जीवनी कैसे लिखा जाता है – How to write a biography in Hindi

आज आप जीवनी कैसे लिखा जाता है जानेंगे. किसी भी महान व्यक्ति के ऊपर जीवनी लिखने से पहले रिसर्च करना पड़ता है जो की बहुत जरूरी है. अगर हम रिसर्च को सही ढंग से अपने लिख के माध्यम से उपस्थापना नहीं कर सकते है तो हमारा रिसर्च बेकार हो जायेगा. इसलिए आज ये लेख में आपके लिए लेकर आया हूँ. ताकि आप जान सकें कैसे सही ढंग से जीवनी लिखा जाये.   

जीवनी कैसे लिखा जाता है?

महापुरुषों अथवा महान् आत्माओं के जीवन से संबंधित विभिन्न प्रकार के तत्थ्यों, घटनाओं और अन्य विचारणीय बिंदुओं को एकत्र करने का प्रयत्न ही जीवनी-लेखन है. वैसे तो साधारण से साधारण व्यक्ति के जीवन की विविध घटनाओं का भी आकलन किया जा सकता है; किंतु वस्तुतः जीवनी-लेखन का संबंध महापुरुषों और चरितनायकों से ही है. उनकी जीवनी से सामान्य मानव किसी प्रकार का उपदेश और प्रेरणा ग्रहण करता है.

जीवनी या जीवन-चरित अँगरेजी शब्द बायोग्राफी का हिंदी रूपांतर है. भारतीय साहित्य में यह विद्या प्राचीन काल से ही चली आ रही है. सही है कि प्राचीन साहित्य-शास्त्र में इसका तात्त्विक विवेचन उपलब्ध नहीं होता, किंतु पाश्चात्य विद्वानों ने इसे विभिन्न रूपों में परिभाषित करने का प्रयत्न किया है.

निर्देश – एक जीवनी-लेखक के अनुसार इतिहास की दृष्टि से जीवन आत्नोचनात्मक, प्रज्ञातटस्थ, उत्सुकता, विवरणों के औचित्यपूर्ण विश्लेषण और चयन पर बल देती है. इस प्रकार के लेखन में अवयव-संबंधी एकसूत्रता विद्यमान रहती है. इस प्रकार के लेखन में तटस्थ-भाव का निर्वाह तो अपेक्षित है ही. उस व्यक्तिविशेष के जीवन से संबंधित प्रसंगों, घटनाओं आदि की अभिव्यक्ति भी सहज और स्वाभाविक गति से होनी चाहिए.

जीवनी-लेखन के संदर्भ में क्रमबद्धता का सुनियोजन आवश्यक है. जीवन के विविध घटना-प्रसंगों का आलेख सिलसिलेवार ढंग से होना चाहिए, तभी उसमें आकर्षण और रोचकता का समावेश हो सकेगा. जीवनी-लेखन के लिए व्यक्ति का महान् होना आवश्यक है. वह व्यक्ति ऐतिहासिक, धार्मिक अथवा साहित्यिक, किसी भी दृष्टि से महान् हो सकता है. ऐसे लेखन में हमें अतिरंजनापूर्ण प्रसंगों से बचने का भरसक प्रयास करना चाहिए. जीवन की विविध सामग्री का उपस्थापन, जब सुगठित और क्रमबद्ध रूप में, तटस्थ-भाव का निर्वाह करते हुए किया जाता है, तभी लेखन व्यक्ति अथवा पाठक को अपनी ओर खीचने में समर्थ होता है.

प्रो० कैलास ने जीवनी की प्रस्तुतीकरण में पाँच सामग्री की अनिवार्यता स्वीकार की है –

  • व्यक्तिविशेष की उपलब्ध रचनाएँ,
  • व्यक्तिविशेष की डायरी और पत्रादि,
  • व्यक्तिविशेष के निवासस्थल का पर्यवेक्षण,
  • समकालीन व्यक्तियों के संस्मरण या इंटरव्यू,
  • व्यक्तिविशेष से घनिष्ठ संबंध रखने वाले व्यक्तियों से उपलब्ध सामग्री.

उपर्युक्त आधारों पर लिखा गया जीवनी-साहित्य अत्यधिक प्रामाणिक और पुष्ट होता है.

जीवनी-लेखन का वर्गीकरण

जीवनी-लेखन में विभिन्न प्रकार के महापुरुषों के जीवनसत्य की अभिव्यक्ति होती है. इस आधार पर इसे विभिन्न वर्गों में रखकर देखा जा सकता है –

(क) राजनीतिक महापुरुष – राजनीति के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करनेवाले व्यक्तियों को इस वर्ग के अंतर्गत रखा जा सकता है. उदाहरणार्थ – घनश्याम दास बिड़लालिखित ‘बापू’, मन्मथनाथ गुप्त-लिखित ‘चंद्रशेखर आजाद’ तथा मुकंदीलाल वर्माकृत ‘कर्मवीर गाँधी’ को देखा जा सकता है.

(ख) वैज्ञानिक महापुरुष – उन महापुरुषों की जीवनी भी महत्वपूर्ण होती है जिन्होंने अनुसंधान के क्षेत्र में स्मरणीय कार्य किये हैं. ऐसे वैज्ञानिक महापुरुषों में जेम्स वाट, न्यूटन, आइंस्टाइन इत्यादि के नाम लिये जा सकते हैं.

(ग) ऐतिहासिक महापुरुष – इस देश में वैसे अनेकानेक व्यक्तियों का प्रादुर्भाव हुआ, जिनकी अमिट छाप हमें विभिन्न रूपों में प्रभावित करती रही है. सम्राट् अशोक, महाराणा प्रताप सिंह, मान सिंह इत्यादि इतिहास के वैसे ही ऐतिहासिक पुरुष हैं, जिनकी जीवनी का लेखन किया जा सकता है.

(घ) साहित्यिक महापुरुष – साहित्य के क्षेत्र में भी कुछ ऐसे महापुरुषों का आविर्भाव हुआ है, जिनके जीवन से हम प्रेरणा ग्रहण कर बढ़ते हैं, यद्यपि इस प्रकार का जीवन-चरित्र कम ही लिखा गया है. साहित्यिक महापुरुषों में तुलसीदास, कबीरदास, भारतेंदु के जीवन-चरित लिखे जा सकते हैं.

(ङ) धार्मिक महापुरुष – धार्मिकता की दृष्टी से जिनके कार्य महत्त्वपूर्ण होते हैं, वैसे महापुरुषों को इस संदर्भ में देखा जा सकता है. धार्मिक महापुरुषों के अंतर्गत स्वामी दयानंद, स्वामी श्रद्धानंद आदि की जीवनियाँ लिखी जा सकती हैं. 

तो ये था जीवनी कैसे लिखा जाता है ऊपर लेख. उम्मीद है ये छोटा सा जानकारीपूर्ण लेख आपको पसंद आया होगा. अगर जीवनी लेखन के ऊपर आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमे पूछ सकते हैं. नीचे मैंने कुछ जीवनी के लिंक दिया जिसे आप पढ़कर जीवनी लेखन के ऊपर ज्ञान ले सकते हो.

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