प्रत्यय किसे कहते हैं? इसके प्रकार और उदाहरण

प्रत्यय किसे कहते हैं: प्रत्यय को लेकर आपके मन में कुछ सवाल जरूर आ रहे होंगे. जैसे:- प्रत्यय की परिभाषा क्या है एवं प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं. और ये सब के बारे में नीचे अच्छे से समझाया गया है. 

प्रत्यय किसे कहते हैं?

जो शब्द के अंत में जुड़कर नए-नए शब्दों का निर्माण करते हैं, उसे प्रत्यय कहते हैं.

प्रत्यय का अर्थ है शब्दों के साथ, पर बाद में चलने वाला या फिर बाद में लगने वाला.

जैसे:- खिलाड़ी = खेल + आड़ी

        सब्जीवाला = सब्जी + वाला  

प्रत्यय के प्रकार –

मूलतः प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं – १. कृत् और २. तद्धित प्रत्यय.       

कृत्प्रत्यय किसे कहते हैं?

धातु के अंत में लगकर क्रिया से भिन्न अन्य शब्दों का निर्माण करनेवाले प्रत्ययों को ‘कृत्प्रत्यय’ कहते हैं. ‘हॅंस’ धातु में ‘ई’ प्रत्यय लगाने पर ‘हँसी’ और ‘पढ़’ में ‘आई’ प्रत्यय लगाने पर ‘पढ़ाई’ शब्द बनते हैं. ये दोनों (ई-आई) कृत्प्रत्यय हैं और इनसे बने दोनों शब्द (हँसी-पढ़ाई) ‘कृदंत’ शब्द हैं. किसी धातु से लगकर जो प्रत्यय विभिन्न कालों के रूप, (जैसे – पढ़ धातु के पढ़ें, पढूँ, पढ़ो, पढ़ी, पढ़ा आदि) बनाते हैं, वे कृत्प्रत्यय में नहीं गिने जाते, वे क्रिया-प्रत्यय हैं.

कृत्प्रत्यय के भेद         

कृत्प्रत्यय को दो भागों में बाँटा जा सकता है – १. जिनसे शुद्ध संज्ञा या विशेषण बनते हैं. २. जिनसे क्रिया की तरह अर्थ प्रकट करनेवाले विशेषण या अव्यय बनते हैं.

शुद्ध संज्ञा बनानेवाले कृत्प्रत्ययों को चार भागों में बाँटा जा सकता है – (क) कर्तृवाचक, (ख) कर्मवाचक, (ग) करणवाचक और (घ) भाववाचक संज्ञा बनानेवाले.  

विशेषण बनानेवाले कृत्प्रत्ययों को दो भागों में बाँट सकते हैं – (क) कर्तृवाचक कृदंतीय विशेषण, (ख) क्रियाबोधक कृदंतीय विशेषण बनानेवाले. क्रियाबोधक कृदंतीय विशेषण वर्तमानकालिक, भूतकालिक तथा भविष्यत्कालिक – तीनों हो सकते हैं.  

हिंदी में संस्कृत, हिंदी के अपने और कुछ फारसी, अरबी तथा अँगरेजी के कृत् प्रत्यय गृहीत हुए हैं.  

  • संस्कृत के कृत् प्रत्यय –

हिंदी में संज्ञा बनानेवाले मुख्यतः संस्कृत के चार प्रकार के कृत्प्रत्यय गृहीत हुए हैं. ये हैं – (क) कर्तृवाचक, (ख) कर्मवाचक, (ग) करणवाचक तथा (घ) भाववाचक

कर्तृवाचक कृत्प्रत्यय                

प्रत्यय              धातुकृदंतीय रूप
अ (अ)बुध्बुध
अक (ण्वुल)                               गैगायक
उक (उकञ)भिक्ष्भिक्षुक
ता (तृच्)दादाता

कर्मवाचक कृत्प्रत्यय

प्रत्यय              धातुकृदंतीय रूप
ण्यत्कृकार्य
कृकृत्य
त्रअस्अस्त्र

करणवाचक कृत्प्रत्यय

प्रत्ययधातुकृदंतीय रूप
अन (ल्युट्)चर्चरण
इत्रखन्खनित्र

भाववाचक कृत्प्रत्यय

प्रत्ययधातुकृदंतीय रूप
ति (क्तिन्)भज्भक्ति
आ (टाप्)पूज्पूजा

हिंदी में विशेषण बनाने वाले संस्कृत के ये कृत् प्रत्यय गृहीत हुए हैं-

कर्तृवाचक भूतकालिक कृदंतीय विशेषण

प्रत्ययधातुकृदंतीय रूप
ण (क्त)जृजीर्ण
क्तमद्मत्त
न (क्त)खिद्खिन्न

वर्तमानकालिक क्रियाघोतक कृदंतीय विशेषण

प्रत्ययधातुकृदंतीय रूप
मान्विद्विद्यमान
मान्सेव्सेव्यमान

भविष्यत्कालिक क्रियाघोतक कृदंतीय विशेषण

प्रत्ययधातुकृदंतीय रूप
अनीयदृश्दर्शनीय
अनीयश्रुश्रवणीय
तव्यकृकर्तव्य
तव्यवचवक्तव्य
  • हिंदी के कृत् प्रत्यय

हिंदी के संज्ञा बनानेवाले अपने कृत् प्रत्यय भी मुख्यतः चार प्रकार के ही हैं – (क) कर्तृवाचक, (ख) कर्मवाचक, (ग) करणवाचक तथा (घ) भाववाचक.

कर्तृवाचक कृत्प्रत्यय

प्रत्ययधातुकर्तृवाचक संज्ञाएँ
अक्कड़भूलभुलक्कड़
आकतैरतैराक
आकाउड़उड़ाका
आकूलड़लड़ाकू
आलूझगड़झगड़ालू
आड़ीखेलखिलाड़ी
डाकडाकू
एरालूटलुटेरा
वालापढ़पढ़नेवाला
वैयाखेखेवैया
हाररखरखनहार

कर्मवाचक कृत्प्रत्यय   

प्रत्ययधातुकर्मवाचक संज्ञाएँ
औनाखेलखिलौना
औनाबिछबिछौना
नागागाना
नीचाटचटनी
नीसूँघसुँघनी

करणवाचक कृत्प्रत्यय

प्रत्ययधातुकरणवाचक संज्ञाएँ
झूलझूला
आनीमथमथानी
औटीकसकसौटी
रेतरेती
झाड़झाड़ू
बेलबेलन
नाबेलबेलना
नीकतरकतरनी

भाववाचक कृत्प्रत्यय

प्रत्ययधातुभाववाचक संज्ञाएँ
अंतभिड़भिड़ंत
मरमार
फेरफेरा
आईचढ़चढ़ाई
आनदौड़दौड़ान
आपमिलमिलाप
आपापूजपुजापा
आवफैलफैलाव
आवादिखदिखावा
आवटदिखदिखावट
आहटचिल्लचिल्लाहट
औतासमझसमझौता
औतीचढ़चढ़ौती
औवलदिखदिखौवल

हिंदी के विशेषण बनानेवाले ये प्रत्यय निम्नंकित हैं –

कर्तृवाचक कृदंतीय विशेषण

इनके अधिकांश उदाहरण वही हैं जो संज्ञा बनानेवाले कर्तृवाचक कृत्प्रत्यय में आये हैं. जैसे –

प्रत्ययधातुविशेषण
अंकुउड़उड़ंकू
आऊटिकटिकाऊ
ओड़ हँसहँसोड़
ओड़ाभागभगोड़ा
ओरचाटचटोर
इयलसड़सड़ियल
इयाघटघटिया
टाचुराचोट्टा
लूउठउठल्लू

वर्तमानकालिक अपूर्ण क्रियाबोधक कृदंतीय विशेषण

प्रत्ययधातुविशेषण
ताबहबहता
तामरमरता

भूतकालिक (पूर्ण) क्रियाबोधक कृदंतीय विशेषण

प्रत्ययधातुविशेषण
पढ़पढ़ा
आ (या)सोसोया
  • फारसी के कृत् प्रत्यय

हिंदी में बहुत कम ही फारसी कृत्प्रत्यय गृहीत हुए हैं. ये हैं –

  • आँ – चस्पाँ
  • आ (अह्) – दाना, मुर्दा, रिहा  
  • इन्दा – कारिन्दा, चुनिन्दा, वाशिन्दा
  • इश – कोशिश, नालिश, परवरिश, फरमाइश, मालिश
  • ई – आमदनी        
  • अरबी के कृत् प्रत्यय

हिंदी में अरबी कृदंत फारसी की तुलना में और भी कम गृहीत हुए हैं. ये अरबी कृदंत स्वरों के परिवर्तन द्वारा बनाये गये हैं. जैसे –

प्रत्ययधातुकृदंत रूप
अफ्अलकबरअकबर
फ़ईलहकमहकीम
फ़ाइलहकमहाकिम
मफ्ऊलशहरमशहूर
  • अँगरेजी के कृत् प्रत्यय

हिंदी में अँगरेजी का ‘इंग’ प्रत्यय ही कृदंत रूप में गृहीत हुआ है, किंतु यह अँगरेजी शब्दों के साथ ही लगता है. जैसे – कनवासिंग, ट्रेंनिंग, पोलिंग, बोटिंग, रीडिंग, वाशिंग, साइकिलिंग, स्वीमिंग आदि. 

तद्धित प्रत्यय किसे कहते हैं?  

ऐसे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि के अंत में जुड़कर नये शब्द बनाता है. उसे तद्धित प्रत्यय कहते हैं. 

जैसे:- लकड़हारा = लकड़ी+हारा, सुनार = सोना+आर, लालची = लालच+ई.   

कृदंत और तद्धित में अंतर

कृत् और तद्धित प्रत्ययों में अंतर यह है कि कृत् प्रत्यय धातुओं में लगते हैं, जबकि तद्धित प्रत्यय धातुभिन्न शब्दों के साथ लगाये जाते हैं.

प्रमुख तद्धित प्रत्यय

हिंदी में संस्कृत, हिंदी के अपने और कुछ फारसी, अरबी तथा अँगरेजी के तद्धित प्रत्यय गृहीत हैं.  

  • संस्कृत के तद्धित

हिंदी में मुख्यतः संस्कृत के छह प्रकार के तद्धित प्रत्यय गृहीत हैं. ये हैं – (क) भाववाचक, (ख) संबंधवाचक या विशेषणवाचक, (ग) अपत्यवाचक, (घ) तुलनावाचक, (च) अव्ययवाचक, (छ) ऊनार्थक.

भाववाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्यय                                 शब्दतद्धितान्त रूप
अ (अण्) मुनिमौन
इमा (इमानिच्)मधुरमधुरिमा
ता (तल्)मनुष्यमनुष्यता
त्व (त्व)लघुलघुत्व
य (ण्यञ्)पंडितपाण्डित्य

संबंधवाचक या विशेषणवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितान्त रूप
अ (अण्) निशानैश
इक (ठञ्)तर्कतार्किक
इत (इतच्) पुष्पपुष्पित
इन (ख)मलमलिन
इम (इमनिच्)रक्तरक्तिम
इल (इलच्)स्वप्नस्वप्निल
ईन (ख)कुलकुलीन
ईय (छ)भारतभारतीय
उल (लच्)पृथुपृथुल
एय (ठञ्)पुरुषपौरुषेय
ठ (अठच्)कर्मकर्मठ
य (ल्यप्)पश्चात्पाश्चात्य
मय (मयट्)जलजलमय
य (यत्)दन्तदन्त्य
मधुमधुर
मांसमांसल
लु (आलुच्)निद्रानिद्रालु
वान् (मतुप्)गुणगुणवान्
वी (विनि)मेधामेधावी

अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
अ (अण्) रघुराघव
आयन (फक्)बदरीबादरायण
इ (इञ्)दशरथदाशरथि
एय (ढक्)कुन्तीकौन्तेय

तुलनावाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
इयस् (इयसुन्)श्रेयश्रेयस्
इष्ठ (इष्ठन्)गुरुगरिष्ठ
तम (तमप्)गुरुगुरुतम

अव्ययवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
चित्कदाकदाचित्
त्र (त्रल्)सर्वसर्वत्र
तन (तनप्)अद्यअद्यतन
तन (दानिय्)इदानीम्इदानीन्तन
था (थाल्)अन्यअन्यथा
दासर्वसर्वदा
धाशतशतधा
वत् (वतुप्)यत्यावत्
शः (शस्)क्रमक्रमशः
सात्भस्मभस्मसात्

अनार्थक तद्धित प्रत्यय 

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
मनुष्यमनुष्यक
वस्त्रवस्त्रक
वृक्षवृक्षक
बालबालक
  • हिन्दी के तद्धित

हिंदी के तद्धित प्रत्ययों को मुख्यतः पाँच भागों में बाँट सकते हैं – (क) भाववाचक, (ख) कर्तृवाचक, (ग) न्यूनतावाचक, (घ) संबंधवाचक और (च) विशेषणवाचक.

भाववाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
आईबुराबुराई
आनदौड़दौड़ान
आयतबहुतबहुतायत
आँयधसड़ासड़ाँयध
आवटजमाजमावट
रंगरंगत
पनलड़कालड़कपन
आसमीठामिठास

कर्तृवाचक तद्धित रूप

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
आरसोनासोनार
मालामाली
इयाआढ़तआढ़तिया
एरासाँपसँपेरा
दारचौकीचौकीदार
हारालकड़ीलकड़हारा

न्यूनतावाचक तद्धित रूप

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
पिल्लूपिलुआ
ओलासाँपसँपोला
इयाडिब्बाडिबिया
कटोराकटोरी
ढोलढोलक
कीकनकनकी
टाचोरचोट्टा
टीबहुबहूटी
ड़ामुखमुखड़ा
ड़ीपलँगपलँगड़ी
रीछाताछतरी
लीखाटखटोली
वाबच्चाबचवा

संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
आलससुरससुराल
औतीबापबपौती
लखनऊलखनवी
एरामामाममेरा
एलनाकनकेल
जाभाईभतीजा
वालदिल्लीदिल्लीवाल
हालनानाननिहाल

विशेषणवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
भूखभूखा
आनाहिन्दूहिन्दुआना
आरदूधदुआर
आरीजुआजुआरी
आलकृपाकृपाल
ओंपचीसपचीसों
देहातदेहाती
ईलाचमकचमकीला
उआगेरूगेरुआ
शहरशहरु
एड़ीभाँगभँगेड़ी
ऐलखपराखपरैल
वंतगुणगुणवंत
वाँसातसातवाँ
हरछूतछुतहर
हरादोदुहरा
हलारूपारुपहला
हलासोनासुनहला
  • फारसी तद्धित प्रत्यय

हिंदी में फारसी के भी बहुत सारे तद्धित प्रत्यय गृहीत हुए हैं. इन्हें भी हम मुख्यतः पाँच भागों में बाँट सकते हैं – (क) भाववाचक, (ख) कर्तृवाचक, (ग) न्यूनतावाचक, (घ) स्थितिवाचक तथा (च) विशेषणवाचक.

भाववाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
खराबखराबा
बेवफाबेवफाई
गीमर्दानामर्दानगी
गिरीगुंडागुंडागिरी

कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
इन्दाकारकारिन्दा
कारपेशपेशकार
कुनकारकारकुन
गरकलईकलईगर
गरबाजीबाजीगर
गारमददमददगार
गीरराहराहगीर
दारहिस्साहिस्सेदार
पोशमेजमेजपोश
बंदबिस्तरबिस्तरबंद
बानमेजमेजबान

न्यूनतावाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
तोपतुपक
चासंदूकसंदूकचा

स्थितिवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
आबगुलगुलाब
आबादहैदरहैदराबाद
इस्तानहिन्दूहिन्दुस्तान
खानादवादवाखाना
गाहईदईदगाह
जारअबाबाजार
दानकलमकलमदान
दानीचूहाचूहादानी
बारदरदरबार
शनगुलगुलशन

विशेषणवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
अन्दाजतीरतीरन्दाज
आनामर्दमर्दाना
आवरदस्तदस्तावर
इन्दाशर्मशर्मिन्दा
आसमानआसमानी
ईननमकनमकीन
ईनाकमकमीना
कारसलाहसलाहकार
खोररिश्वतरिश्वतखोर
गारगुनाहगुनाहगार
गीनगमगमगीन
तरबदबदतर
दाँकद्रकद्रदाँ
दारमालमालदार
नवीसनकलनकलनवीस
नशीन (नशीं)परदापरदानशीन
नाकदर्ददर्दनाक
नुमाकिश्तीकिश्तीनुमा
बरदारफरमाफरमाबरदार
बाजदगादगाबाज
बानमेहरमेहरबान
बारअश्कअश्कबार
बीनतमाशातामाशबीन
मंदअक्लअक्लमंद
वरनामनामवर
वारतारीखतारीखवार
शुदाशादीशादीशुदा
साजजिल्दजिल्दसाज
सारखाकखाकसार
  • अरबी तद्धित प्रत्यय

हिंदी में अरबी के कुछ ही जाति के तद्धित प्रत्यय गृहीत हुए हैं. ये हैं – (क) भाववाचक, (ख) कर्तृवाचक, (ग) विशेषणवाचक और (घ) स्त्रीवाचक.

इन सभी के उदाहरण नीचे दिये जा रहे हैं-

प्रत्ययशब्द          तद्धितांत रूपभेद
मालिकमलिकास्त्रीवाचक
बेगबेगमस्त्रीवाचक
आनीरूहरूहानीविशेषणवाचक
अरबअरबीविशेषणवाचक
इयतइनसानइनसानियतभाववाचक
चीखजानाखजानचीकर्तृवाचक
  • अँगरेजी तद्धित प्रत्यय

हिन्दी में अँगरेजी के चार-पाँच तद्धित प्रत्यय गृहीत हुए हैं. ये हैं – (क) भाववाचक, (ख) कर्तृवाचक तथा (ग) विशेषणवाचक.

इन सभी के उदाहरण नीचे दिये जाते हैं –

प्रत्ययशब्द          तद्धितांत रूपभेद
अरपेंटपेंटरकर्तृवाचक
इकमेकेनाइजमेकेनिककर्तृवाचक
आइटनक्सलनक्सलाइटविशेषणवाचक
इयनमराठामराठियनविशेषणवाचक
इज्मसोशलसोशलिज्मभाववाचक

आपके लिए :-

ये था प्रत्यय किसे कहते हैं. उम्मीद है ये लेख पढ़ने के बाद आप प्रत्यय को अच्छे से समझ गए होंगे. अगर आपके मन में प्रत्यय को लेकर कुछ सवाल है या कुछ बताने चाहते है तो आप कमेंट बॉक्स का उपयोग जरूर करें. हिंदी व्याकरण के और कौन सा टॉपिक आप जानने चाहते हमें जरूर बताएं. 

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