समय का सदुपयोग पर निबंध – Samay ka sadupyog Hindi essay

समय का सदुपयोग पर निबंध (Essay on good use of time in Hindi) : – मनुष्य अपने सीमित जीवनकाल के दौरान कई प्रकार के कार्य करता है. प्रत्येक कार्य करने में समय लगता है. और यह समय अनमोल है. इसलिए आपको समय बर्बाद किए बिना सब कुछ समय पर करना होगा. सही समय पर सही काम करने को समय का सदुपयोग कहा जाता है. एक व्यक्ति जो समय का पाबंद होता है, उसकी प्रशंसा हर काम को सही समय पर करने के लिए की जाती है.  तो चलिए समय का सदुपयोग पर निबंध (Essay on good use of time in Hindi) की ओर बढ़ते हैं.

समय का सदुपयोग पर निबंध – Essay on the good use of time in Hindi

भूमिका

कहा गया है “समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता” यह काल चक्र है. इसकी गति कभी नहीं थमती है. समय आता है और चला जाता है. यदि हम समय को देखते-देखते वैसे ही व्यर्थ की बातों में गंवा देते हैं तो हम अपना बहुत बड़ा नुकसान कर रहे हैं. भर्तुहरि ने नीति शतक में कहा है :- ‘काः हानिः’ अर्थात इस संसार में सबसे बड़ी हानि क्या है? उसके आगे उसका उत्तर दिया है – ‘समयच्युति अर्थात समय को व्यर्थ में गंवा देना ही संसार में सबसे बड़ी हानि है.’ इसलिए हर क्षण में उपयोगी कार्यों को करना समय का सदुपयोग कहलाता है. उपयोगी कार्यों से तात्पर्य है – जिन कार्यों का फल शुभ हो, जीवन के लिए लाभदायक हों, जिनको करने से हमारे जीवन का सही लक्ष्य उचित हो रहा हो वे उपयोगी कार्य हैं. इसलिए हमें हमेशा समय का सदुपयोग सही कार्य में करना चाहिए.

कर्म की व्यापकता         

किसी अंग्रेज कवि ने कहा है, ‘Art is long, time is short’ अर्थात कार्य अत्यंत व्यापक है, अनंत है, लेकिन उसके लिए समय बहुत कम है, छोटा है. इसलिए इस छोटे या कम समय में हमें अधिक व व्यापक कार्यों को करना है. यह तभी संभव हो सकता है, जब हम उस कम से कम समय के क्षण-क्षण या पल-पल का उपयोग करें. कर्म करने से ही फल की प्राप्ति होती है, इसलिए जो काम हमारे सामने है या जिसकी हमें जिम्मेदारी दी गई है, उसे समय पर उचित ढंग से करना चाहिए. यह संसार कर्म प्रधान है. हमारे चारों ओर हर समय असंख्य कार्य फैले हैं. जो व्यक्ति जिस प्रकार के काम करता है, उसको वैसा ही फल भी मिलता है. संत तुलसी दास जी ने कहा है –

                                                                          कर्म प्रधान विश्व कर राखा

                                                                          जो जस करहि, सो तस फल चाखा  

समय का महत्त्व     

हम देखते हैं कि संसार में सबसे कीमती चीज है – समय. इस कीमती चीज को निरर्थक गवां देना सबसे बड़ी मूर्खता है. मनुष्य का जीवन बचपन से लेकर बुढ़ापे तक ऐसे ही बीत जाता है. बुढ़ापे में जाकर वह बचपन की ओर देखता है तो वह महसूस करता है जैसे कल की बात है और फिर एक दिन वह मर जाता है. इस दीर्घ काल में जीवन भर क्या उसने कोई उपयोगी कार्य किया ? यदि हाँ तो उसका जीवन सफल है अन्यथा जैसे वह इस संसार में आया, वैसे ही चला गया. उसके जीने या मरने में कोई अंतर नहीं. इस संसार में जीवित रहने का तभी महत्त्व है, जब हम अपने कार्यों की छाप सदा के लिए छोड़ देते हैं. यह तभी संभव हो सकता है, जब हम समय का मूल्य समझों.

समय के सदुपयोग के तरीके

प्रत्येक कार्य तभी सफल हो सकते हैं, जब हम उन्हें योजनाबद्ध तरीके से करते हैं. सबके पास प्रतिदिन 24 घंटे का समय है. एक आदर्श विद्यार्थी को चाहिए कि वह 24 घंटे खाने, सोने, पढ़ने, विद्यालय जाने, खेलने, घूमने आदि में इस प्रकार बांटने की योजना बनाये कि एक-एक पल में प्रत्येक काम संपन्न हो. इसके लिए उसको एक आदर्श दिनचर्या बना लेनी चाहिए और उसी के अनुसार अपने को सारे दिन भर चलाना चाहिए. इस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति को आने वाले दिन के सदुपयोग के लिए पहले से ही योजना बना लेनी चाहिए जिससे हमारा समय व्यर्थ न बीते. हर कार्य को करने का समय पहले ही निर्धारित करना चाहिए.  

उपसंहार  

प्रत्येक विद्यार्थी को अपने कीमती समय को अच्छे कार्यों में उपयोग करना चाहिए. अधिकतर समय खेलने में ही न गंवा कर प्रत्येक कार्यों में लगाना चाहिए जिससे विद्यार्थी हर कार्य में प्रवीण हो जाये. समय के महत्व का पालन करते हुए जीवन-यात्रा के मार्ग में आगे बढ़ने से स्वयं और समाज के लिए कल्याण होगा.  

आपके लिए:-

ये था समय का सदुपयोग पर निबंध (Essay on good use of time in Hindi). आशा है ये लेख आपको पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है, तो शेयर करना न भूलें. मिलते है अगले निबंध में. धन्यवाद.  

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