाद क्या करे (What to do after 12th commerce): जो स्टूडेंट्स पढ़ाई को लेकर serious रहते हैं, वे 12th के results निकलने से पहले ही आगे क्या पढ़ना चाहिए उसके बारे में सोच लेते हैं. और ज्यादातर स्टूडेंट्स confuse में पड़ जाते है की कौन सा career option उनके लिए अच्छा रहेगा. जब स्टूडेंट्स खुद अपना निर्णय नहीं ले पाते है, तो उन्हें अपने पेरेंट्स और परिवार सदस्यों के हिसाब से आगे बढ़ना पड़ता है.

ये जो सवाल है 12th कॉमर्स के बाद क्या करें?, इसमें स्टूडेंट्स दो तरह की confusion में पड़ जाते हैं. पहला confusion यह है जिसको 12th के बाद क्या करना होता है कुछ पता नहीं होता है. और दूसरे स्टूडेंट्स वह होते हैं जिनको सारे courses के बारे में पता होता है पर कौन सा कोर्स चुने जो उनके भविष्य के लिए सही रहेगा. 

अगर आप भी इन दो confusion में से किसी एक confusion में फंसे हुए हो, तो आज यह लेख आपके लिए मददगार साबित होने वाला है. क्यों की आज इस लेख में आपको 12th कॉमर्स के बाद क्या क्या करना चाहिए बताने वाला हूँ.   

12th कॉमर्स के बाद क्या करे – What to do after 12th commerce

1.      B.Com (Bachelor of commerce)

12th कॉमर्स खत्म करने के बाद 90 प्रतिशत बच्चे B.Com की ओर रुख करते हैं. क्यों की 12th के बाद B.Com एक ऐसा कोर्स है जिसमें प्रवेश करने के लिए कोई entrance exam नहीं देना पड़ता है. लेकिन बहुत ही कम कॉलेज में b.com पढ़ने के लिए entrance exam देना पड़ता है. और ज्यादातर स्टूडेंट्स को 12th के बाद सिर्फ B.Com कोर्स के बारे में पता होता है. इसलिए वे बिना कुछ सोचे समझे b.com ही चुन लेते हैं.

B.Com एक undergraduate डिग्री है. जो कि 3 साल के लिए होता है. और यह डिग्री खत्म करने के बाद आप graduate हो जाओगे. B.Com में 6 सेमेस्टर होते हैं. और आपको हर साल 2 सेमेस्टर देने होंगे.

जब आपका ग्रेजुएशन खत्म हो जाता है. उसके बाद आप अपने लिए नौकरी की तलाश शुरू करते हैं. पर आपको एक बात ध्यान में रखना चाहिए की, आजकल सिर्फ  b.com का डिग्री करना काफी नहीं है. अगर आप junior level पे काम करना चाहते हैं, तो आपके लिए b.com सही रहेगा. अगर आप उच्च स्तर में नौकरी करना चाहते हैं, तो आपको b.com खत्म करने बाद और कोई professional कोर्स करना पड़ेगा.

2.      BBA – Bachelor of business administration

12th कॉमर्स के बाद b.com की तरह bba भी एक लोकप्रिय कोर्स है. अगर आप 12th में 50 प्रतिशत के ऊपर मार्क रखते हैं, तो आप BBA पढ़ सकते हैं. और BBA भी 3 साल का कोर्स होता है. जिसमें आपको 6 सेमेस्टर देने होंगे. मतलब हर साल दो सेमेस्टर. कुछ कॉलेज और इंस्टीट्यूट में पढ़ने के लिए entrance देना पड़ता है, तो और कुछ कॉलेज और इंस्टीट्यूट में मार्क्स के आधार पर selection होता है.

ज्यादातर स्टूडेंट्स अच्छे jobs पाने के लिए BBA खत्म करने के बाद MBA करने का सोचते हैं. अगर आप MBA नहीं करना चाहते हैं, फिर भी आप BBA खत्म करके Marketing executive, Marketing manager, Sales executive, Human resource executive जैसे jobs कर सकते हैं. 

3.      BCA – Bachelor of computer applications

ये कोर्स ज्यादातर science के स्टूडेंट्स करते हैं. अगर आप कॉमर्स स्टूडेंट होकर भी करना चाहते हैं, तो फिर भी कोई problem नहीं है.

BCA भी 3 साल का कोर्स होता है. जिसमें 6 सेमेस्टर होते हैं और हर साल दो सेमेस्टर देने होते हैं. अगर BCA खत्म करने के बाद और कुछ करना चाहते है, तो आप MCA (Master of computer applications) कर सकते हो.

जितने भी स्टूडेंट्स BCA करते हैं उनमें से 90 प्रतिशत स्टूडेंट्स IT कंपनी में job करना चाहते हैं. जिसमें सैलरी बहुत अच्छा रहता है. आप BCA के बाद government नौकरी के लिए भी apply कर सकते हैं.

4.      Law

12th कॉमर्स के बाद law कोर्स करने के लिए आपको entrance देना होगा. Law कोर्स करने के लिए आप सबसे लोकप्रिय CLAT (Common law admission test) exam दे सकते हो. यह CLAT देने के लिए आपका 12th में 50 प्रतिशत मार्क्स रहना जरूरी है.

Law कोर्स पूरे 5 साल का होता है. अगर आप 3 साल के लिए करना चाहते है, तो आपको पहले graduation खत्म करना होगा. यह का कोर्स खत्म करने के बाद internship करना होता है जिसमें आपको कोर्ट कचेरी के बारे में सब कुछ बताया जाता है. Internship पूरे करने के बाद आपको किसी भी state bar council में जाके अपने आपको enroll करना जरूरी होता है. इसके बाद आपको All India Bar Examination को clear करना होगा जिसमें आपको practice का certificate मिलेगा. इसी तरह आपका law कोर्स खत्म होता है.

5.      CA – Chartered Accountant

Chartered accountant एक professional कोर्स है. और यह कोर्स ICAI के under आता है. कॉमर्स स्टूडेंट्स के लिए बाकी कोर्स के हिसाब से यह थोड़ा difficult कोर्स होता है. इसी वजह से बहुत कम स्टूडेंट्स ही CA का कोर्स करते हैं. अगर आप कड़ी मेहनत करते हैं, तो आप एक दिन जरूर CA बन जाओगे. CA कोर्स आपका hard work और patience को टेस्ट करता है.

CA कोर्स करने के लिए आपको कोई entrance देने की जरूरत नहीं है. आपको CA बनने के लिए तीन परीक्षा देना पड़ेगा. पहला है Common proficiency test, दूसरा है Intermediate (Integrated professional competence) examination, तीसरा है final examination.

6.      CS – Company Secretary

यह कोर्स 4 साल का होता है. CS कोर्स ICSI के द्वारा चलाया जाता है. आप अगर CS कोर्स खत्म कर देते हैं, तो आप ICSI के member बन जाओगे.

12th के बाद अगर आप CS पढ़ते हैं, तो आपको 3 स्टेज clear करना पड़ेगा. पहला है foundation, दूसरा है executive और तीसरा है professional. यह 3 स्टेज clear करने के बाद आपको 15 महीने की training करनी होगी. इसके बाद आप किसी कंपनी में काम कर सकते हो. याद रखें की CS का मुख्य काम है कंपनी को legal तरीके से आगे बढ़ाना है.

7.      CMA – Cost management accounting

पहले CMA कोर्स को ICWAI के नाम से जाना जाता था. CMA कोर्स के 3 स्टेज होते हैं. पहला है CMA foundation, दूसरा है CMA intermediate, तीसरा है CMA Final. और यह कोर्स में practical training 3 साल की होती है.

ICAI (Institute of cost accountants of India) साल में दो बार exam conduct कराता है. ये 3 स्टेज clear करने के लिए आप तीन साल या ज्यादा भी ले सकते हैं. तीन स्टेज में आपको 20 पेपर clear करने होंगे.

आप CMA के लिए 10th के बाद registration कर सकते हैं. पर exam देने के लिए 12th पास होना जरूरी है.

CMA कोर्स और practical training खत्म करने के बाद आप cost accountant, internal auditor, finance manager, chief financial officer के jobs कर सकते हो.

8.      Hotel Management

12th कॉमर्स के बाद शायद बहुत ही कम स्टूडेंट्स hotel management करते हुए आपको दिखेंगे. पर में आपको बता दूँ कि ऊपर दिए गए सारे कोर्स से hotel management बहुत अलग और मजेदार कोर्स है. इसलिए स्टूडेंट्स को hotel management कोर्स की ओर ध्यान देना चाहिए.

Hotel management के अंदर 5 कोर्स होते हैं:- Certificate, Diploma, Bachelors, Masters और Doctorate.

Hotel management खत्म करने के बाद आपके पास बहुत सारे job के options होते हैं जैसे:-

  • Catering Manager
  • Chef
  • Accommodation Manager
  • Event Manager
  • Hotel Manager
  • Restaurant Manager
  • Air cabin crew
  • Tourism Officer
  • Tour manager
  • Retail Manager

आपके लिए :-                                         

यह था हमारा लेख 12th कॉमर्स के बाद क्या करे (What to do after 12th commerce). उम्मीद है यह लेख आपके लिए सहायक हुआ होगा. अगर आपको यह लेख पसंद आया है, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें. मिलते है अगले लेख में. धन्यवाद.   

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क्रिकेटर कैसे बने – How to become a cricketer https://hindibichar.in/cricketer-kaise-bane-hindi/ https://hindibichar.in/cricketer-kaise-bane-hindi/#respond Fri, 11 Dec 2020 04:15:13 +0000 http://hindibichar.in/?p=642 क्रिकेटर कैसे बने (How to become a cricketer in Hindi): भारत के 90 प्रतिशत बच्चे क्रिकेटर बनना चाहते ...

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क्रिकेटर कैसे बने (How to become a cricketer in Hindi): भारत के 90 प्रतिशत बच्चे क्रिकेटर बनना चाहते हैं. लेकिन 90 प्रतिशत से सिर्फ 1 या 2 प्रतिशत बड़े होकर क्रिकेटर बनते है. क्रिकेटर बनने के लिए, आपको कड़ी मेहनत करनी होगी और एक बात याद रखनी होगी, आप शॉर्टकट तरीके से क्रिकेटर नहीं बन सकते. कुछ खिलाड़ी fail होने के कारण क्रिकेट खेलना छोड़ देते हैं. अगर आप fail होने से डरते हैं, तो आप कभी भी एक क्रिकेटर नहीं बन पाओगे. इसलिए आपको मेहनत करने के साथ धीरज रखना होगा. और आज आपको हमारे इस लेख में इस सब के बारे में जानकारी मिलेगी. तो चलिए हमारे मुख्य लेख की ओर बढ़ते हैं जो है क्रिकेटर कैसे बने.

क्रिकेटर कैसे बने – How to become a cricketer

क्रिकेटर बनने के लिए आयु सीमा

ऐसे तो आप किसी भी उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर सकते हैं. अगर आपको professional level पे क्रिकेट खेलना है तो उसके लिए कुछ निश्चित आयु सीमाएं हैं. यदि आप under-16 खेलना चाहते है, तो आपका उम्र 14 से 16 के बीच होनी चाहिए. लेकिन इससे पहले, 12 साल के बच्चे under-16 खेल सकते थे. और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए कम से कम उम्र 15 साल होना चाहिए. और यह रूल ICC (International cricket council) के द्वारा बनाया गया है.

क्रिकेट में आपकी भूमिका

यह एक महत्वपूर्ण point है. क्रिकेट में मुख्य रूप से बल्लेबाज, गेंदबाज, विकेटकीपर और ऑलराउंडर होते हैं.  

बल्लेबाज:- जो बल्लेबाजी करता है और टीम के लिए रन बनाता है.

गेंदबाज:- जो गेंदबाजी करता है और विकेट्स लेता है.

विकेटकीपर:- जो विकेट्स के पीछे खड़े होता है.

ऑलराउंडर:- जो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों करता है.

इन भूमिकाओं में से, आपको उस पर काम करना चाहिए जिसमें आप अच्छे हैं.

क्रिकेट अकादमी में शामिल हों

जैसे हम सभी पढ़ाई में अच्छा करने के लिए कोचिंग सेंटर ज्वाइन करते हैं. वैसे ही क्रिकेट में अच्छे खेलने के लिए क्रिकेट अकादमी में शामिल होना पड़ता है. जहाँ आपको अच्छे कोच मिलते हैं जो आपको क्रिकेट में अच्छे करने के लिए मदद करते हैं.

सबसे महत्वपूर्ण काम एक अच्छा अकादमी join करना. किसी भी अकादमी में शामिल होने से पहले, उस अकादमी के history के बारे में जान लें. आपको बस यह ध्यान रखना है कि उस अकादमी के कितने खिलाड़ी जिले के लिए खेले हैं, कितने खिलाड़ी राज्य के लिए और कितने खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलें हैं. अकादमी में कोच और अन्य खिलाड़ियों के साथ हमेशा अच्छा संपर्क रखें.

भारत के कुछ अच्छे क्रिकेट अकादमी:-

  • Sehwag cricket academy, jhajjar
  • Madan lal cricket academy, Delhi
  • National cricket academy, Banglore
  • National school of cricket, Dehradun
  • Karnataka institute of cricket, Banglore
  • VVS sports academy, Hyderabad

 व्यायाम और अच्छा भोजन

फिट रहना शरीर के लिए जितना जरूरी है, उतना ही क्रिकेट के लिए जरूरी है.

क्रिकेट खेलने के लिए फिट रहना बहुत जरूरी है. इससे आपका performance का level बढ़ जाता है. यदि आप फिट नहीं रहते हैं, तो आप अच्छी तरह से दौड़ नहीं सकते और थोड़ी देर खेलने के बाद आपको थकान महसूस होगी. और यह सीधे आपके खेल को प्रभावित करता है. अगर आप फिट रहना चाहते हैं, तो आपको हर दिन व्यायाम करना होगा. व्यायाम में खास करके jogging और running का करना अनिवार्य है.

फिट रहने के लिए व्यायाम करना जितना महत्वपूर्ण है उतना ही सही भोजन करना. एक international level का खिलाड़ी को बहुत ही ज्यादा strict डाइट चार्ट को फॉलो करना पड़ता है. अगर आप भी डाइट चार्ट फॉलो करना चाहते हैं, तो आप मुफ्त में इंटरनेट के जरिए एक सही डाइट चार्ट पा सकते हैं.

फिटनेस को लेकर भारत में काफी ज्यादा competition है. और इस competition के result के लिए एक test रखी जाती है, जो की yo-yo test के नाम से जाना जाता है. यदि आप भारत के लिए खेलना चाहते हैं, तो आपको yo-yo test पास करना होगा.

जिला टीम में चयन (District team selection)

सबसे पहला step अपनी district के लिए खेलना होता है. यदि आप अपने जिले के लिए नहीं खेलेंगे, तो न तो आप अपने राज्य के लिए खेल सकते हैं और न ही भारत के लिए.

अपने जिले के लिए खेलने के लिए आपको पहले एक अच्छी अकादमी ढूंढनी होगी, जिसमें अच्छे कोच हों. और आपको अपने जिले के सभी लीग मैच खेलने हैं और अच्छा प्रदर्शन करना है.

लीग मैच खेलने के बाद दूसरा point है आप के district में होने वाले trial camp. और जो जिला स्तर पर trial camp होते हैं, तो उसमें आपको अपने age group में देने होंगे. आप अपने ऊपर वाले age group में भी trial दे सकते हैं. लेकिन आपको एक बात याद रखने की जरूरत है. अगर आप अपने age group में trial दोगे, तो आपको competition कम मिलेगा और अपने ऊपर वाले age group में ज्यादा competition मिलेगा.

District team में खेलने के लिए आपको अपने district में होने वाला सभी tournaments में आपको अच्छा performance देना पड़ेगा. इससे एक अच्छी बात ये बनती है कि जिले में आपकी अच्छी एक पहचान बन जाती है, जो आपके चयन में आपकी मदद करता है.

राज्य की टीम में चयन (Selection in state team)

आपने district level पार कर लिया है, तो आइए जानते हैं अब state के लिए कैसे खेलें.

आपके राज्य के जिलों के मैच बीच खेला जाएगा. जिसमें आपको बहुत अच्छा perform करना पड़ेगा.

यदि आप एक बल्लेबाज हैं, तो 5 मैचों में एक या दो शतक बनाने की कोशिश करें, या कम से कम 3 फिफ्टी. अगर आप गेंदबाज हैं, तो कोशिश करना की 5 मैचों में से 1 मैच में 5 wickets लें, और बाकि बचे मैचों में 3 या 2 wickets लें. ऐसा कोई rule नहीं है कि century बनाना है या 5 wickets लेना है. इससे आप चयनकर्ताओं की नजरों में आ सकते हैं, जिससे आपके चयन होने की संभावना बढ़ जाती है.

जिलों की सभी टीमों के बीच मैच खेलने के बाद 30-35 खिलाड़ियों का camp लगता है जिसमें सिर्फ 15 खिलाडी state के लिए select होते हैं.

IPL में चयन (Selection in IPL)

Indian premier league (IPL) खेलना सभी राज्य के खिलाड़ियों का सपना होता है. अगर आप IPL में अच्छा करते है, तो आपका India team के लिए खेलने का chance पूरी तरह से बढ़ जाता है. 

IPL खेलने के लिए आपको सभी राज्य के बीच होने वाले tournaments में अच्छा करना होगा. खास करके regional T20 tournaments में. ऐसे बहुत सारे players है जो बहुत कम state में match खेल कर भी IPL खेल रहे हैं.

आईपीएल के auction में, सभी franchise ताबड़तोड़ बल्लेबाज की खोज करते हैं. और ऐसा गेंदबाज की तलाश होता है जो wicket taker हो. अगर वह 8-7 run rate पे run देगा भी तो चलेगा. और जिसके bowling में variation होता है जैसे की slower one, yorker, slower bouncer आदि.  

IPL के अलावा भारत में होने वाले कुछ प्रसिद्ध T20 tournaments:-

  • Syed mushtaq ali trophy
  • Inter-State T20 championship
  • Tamil nadu premier league (TNPL)
  • T20 Mumbai league
  • Odisha premier league

भारत के लिए कैसे खेलें (How to play for India)

सभी खिलाड़ियों का मुख्य लक्ष्य होता है अपने देश के लिए खेलना.

India के लिए खेलने के लिए state level tournaments के साथ साथ IPL में अच्छा performance देना पड़ता है. रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी आदि राज्य स्तरीय tournaments में लगातार अच्छे performance देना होगा.

यदि आप राज्य स्तर पर अच्छा करते हैं, तो आपको India  U -19 या फिर India-A टीम के लिए चुना जाएगा. India U-19 और India-A में आपके performance को देख कर ही आपको India national cricket team में select किया जायेगा.

Conclusion

आपको क्रिकेट में अपने सपने को हासिल करने के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के साथ अपने ऊपर विश्वास रखना होगा. 

तो यह था हमारा लेख क्रिकेटर कैसे बने(How to become a cricketer). उम्मीद है ये लेख आपके लिए सहायक हुआ होगा. अगर आपका कोई दोस्त क्रिकेटर बनना चाहता है, तो इस आर्टिकल को उसके साथ ज़रूर शेयर करें. मिलते है अगले लेख में. धन्यवाद.

आपके लिए:-                          

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BDO कैसे बने – How to become a BDO https://hindibichar.in/bdo-kaise-bane-hindi/ https://hindibichar.in/bdo-kaise-bane-hindi/#respond Tue, 17 Nov 2020 05:08:28 +0000 http://hindibichar.in/?p=609 हेलो दोस्तों, आज इस लेख में आप जानने को पाएंगे BDO कैसे बने(How to become a BDO). इस ...

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हेलो दोस्तों, आज इस लेख में आप जानने को पाएंगे BDO कैसे बने(How to become a BDO). इस लेख में आप को BDO बनने का पूरा प्रक्रिया बताऊंगा.

BDO कैसे बने – How to become a BDO

BDO क्या होता है?

BDO का पूरा नाम Block development officer (खंड विकास अधिकारी) होता है. राज्य सरकार की किसी भी परियोजना को लोगों तक पहुंचना और लोगों को उन परियोजना के लाभ के बारे में बताना और जागरूक करना होता है. वैसे सरकार किसी भी विकास की परियोजना को जब हमारे देश में लागु करती है, तब इन ऑफिसर का काम होता है की इन परियोजना को अपने क्षेत्र में अच्छे से लागु करें. जैसे उस क्षेत्र की अंतर्गत सड़क बनवाना हो या कोई परियोजना शुरू करना हो, तो आपको BDO से अनुमति लेनी पड़ेगी.

बीडीओ बनने के लिए क्या योग्यता आवश्यक है?

इस सरकारी नौकरी ओर बढ़ने के लिए पहला कदम ये होता है की आपको किसी भी recognized university से graduation पास होना चाहिए. क्यूंकि graduation आधार पर ही आप इस फॉर्म को apply कर सकते है. ध्यान रखिये यहाँ diploma वाले students बिलकुल भी फॉर्म नहीं भर सकते. अगर आप graduation पास हैं या last semester या last year के student हैं, तो आप फॉर्म अप्लाई कर सकते हैं. ग्रेजुएशन में आपका सिर्फ पास मार्क्स होना चाहिए. अगर आपने किसी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन किया है, तो आप फॉर्म अप्लाई कर सकते हैं. जैसे BA, B.Sc, B.com, BBA, BCA, Engineering, Medical, Hotel management etc.

यहाँ ध्यान रखें किसी भी state pcs का फॉर्म भरने के लिए आपको वहां का अस्थायी निवासी होना जरूरी नहीं है. मतलब आप किसी भी राज्य से हो आप फॉर्म भर सकते हैं.

आयु सीमा कितनी होती है?

General वर्ग के लिए 21 से लेकर 40 साल तक.

OBC वर्ग के लिए 21 से लेकर 45 साल तक.

Sc/St वर्ग के लिए 21 से लेकर 45 साल तक.

PWD वर्ग के लिए 21 से लेकर 55 साल तक. 

परीक्षा के कितने स्टेज होते हैं?

इस परीक्षा के तीन स्टेज होते हैं.

  1. Prelims
  2. Mains
  3. Interview

सिलेबस क्या है?

किसी भी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए उसका पाठ्यक्रम का ज्ञान होना जरूरी है. इसलिए सभी स्टूडेंट्स को पाठ्यक्रम पता होना चाहिए.

Prelims के syllabus: – इसमें multichoice प्रश्न होते हैं. और इसमें दो पेपर होते हैं. एक है general studies (1) और दूसरा है general studies (2).  

General studies (1) में 200 मार्क्स के 150 प्रश्न होते हैं. General studies (2) में 200 मार्क्स के 100 प्रश्न होते हैं. दोनों का परीक्षा समय 2-2 घंटे का होता है.

पेपर 1 में करेंट अफेयर्स से सवाल पूछे जाते हैं साथ ही Indian History, Indian & World Geography, Economics, Indian Polity and Governance, General Science, Economic and Social Development से सवाल पूछे जाते हैं.

पेपर 2 सिर्फ qualifying पेपर हैं. इसका नंबर आपके मेरिट बनते से समय नहीं गिना जाता है. लेकिन आपको कम से कम 33 प्रतिशत मार्क्स लाना अनिवार्य है. तभी आप Mains परीक्षा में बैठ सकते हैं. पेपर 2 में mathematics, reasoning, English और Hindi से सवाल रहते हैं. इसमें प्रश्न 10th level के ही होते हैं.

Prelims परीक्षा में गलत उत्तर देने पर minus marking होते हैं. इसमें गलत उत्तर देने पे 1/3 मार्क्स काट दिए जाते हैं.

Mains के syllabus: – Mains परीक्षा में जो मार्क्स आएगा, वही आपकी final selection में मेरिट बनाएगा. इसमें कुल 8 पेपर होते हैं. सभी पेपर के लिए 3-3 घंटे दिये जाते हैं.

जिन 8 पेपर के परीक्षा देने है, वह है 

  • General Hindi
  • Essay
  • General studies – 1
  • General studies – 2
  • General studies – 3
  • General studies – 4
  • Optional subject – paper 1
  • Optional subject – paper 2

General Hindi से 50 नंबर के प्रश्न पूछे जाते हैं जिसमें शब्द ज्ञान एवं प्रयोग, उपसर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग, तार लेखन, वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि आदि.

Essay में तीन सेक्शन होते हैं. तीनों सेक्शन में आपको 3-3 टॉपिक दिये जाएंगे. आपको इन 3-3 टॉपिक में से एक-एक टॉपिक चुन कर 700 शब्दों में लिखना है. इसमें आपको 3 घंटे का समय दिये जाएंगे. General studies में टोटल 4 पेपर होते हैं. सभी 200-200 मार्क्स के हैं. General studies 1,2,3 में आपसे Indian history, Economics, World geography, Disaster, Current Affairs आदि. वहीं general studies 4 में Ethics से सवाल पूछे जाते हैं.

Optional paper में 29 विषय होते हैं. 29 विषय में से आपको सिर्फ एक के ही पेपर देने हैं.

जो 29 विषय हैं वो इस प्रकार हैं. Agriculture, Botany, Mechanical Engineering, Zoology, Law, Electrical Engineering, Chemistry, Animal Husbandry, English Literature, Physics & Veterinary Science, Urdu Literature, Mathematics, Statistics, Hindi Literature, Geography, Management, Sanskrit Literature, Economics, Political Science, Commerce, Sociology, International Relations, Accountancy, Philosophy, History, Public Administration, Geology, Anthropology, Medical Science, Psychology, Civil Engineering.

Interview: – जब आप prelims और Mains परीक्षा को qualify कर लेते हैं फिर आपको Interview देना पड़ता है. Interview 200 मार्क्स के होते हैं. इसमें कई तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं. जैसे आप जिस जिले हैं वहां के बारे में कुछ भी पूछा जा सकता है. 

आप फॉर्म कब भर सकते हैं?

सभी राज्य में फॉर्म भरने की तारीख अलग-अलग होती है. इसके लिए आपको official website पर जाकर देखना होगा.

सैलरी कितनी मिलती है?

एक BDO की सैलरी हर राज्य में अलग हो सकती है. फिर भी अगर average की बात की जाये, तो BDO का entry level का मासिक वेतन सातवें वेतन के आधार पर 9300 से लेकर 34800 तक सैलरी मिलती है. और साथ ही grade pay की तौर पर 4800 हर महीने मिलते है.

Conclusion

ये था हमारे लेख BDO कैसे बने (How to become a BDO). आशा है की आपको पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है, तो अपने दोस्तों के साथ share करना न भूलें. और हां सबसे जरूरी अगर आपको और कोई सरकारी नौकरी के बारे में जानकारी चाहिए, तो हमें comment करके जरूर बताएं. मिलते है अगले लेख में. धन्यवाद.  

आपके लिए :-

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