लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी – Biography of lal bahadur shastri in Hindi

आज में आपको लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी (Biography of Lal Bahadur Shastri in Hindi) के बारे में बताऊंगा.

लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी – Biography of lal bahadur shastri in Hindi

प्रस्तावना

लाल बहादुर शास्त्री उन कुछ योग-जनित महापुरुषों, प्रख्यात लोक नायकों, शांतिप्रिय जन सेवकों में से एक हैं जिन्होंने भारत माता की जय और गौरव के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया था. भारत माता के इस सबसे योग्य संतान ने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भाग लिए थे  और साथ ही साथ स्वतंत्रता के बाद के भारत के निर्माण के लिए जिम्मेदारी ली थी. महात्मा गांधी के सिद्धांतों और आदर्शों को मानते हुए, उन्होंने अपने जीवन की सभी गतिविधियों को प्रबंधित किया. अपनी दक्षता और आदर्शवाद के कारण, वह स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधान मंत्री बने. वह अपनी अल्पकालिक जिम्मेदारियों और शक्ति से भारतीयों का दिल और दिमाग जीतने में सक्षम थे.

संक्षिप्त जीवनी      

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, उत्तर प्रदेश में हुआ था. संयोगवश, 2 अक्टूबर को गांधीजी का जन्मदिन था. भारतीय आज भी हर साल एक ही दिन गांधी जयंती और शास्त्री जयंती मनाते हैं. कुछ समय के लिए वह भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए थे. स्वतंत्रता के बाद के भारत में, उन्होंने राजनीति में भी सक्रिय भाग लिया था. 1952 में वे पंडित जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री चुने गए. इस दौरान उन्होंने कुछ समय के लिए उद्योग और व्यापार मंत्री के रूप में कार्य किया. रेल मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान एक गंभीर रेल दुर्घटना हुई थी. इस हादसे में कई यात्रियों की मौत हो गई थी. हालांकि उन्होंने कोई व्यक्तिगत गलती नहीं की थी, फिर भी एक विभागीय प्रमुख के रूप में, वह खुद को राजनीतिक रूप से जिम्मेदार मानते थे. इसलिए वह दुर्घटना के बाद बहुत परेशान होकर उन्होंने स्वेच्छा से रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. 1964 में नेहरू की मृत्यु के बाद, वे भारत के प्रधान मंत्री बने. 11 जनवरी 1966 को उनका अचानक निधन हो गया. इस प्रकार उनका कामकाजी जीवन समाप्त हो गया.

प्रधानमंत्री कार्यालय

जब वह प्रधान मंत्री थे पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया था. उन्होंने असीम धैर्य और साहस का प्रदर्शन करके इसका सामना किये थे. इसके लिए , उन्होंने रक्षा प्रणाली को मजबूत करने, सक्रिय करने और सतर्क करने के लिए तत्काल कदम उठाए थे. नतीजतन, शक्तिशाली भारतीय सेना की रणनीति के सामने पाकिस्तानी सेना की सारी शक्ति और क्षमताएं परास्त हो गईं. इससे शास्त्री जी की विवेकपूर्ण बुद्धि, धैर्य, साहस और वीरता का पता चलता है. उन्होंने हमेशा गरीबों लोगों के जीवन में सुधार के महत्व पर जोर देते थे. इसलिए प्रधान मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने देश में आर्थिक प्रगति के लिए कानूनी कदम उठाए थे. उनका अंतिम लक्ष्य देश की रक्षा और कृषि में सुधार करना था. इसलिए उन्होंने सैनिकों और किसानों की प्रशंसा की और कहा, “जय जवान, जय किसान”.

ताशकंद समझौता और शास्त्री

जनवरी 1966 में भारत-पाकिस्तान युद्ध को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. देश के तत्कालीन राष्ट्रपति कोसिजिन के तत्वावधान में सोवियत रूस के ताशकंद में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे इसलिए इसे ताशकंद समझौता कहा जाता है. इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए शास्त्री जी ने ताशकंद की यात्रा की. लेकिन यह बहुत दुखद और खेदजनक है बात ये है की वहां वह गंभीर रूप से बीमार पड़ गए और अचानक उनकी मृत्यु हो गई. उनकी मृत्यु की खबर फैलने के तुरंत बाद, करोड़ों भारतीय चौंक गए थे. अपने विदेशी दौरे के दौरान शास्त्री जी की अचानक हुई मौत ने उस समय कई देशवासियों के मन में सवाल खड़े कर दिए थे.

जीवन आदर्श

लाल बहादुर शास्त्री शांति और मित्रता के उपासक थे. उनके चरित्र की एक बानगी उनका सरल, सहज और शांत जीवन था. शास्त्री जी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्श पथ पर चलते थे. इसलिए गांधी की तरह सत्य और अहिंसा उनके जीवन की कुंजी थी. उनका हृदय गरीबों, गरीबों और उपेक्षितों के प्रति गहरा स्नेह, करुणा और करुणा से भर हुआ रहता था. यद्यपि उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में उच्च पद धारण किया, लेकिन उन्होंने एक सामान्य जीवन व्यतीत किया. कम उम्र से ही वे गरीबी और अभाव से पीड़ित जीवन की आवश्यकताओं को समझने में सक्षम थे.

उपसंहार

स्वतंत्र भारत के, लाल बहादुर शास्त्री एक अनुभवी राजनेता और एक सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता बन गए. वह गांधी जी के बाद अनगिनत भारतीयों के सबसे प्रिय नेता थे. उनके जैसे निडर नेता की मृत्यु भारत के लिए एक अपूरणीय क्षति थी. फिर भी उनका आदर्श चरित्र और गुण आज भी उन्हें अमर करते हैं. यदि प्रत्येक भारतीय इस महान नेता के आदर्शों से प्रेरित होकर और राष्ट्र-निर्माण पर ध्यान केंद्रित करता है, तो यह भारत की प्रगति में मदद करेगा.

लाल बहादुर शास्त्री का नारा क्या था?

जय जवान जय किसान.

लाल बहादुर शास्त्री के पिता का नाम?

शारदा श्रीवास्तव प्रसाद.

लाल बहादुर शास्त्री के माता का नाम?

राम दुलारी देवी.

आपके लिए:-

ये था हमारा लेख लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी(Biography of lal bahadur shastri ki jivani in Hindi). उम्मीद करता हूँ आपको ये लेख आपको पसंद आया होगा. अगर आपको ये लेख पसंद आया है या आपको शास्त्री जी के बारे में और कुछ पता है, तो हमें कमेंट करके बताएं. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद.

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