रक्तदान महादान पर निबंध – Essay on blood donation in Hindi

आज में आपके लिए लेकर आया हूँ रक्तदान महादान पर निबंध (Essay on blood donation in Hindi). दान तो दान होता है चाहे किसी भी चीज का हो. अगर किसी का दान किसी की जान बचाता है, तो वह दान महान है. इसलिए तो रक्तदान को महादान कहा जाता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रक्तदान की आवश्यकता क्यों है, रक्तदान के लिए जन समर्थन और जागरूकता क्यों जरूरी है. यह सब आप आज इस निबंध में जानेंगे.  

रक्तदान महादान पर निबंध – Essay on blood donation in Hindi

प्रस्तावना

दान का अर्थ है देना. कभी-कभी हम किसी व्यक्ति को कुछ चीजें देते हैं. और हम उम्मीद करते हैं कि हम उससे वह चीज वापस ले लेंगे या हम बदले में पैसा या कुछ और ले लेंगे. ऐसे मामलों में ‘दान’ की महान भावना व्यक्त नहीं की जाती है. उन मामलों में जहां बदले में लाभ कमाने की कोई इच्छा नहीं है, ‘दान’ भावना को प्रकाशित की जनि चाहिए. आधुनिक युग में, रक्तदान सभी मानव दानों में सर्वश्रेष्ठ है.

आवश्यकता

जैसे-जैसे वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है उसके साथ सड़क हादसों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. कई घायल होकर इलाज के लिए अस्पतालों में आ रहे हैं. गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए खून की जरूरत होती है. युद्ध में घायल हुए सैनिकों के लिए खून की जरूरत होती है. कैंसर के मरीजों को भी खून चाहिए होता है. कुछ मामलों में, प्रसव के दौरान चिकित्सा के लिए माताओं को रक्त देना आवश्यक होता है.

रक्त संग्रह

जीवन बचाने के लिए रक्त एकत्र और संग्रहीत किया जाता है. रक्त को स्टोर करके रखने के लिए ब्लड बैंक स्थापित किए गए हैं. स्वैच्छिक रक्तदान पर जोर दिया जाता है. अलग-अलग जगहों पर रक्तदान शिविर लगाकर रक्त एकत्र करना बेहतर है. कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं इस महान उद्देश्य के लिए शिविर लगाकर रक्त संग्रह अभियान को तेज कर रही हैं. सरकारी प्रयासों से ब्लड बैंकों में भी रक्त एकत्रित कर भंडारित किया जा रहा है.

रक्त को विभिन्न वर्गों या समूहों में बांटा गया है. रक्त समूहों (Blood group) की खोज कार्ल लैंडस्टीनर ने की थी. इन समूहों को नाम दिया गया है A, B, AB और O. रक्तदाता के रक्त की जांच की जाती है फिर रक्त को ग्रुप के हिसाब से रखा जाता है. 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच के स्वस्थ लोगों को आमतौर पर रक्तदान के लिए योग्य माना जाता है. कुछ लोग स्वेच्छा से रक्तदान करते हैं और आर्थिक मदद नहीं लेते हैं. दुनिया का पहला ब्लड बैंक 1937 में शिकागो में स्थापित किया गया था.

स्वैच्छिक रक्तदान दिवस

स्वैच्छिक रक्तदान दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है. इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में कैंप लगाए जा रहे हैं. शिविर का एक अन्य लक्ष्य रक्तदान के बारे में जागरूकता फैलाना है. इस संबंध में सहायकों की भी भूमिका है. रेडक्रॉस संस्था इस दिशा में हमेशा से सक्रिय रहा है. डॉक्टरों और नर्सों की मदद से रक्त एकत्र किया जाता है. रक्तदान करने से पहले डोनर के वजन और स्वास्थ्य की जांच की जाती है. किसी भी संक्रामक रोग से संक्रमित व्यक्ति का रक्त न लिया जाए, इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए. उचित रूप से एकत्रित रक्त का उपयोग करने से रक्तदान दिवस की लक्ष्य प्राप्ति होगी.

विशेष सरकारी उपाय

रक्तदान के महत्व को समझते हुए सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं. राष्ट्रीय रक्त संरक्षण परिषद का गठन किया गया है. केंद्र स्वास्थ्य महानिदेशक इसके अध्यक्ष हैं. राज्य रक्त संरक्षण परिषद की अध्यक्षता स्वास्थ्य राज्य सचिव द्वारा की जाती है. सुरक्षित और मानक रक्त आपूर्ति को प्राथमिकता दी जाती है. रेडक्रास के सहयोग से विभिन्न गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है.

सतर्क

रक्तदाता रक्तदान जैसे महान कार्य करते हैं. जिन लोगों को रक्त चाहिए वह लोग रक्तदाताओं के वजह से विशेष लाभ होता है. रक्तदाताओं को यह नहीं सोचना चाहिए कि रक्तदान करने से कमजोरी आएगी. रक्तदान करने के कुछ ही हफ्तों के भीतर शरीर में आवश्यक मात्रा में रक्त का उत्पादन हो जाता है. इसके लिए आपको अच्छा खाना खाने की जरूरत है. रक्तदान अच्छी बात है, लेकिन इसे बार-बार देना अच्छा नहीं है. थोड़े समय में बार-बार रक्तदान करने से व्यक्ति कमजोर हो सकता है, और उसके मरने की संभावना अधिक होती है. एक रक्त आधान के तीन महीने बाद रक्त आधान किया जा सकता है. तीन महीने में कई बार रक्तदान करना खतरनाक है. कुछ लोग पैसे के लालची होते हैं और हर कुछ दिनों में रक्तदान करना चाहते हैं.

रक्त की कमी

जान बचाने के लिए खून की मांग दिनों दिन बढ़ती जा रही है. लेकिन कभी-कभी उन सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए ब्लड बैंक में खून की कमी हो जाती है. इसके कई कारण हैं. पेशेवर रक्तदाताओं से रक्त एकत्र करना माननीय सर्वोच्च न्यायालय का दोष है. इसलिए खून ग्रहण की मात्रा कम हो रही है. दूसरा कारण यह है कि स्वैच्छिक रक्तदाताओं की संख्या अपेक्षा के अनुरूप नहीं बढ़ रही है. इसके अलावा, अधिक रक्तदान शिविर आयोजित करने की कोई सुविधा नहीं है. अधिकांश रक्तदान शिविर स्कूल कॉलेजों में आयोजित किए जाते हैं. लेकिन ये संस्थान विभिन्न परीक्षाओं में व्यस्त रहते हैं और छुट्टियों के कारण बंद रहते हैं. इसलिए शिविर नियमित रूप से नहीं लगाया जा सकता है. यदि किसी शिविर में बड़ी मात्रा में रक्त एकत्र किया जाता है, तो एक महीने के भीतर इसका उपयोग न करने पर यह और भी खराब हो सकता है. यदि रक्त भंडारों का उचित रखरखाव नहीं किया जाता है तो रक्त के क्षतिग्रस्त होने की संभावना होती है.

जागरूकता और जन समर्थन

सर्वेक्षण में पाया गया कि छात्रों आमतौर पर रक्तदान करने की अधिक रुचि व्यक्त करते हैं. यदि सभी कर्मचारी हर साल रक्तदान करना चाहें तो अधिक रक्त एकत्र किया जा सकता है. इस मामले में जनता सहयोग करने से ज्यादा लाभ होगा. विभिन्न संगठनों के सहयोग से रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए.

निष्कर्ष              

रक्त के साथ शरीर या जीवन के बीच का रिश्ता बहुत करीबी है. इस दृष्टि से स्पष्ट है कि रक्तदान एक महादान है. ऐसे कार्य में सक्रिय भाग लेना हमारा कर्तव्य है. हम हमेशा याद रखेंगे – “रक्तदान महान है”.

विश्व रक्तदाता दिवस कब मनाया जाता है?

14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है.

आपके लिए:-

तो, यह था रक्तदान महादान पर निबंध (Blood donation essay in Hindi). उम्मीद है ये विशेष निबंध आपको पसंद आया होगा. मिलते है अगले निबंध में. धन्यवाद.

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