ग्रामीण जीवन पर निबंध – Essay on rural life in Hindi

ग्रामीण जीवन पर निबंध: ये निबंध उन बच्चों के लिए महत्वपूर्ण हैं शहरों के स्कूल में पढ़ते हैं. क्योंकि शहरों में पढ़ने वाले बच्चों को गांवों के बारे में बहुत कम जानकारी होती है. और जब ग्रामीण जीवन के ऊपर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है तो बच्चों को अच्छे से वर्णन करने में दिक्कत होती है. इसलिए आज आपके लिए मैं ग्रामीण जीवन पर निबंध लेकर आया हूँ.    

ग्रामीण जीवन पर निबंध – Essay on rural life in Hindi

भूमिकाग्रामीणों के विभिन्न वर्गजीवन जीने का तरीकागांव की महिलाएं

भूमिका

ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय गांवों की व्यावहारिक रूप से उपेक्षा की गई थी. तत्कालीन सरकार ने गांवों की स्थिति में सुधार की परवाह नहीं किया करते थे. लेकिन भारत की आजादी के बाद से चीजें बदलें लगी. हमारी राष्ट्रीय सरकार गांवों की स्थिति सुधारने का प्रयास कर रही है. गांवों के लोग प्रकृति के करीब रहते हैं और फिर उसमें एक सादगी भर देते हैं जो शायद ही कभी शहरी जीवन में पाई जाती है. दूर क्षितिज तक फैले ऊँचे पत्तेदार और फूलों वाले पेड़ों से सजे हरे-भरे खेत एक ऐसा परिदृश्य है जो हमारे मन को एक आनंदमय अनुभूति से भर देता है. और परवाह और चिंताएँ एक पल में दूर हो जाती है. दूध और घी के साथ ताजी और प्रदूषण मुक्त हवा हर वक़्त  उपलब्ध होता है. गाँव की पड़ोसी सही मायने में पड़ोसी होते हैं और अच्छे-बुरे समय में एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं.

ग्रामीणों के विभिन्न वर्ग

एक गाँव में सामान्यतः तीन वर्ग के लोग होते हैं. कुछ अमीर लोग होते हैं. जिनकी संख्या कम होता है. फिर आते हैं मध्यमवर्गीय लोग. अंत में, गरीब मजदूर वर्ग के लोग जिनकी भरण पोषण मजदूरी के ऊपर निर्भर रहता है.

जीवन जीने का तरीका

देखा जाए तो गांवों में अमीर लोगों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है. इन आमिर लोगों में से  से कुछ बड़े जमींदार होते हैं. जो अपनी जमीन जोतने और उनके लिए फसल काटने के लिए मजदूरों को काम पर रखा होता है. कुछ जमींदार किसान और अन्य जरूरतमंद लोगों को उच्च ब्याज दर पर पैसा उधार देते हैं. व्याज के लिए गरीब लोगों पर उनका बहुत प्रभाव है. कई अमीर लोग चापलूसी पसंद करते हैं. इसलिए उनके पास उन्हें खुश करने के लिए चापलूसी करने वाले भी होते हैं. इन अमीर लोगों के पास करने के लिए ज्यादा काम नहीं होता है. वे सुबह देर से उठते हैं. लॉन्च के बाद, वे एक झपकी का आनंद लेना पसंद करते हैं.  दोपहर में वे आम तौर पर अपना समय ताश, पासा, शतरंज आदि खेलकर बिताते हैं. कुछ अपने बड़े तालाबों में मछली पकड़ने के के शौकीन होते हैं.

मध्यम वर्ग के लोगों ने कुछ अच्छे स्तर तक शिक्षा ली होती है. जिससे वे नौकरियों पर काम करके, व्यवसाय या स्वतंत्र व्यवसायों को चलाकर अपनी आजीविका कमाते हैं. ये लोग हैं गांव की रीढ़ की हड्डी होते हैं. वे गांव के उन्नति मूलक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाते हैं. लेकिन बहुत से मध्यम वर्ग के लोग बेरोजगार होते हैं. वे अपने रिश्तेदारों की आय पर निर्भर हैं. कुछ मध्यम वर्गीय युवा विलेज क्लब के सदस्य होते हैं. वे त्योहारों में नाटकीय प्रदर्शन जैसे खेल और मनोरंजन की व्यवस्था करते हैं. वे गांव की राजनीति में भी लिप्त रहते हैं.

गरीब मजदूर वर्गों में किसान, बुनकर, लोहार, बढ़ई, कुम्हार, मछुआरे और छोटे व्यापारी शामिल हैं. वे अपनी रोटी कमाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. उनमें से ज्यादातर निरक्षर हैं.

गांव की महिलाएं

मध्यम वर्गीय और गरीब परिवारों की कुछ युवतियों ने अब स्थानीय प्राथमिक या उच्च विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. लेकिन अमीर घर के कुछ युवतियां शहरों में भी शिक्षा प्राप्त कर रही है. लेकिन बुजुर्ग महिलाएं आम तौर पर अनपढ़ होती हैं. गरीब मजदूर वर्ग की महिलाएं निरक्षर होती हैं. ये महिलाएं अपना समय घर के कामों में बिताती हैं. स्नान घाट महिलाओं का मिलन स्थल होता है.

निष्कर्ष

कुछ ग्रामीणों को शहरी जीवन का कोई प्रत्यक्ष अनुभव नहीं है. उनके आदर्श संकीर्ण हैं. उनमें से कुछ स्वार्थी होते हैं. छोटी-छोटी बातों पर पड़ोसियों से झगड़ते हैं.

गांवों के लोग गरीब होते हैं लेकिन ये परिस्थितियां धीरे धीरे बदल रही है. एक मायने में देखा जाए तो चाहे गांवों के लोग गरीब हैं लेकिन वे खुश हैं. वे गांव की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं. उनका जीवन शांतिपूर्णहोता है. गाँवों में शहर की तरह कोई शोर-शराबा नहीं होता है. गावों का हवा शुद्ध होता है. उन्हें ताजी मछली, दूध और सब्जियां मिलती हैं. वे आम तौर पर अपने दुखी जीवन से संतुष्ट होते हैं.

लेकिन ग्रामीणों की साफ-सफाई की स्थिति उतना ठीक नहीं है. शुद्ध पेयजल की दरकार है. कुछ नलकूप मौजूद हैं. लेकिन वे सभी नलकूप ग्रामीणों की जरूरत को पूरा नहीं कर सकते हैं. हालांकि गांवों के उत्थान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

आपके लिए :-

तो ये था ग्रामीण जीवन पर निबंध (Essay on rural life in Hindi). उम्मीद है ग्रामीण जीवन पर लिखा गया ये निबंध आपको पसंद आया होगा. अगर आप गांव में रहते है या कभी गांव में रहे हैं तो अपना अनुभूति जरूर सांझा करें.

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