उपसर्ग किसे कहते हैं: ‘उप + सर्ग’ इन दो शब्द मिलकर उपसर्ग बना है. उप का अर्थ है समीप और सर्ग का अर्थ सृष्टि करना या बनाना. ये पढ़ कर आपको उपसर्ग के बारे में थोड़ा सा ज्ञान मिला होगा. लेकिन निचे मैं ने आपके लिए उपसर्ग की परिभाषा या उपसर्ग किसे कहते हैं अच्छे समझाया है. और इसके के कुछ ऐसे महत्वपूर्ण उदाहरण दिए गए हैं जिसे पढ़कर आपको उपसर्ग अच्छे से समझ आ जाएगा.
उपसर्ग किसे कहते हैं?
शब्द-निर्माण के लिए क्रिया या शब्दों के पूर्व जो शब्दांश जोड़े जाते हैं वे ‘उपसर्ग’ कहलाते हैं; जैसे- प्र, परा, अप, सम आदि. उपसर्गों का स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं होता, वे किसी-न-किसी शब्द के साथ ही आते हैं और उसके अर्थ में प्रायः परिवर्तन भी करते हैं.
उपसर्ग की गतियाँ
उपसर्ग की तीन गतियाँ हैं. उपसर्ग के योग से शब्दार्थ कभी तो अपरिवर्तित रह जाता है, कभी ईषत् परिवर्तन होता है और कभी पूर्णतः परिवर्तित हो जाता है.
उपसर्ग धातुओं से जुड़कर शब्द की कामधेनुता ही सिद्ध नहीं करते, वरन् अर्थों में चमत्कार भी उत्पन्न करते हैं. उदाहरण के लिए, केवल एक धातु ‘हृ – हरण करना’. इस ‘हृ’ से ‘हार’ शब्द बनता है, जिसका अर्थ है ‘हरण’; किंतु जब इसमें उपसर्ग जुड़ जाते हैं, तब इसके अर्थ में परिवर्तन हो जाता है.
उदाहरण-
अभि + हार = अभिहार – आक्रमण
अनु + हार = अनुहार – समानता
अप + हार = अपहार – उड़ा ले जाना
आ + हार = आहार – भोजन
उद् + हार = उद्धार – त्राण
उप + हार = उपहार – भेंट
प्र + हार = प्रहार – चोट
प्रति + हार = प्रतिहार – द्वारपाल
परि + हार = परिहार – निवारण
वि + हार = विहार – क्रीड़ा
सम् + हार = संहार – नाश
इसी ‘हार’ को अनेक उपसर्गों के योग में देखें –
अधि+आ+हार=अध्याहार – न्यूनपदत्व की पूर्ति
अभि+उत्+हार=अभ्युद्धार – ठीक से मुक्ति
उत्+आ+हार=उदाहार – दृष्टांत
उप+सम्+हार=उपसंहार – निचोड़
वि+अव+हार=व्यवहार – बरताव
सम्+अभि+उत्+हार=समभ्युद्धार – अच्छी तरह से मुक्ति
सम्+अभि+वि+आ+हार=समभिव्याहार – एक साथ वर्णन
हिंदी में पाँच भाषा-जातियों के उपसर्ग पाये जाते हैं- १. संस्कृत के, २. हिंदी के, ३. फारसी के, ४. अरबी के तथा ५. अँग्रेजी के.
१. संस्कृत उपसर्ग
उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग लगे शब्द |
अति | अधिक | अतिकाल, अतिशय |
अधि | अधिक, बड़ा | अधिकार, अधिराज |
अनु | छोटा, पीछे | अनुदेश, अनुशासन, अनुकरण |
अप | बुरा | अपमान, अपशब्द, अपहरण |
अपि | निकट | अपिधान |
अभि | अधिकता, समीपता | अभिदान, अभिभावक |
अव | अनादर, हीनता | अवगत, अवनति, अवलोकन |
उत्-उद् | उत्कर्ष, ऊपर | उद्घोष, उन्नति, उत्कंठा, उत्तम |
उप | छोटा, निकट, समिप | उपकूल, उपकार, उपदेश |
आ | थोड़ा, विपरीत, सीमा | आगमन, आजीवन |
दुर् | कठिन, बुरा | दुर्गम, दुर्दशा, दुराचार |
दुस् | कठिन, बुरा | दुष्कर्म, दुष्कर |
नि | अच्छी तरह, नीचे | निपात, निरोध |
निर् | निषेध, बाहर | निर्भय, निर्वास |
निस् | निषेध, बाहर | निश्छल, निश्चल |
प्र | अधिक, आगे | प्रख्यात, प्रचार, प्रसार |
परा | अधिक, उलटा | पराक्रम, पराजय, पराभव |
प्रति | प्रत्येक, विरोध | प्रतिकूल, प्रतिध्वनि |
परि | अतिशय, चारो ओर | परिक्रमा, परिशीलन |
वि | अभाव, विशेषता | विज्ञान, विधवा, वियोग |
सु | सुन्दर | सुकर्म, सुगम, सुवास |
सम् | पूर्णता, सुन्दर | संग्रह, संतोष, संस्कार |
२. हिंदी के उपसर्ग
उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग लगे शब्द |
अ | निषेध | अमोल |
अध | आधा | अधजल, अधपका |
अन | निषेध | अनपढ़ |
औ | निषेध, हीनता | औगुन, औघट |
उन | एक कम | उनचास, उनतीस, उनासी |
क, कु | बुरा | कपूत, कुकाठ, कुघड़ी, कुपात्र |
दु | कम, बुरा | दुबला |
बिन | अभाव | बिनदेखा, बिनब्याहा |
भर | पूरा | भरपूर, भरपेट |
३. फारसी के उपसर्ग
उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग लगे शब्द |
आ | साथ | आगाह, आवारा |
कम | थोड़ा, हीन | कमख्याल, कमजोर, कमसिन |
खुश | अच्छा, श्रेष्ठ | खुशकिस्मत, खुशदिल, खुशबू |
दर | में | दरअसल, दरम्यान |
ना | नहीं | नादान, नाचीज |
नेक | अच्छा | नेकनाम, नेकनीयत |
ब | अनुसार, साथ, से | बदस्तूर, बनाम |
बद | बुरा | बदकिस्मत, बदनाम, बदबू |
बर | ऊपर, पर, बाहर | बरखास्त, बरदाश्त |
बा | साथ | बाकलम, बाकायदा |
बे | बिना | बेअक्ल, बेइज्जत, बेईमान |
सर | मुख्य | सरताज, सरपंच |
हम | बराबर, अपना | हमउम्र, हमदर्द, हमराह |
हर | प्रत्येक | हरतरह, हररोज, हरसाल |
४. अरबी के उपसर्ग
उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग लगे शब्द |
अल् | यह कि | अलबत्ता, अलमस्त |
ऐन | ठीक | ऐनमौका |
गैर | निषेध, विरोध | गैरकानूनी, गैरसरकारी, गैरहाजिरी |
फी | प्रत्येक | फीमर्द, फीसदी |
बिल | साथ, खास | बिलकुल, बिलफर्ज |
विला | बिना | बिलादिमाग, बिलाशक |
ला | बिना | लाजवाब, लापरवाह, लावारिस |
५. अँगरेजी के उपसर्ग
अँगरेजी के कुछ-एक उपसर्गात्मक शब्दों का और अँगरेजी उपसर्गों के साथ हिंदी शब्दों के मेल का भी उदाहरण हिंदी में मिलता है. जैसे –
उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग लगे शब्द |
डबल | दुहरा, दुगुना | डबल खुराक, डबल नाश्ता, डबलरोटी |
डिप्टी | उप | डिप्टी कमिश्नर, डिप्टी साहब |
फुल | पूरा | फुल स्वेटर, फुल जूता |
सब | अवर | सब-रजिस्ट्रार |
हाफ | आधा | हाफ कमीज, हाफ कुरता |
हेड | मुख्य | हेड-क्लर्क, हेड-खजांची, हेड-पंडित, हेड-मास्टर, हेड-मिस्ट्रेस, हेड-मौलवी |
उपसर्गवत् प्रयुक्त अव्यय और संज्ञापद
कुछ अव्यय, सर्वनाम और संज्ञापद भी उपसर्गवत् प्रयुक्त होते हैं. यथा –
अव्यय/संज्ञा | अर्थ | अव्यय/संज्ञा लगे शब्द |
अंतर्, अन्तः | अपने में, मध्य, भीतर | अन्तर्देशीय, अन्तर्जगत्, अन्तःप्रेरणा |
अंतर | फर्क | अन्तरराष्ट्रीय |
अर्ध | आधा | अर्धनग्न |
आविः | दिखाई पड़ना, बाहर होना | आविर्भाव, आविष्कार |
चिर | बहुत, पुराना | चिरकाल, चिरायु |
तिरस्, तिरः | परे होना, दिखाई नहीं पड़ना | तिरोभाव, तिरस्कार |
धर्म | अपनाया हुआ | धर्मशाला, धर्मपत्नी, धर्मपुत्र, धर्मघट |
प्रादुर्, प्रादुः | प्रकट होना, सामने होना | प्रादुर्भाव, प्रादुष्करण |
पुरस् | प्रकट होना, सामने होना | पुरश्चरण, पुरस्कार |
पुरा | पहले | पुरातन |
पुनर्, पुनः | फिर | पुनर्मिलन, पुनर्विचार |
गुरु | षड्यंत्री, तेज, खुर्राट | गुरुडम, गुरुघंटाल |
वहिस्, बहिः | बाहर | बहिर्जगत्, बहिष्कार |
अलम् | बस, खूब, भरपूर | अलंकार |
सर्व | सभी | सर्वनाम, सर्वसाधारण, सर्वनाश |
साक्षात् | सामने | साक्षात्कार, साक्षाद्धर्म |
स्व | अपना | स्वतंत्रता, स्वाधीनता |
सह, स | साथ | सहाध्यायी, सहपाठी, सपिण्ड, सपत्नी, सानन्द |
महा | अच्छा | महात्मा, महापंडित, महापात्र |
अधः | नीचे | अधोगति, अधोबुद्धि |
स्वयं | खुद, खुदपसन्द | स्वयंसेवक, स्वयंवर, स्वयंसिद्ध |
ध्यान दें, उपसर्ग या उपसर्ग के समान प्रयुक्त सर्वनाम-संज्ञा संस्कृत के संस्कृत के साथ, उर्दू के उर्दू के साथ और हिंदी के हिंदी के साथ युक्त होना चाहिए.
आपके लिए :-
ये था उपसर्ग किसे कहते हैं पर लेख. उम्मीद करता हूँ की आपको उपसर्ग अच्छे से समझ आ गया होगा. अगर उपसर्ग को लेकर आपके पास कुछ प्रश्न है तो आप कमेंट में जरूर बताएं. मिलते है हिंदी व्याकरण के और एक विषय में. धन्यवाद.
उपसर्ग को अंग्रेजी में prefix कहते हैं.