परिश्रम का महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Hard work in Hindi

परिश्रम का महत्व पर निबंध (Essay on importance of hard work in Hindi): मानव जीवन कर्ममय है. वह हमेशा जीविकोपार्जन के लिए विभिन्न गतिविधियों में शामिल रहता है. सूर्योदय से लेकर देर रात तक कई लोग अपने-अपने कार्यों में लगे रहते हैं. यह परिश्रम है. परिश्रम के बिना जीवन में प्रगति और समृद्धि संभव नहीं है.   

परिश्रम का महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Hard work in Hindi

भूमिका

संसार में श्रम के बिना कोई कार्य संभव नहीं है. मनुष्य को कर्म व भोग दोनों प्राप्त हैं लेकिन कर्म के बिना कोई भी भोग नहीं कर सकता. प्रत्येक मानव कल्पना के जगत में बड़ी-बड़ी उड़ान भरता हैं; ख्याली पुलाव बनता है; हवा महल बनता है लेकिन मन के चाहने मात्र से वह सब प्राप्त नहीं होता है. संसार में किसी भी चीज की प्राप्ति परिश्रम से ही होती है. खाने के लिए भी प्रयत्न करना पड़ता है. खाना स्वतः पेट में नहीं चला जाता. एक बात आपको याद रखनी होगी – परिश्रम से हर कार्य सिद्ध होते हैं न कि मन की इच्छाओं से. जैसे सोये हुए शेर के मुंह में हिरन अपने आप प्रवेश नहीं करते हैं.

परिश्रम का रूप

किसी भी प्रकार का यत्न श्रम है. मनुष्य निरंतर क्रियाशील व प्रयत्न करता है. लेकिन निरुद्देश्य श्रम की संज्ञा नहीं दी जाती है. अर्थ शास्त्र में धन कमाने के उद्देश्य से किये गये कर्म ही शर्म कहलाते हैं. व्यावहारिक जीवन में भी मनुष्य कोई व्यर्थ के कामों में अपने अमूल्य समय को गंवाता रहता है लेकिन उस स्थिति में उसको परिश्रमी उद्यमी नहीं कहते हैं. परिश्रम वह है जो सार्थक कार्य के लिए किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जाता है. प्रत्येक व्यक्ति के पास अपने व्यावहारिक जीवन में कोई उद्देश्य होता है. एक विद्यार्थी का उद्देश्य विद्यार्जन करना व परीक्षा पास करना है. इस उद्देश्य की दृष्टि से किया गया श्रम ही परिश्रम कहलाता है और वह विद्यार्थी परिश्रमी कहलाता है. एक विद्यार्थी यदि विद्यार्जन के अतिरिक्त व्यर्थ के कार्यों के लिए कठोर शर्म करता है तो उसको परिश्रमी कोई नहीं कहता है. इसलिए एक विद्यार्थी का श्रम सार्थक तभी माना जायेगा, जब वह विद्या प्राप्ति के उद्देश्य से श्रम करता है और अच्छी श्रेणी में पास हो जाता है.

परिश्रम से स्वास्थ्य लाभ  

परिश्रम से मनुष्य केवल अपने लक्ष्य की प्राप्ति ही नहीं करता है, अपितु उसको शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य लाभ भी होता है. घर में बैठे रहने या अधिक समय सोने से शरीर पंगु हो जाता है. खाली व्यर्थ की बातों में समय गंवाने से दिल चंचल हो जाता है. लेकिन जो व्यक्ति अपने सार्थक कार्यों में दिन रात लगा रहता है, उसका शरीर स्वस्थ सुडौल, तथा बौद्धिक रूप से चुस्त रहता है. अपने कार्यों में सफलता मिलने से दिल में हर्ष होता है. 

उन्नतशील जातियां व परिश्रम

संसार में जिस देश के लोग परिश्रमी व लग्नशील रहें उनका देश हर दृष्टी से संपन्न होता है. आज संसार में प्राकृतिक दृष्टी से पिछड़े होने पर भी कई देश अपने परिश्रम के बल से उन्नति के शिखर पर हैं. जबकि प्राकृतिक दृष्टी से संपन्न देश भी परिश्रम के अभाव में निर्धन हो गये हैं. इसी प्रकार जो विद्यार्थी अत्यंत परिश्रमी होते हैं, वह निर्धन होने पर भी उन्नति के शिखर पर पहुँच जाते हैं और अन्य जीवन भर धक्के खाते रहते हैं.

परिश्रम और विश्राम          

अत्यधिक काम का बोझ तन और मन दोनों के लिए तनावपूर्ण हो सकता है. इसलिए कड़ी मेहनत के साथ नियमित अंतराल पर आराम की जरूरत है. इससे स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है. मेहनत करने के लिए शारीरिक और मानसिक ताकत की जरूरत होती है. मनुष्य सही भोजन, स्वस्थ वातावरण और अनुकूल वातावरण में अधिक मेहनत कर सकता है

परिश्रम ही पूजा है

एक अंग्रेज विद्वान ने कहा है – ‘Work is worship’ वास्तव में ईश्वर की प्राप्ति के लिए भी भक्त कठोर परिश्रम करता है. कर्म क्षेत्र में कर्म ही पूजा है. फल ही ईश्वर है. कठोर परिश्रमी व्यक्ति ही भक्त है. अध्यापक पूर्ण सिंह ने परिश्रम करने वाले मजदुर को सच्चा महात्मा कहा है. 

उपसंहार

प्रत्येक विद्यार्थी के सामने बहुत बड़ा कार्यक्षेत्र पड़ा है. उसमें जो व्यक्ति परिश्रम करता है, सफलता उसके चरण चूमने लगती है. इसके विपरीत परिश्रम न करने वाला व्यक्ति जीवन भर कष्ट उठाता रहता है.

आपके लिए :-

ये था परिश्रम का महत्व पर निबंध (Essay on importance of hard work in Hindi). उम्मीद है ये निबंध पढ़कर आपको पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है, तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें. धन्यवाद.

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