पुस्तकालय पर निबंध – Essay on library in Hindi

पुस्तकालय पर निबंध(Essay on library in Hindi): सभ्यता के विकास के साथ-साथ मानव ज्ञान का दायरा बढ़ता जा रहा है. शिक्षित लोगों की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. पुस्तक मनुष्य का एक वफादार दोस्त है. यह अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करने का एक शानदार तरीका है. इसके अलावा, पत्रिकाओं और समाचार पत्रों को पढ़ने से आपको वर्तमान घटनाओं के साथ-साथ भाषा और साहित्य के विकास के बारे में जानने में आसान होती है. जिस संस्था में ये सभी चीजें एक साथ मिलती हैं उसे पुस्तकालय कहा जाता है. वास्तव में पुस्तकालय ज्ञान की मंजिल है.  

पुस्तकालय पर निबंध – Essay on library in Hindi

भूमिका

जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उत्तम भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए अध्ययन की आवश्यकता होती है. विविध पुस्तकों के अध्ययन से ज्ञान में वृद्धि होती है. विविध प्रकार की पुस्तकें हमें पुस्तकालय से उपलब्ध होती हैं. पुस्तकालय दो शब्दों के मेल से बना है. पुस्तक + आलय अर्थात पुस्तकों का घर. जिस स्थान पर पढ़ने के उद्देश्य से विभिन्न पुस्तकों का संग्रह होता है उसको पुस्तकालय कहते हैं. पुस्तकालय ज्ञानर्जन का प्रमुख साधन है.

पुस्तकालयों के विभिन्न रूप

पुस्तकालय के विभिन्न रूप होते हैं. कई पुस्तकालय एक ही विषय के होते हैं. वहां अन्य विषयों की पुस्तकें नहीं मिलती हैं. जैसे- विज्ञान पुस्तकालय, वाणिज्य विषयक पुस्तकालय, कानून विषयक पुस्तकालय आदि. जहां पर विभिन्न विषयों की पुस्तकें होती हैं वे पुस्तकालय भी कई प्रकार के होते हैं. ऐसे पुस्तकालय मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं. एक – व्यक्तिगत पुस्तकालय, दो – विद्यालयी पुस्तकालय, तीन – सार्वजनिक पुस्तकालय. कई व्यक्तियों को पुस्तक संग्रह का शौक होता है. धीरे-धीरे उनका यह संग्रह पुस्तकालय का रूप धारण कर लेता है. यह व्यक्तिगत पुस्तकालय कहलाता है. विभिन्न विद्यालयों तथा संस्थाओं में भी पुस्तकालय होते हैं. वे विद्यालयी पुस्तकालय कहलाते हैं. विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के पुस्तकालय इसके ही अंतर्गत आते हैं. सार्वजानिक पुस्तकालय जनता के लिए होते हैं जिनका संचालन सरकार या सार्वजनिक संस्थाएं करती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुस्तकालय की सुविधा दी गयी है. आजकल चलते-फिरते पुस्तकालय भी चल गए हैं जो गाड़ियों में चलते हैं.

विद्यालयों में पुस्तकालय

प्रत्येक विद्यालय में एक पुस्तकालय अवश्य होता है. हमारे विद्यालय में भी एक पुस्तकालय है. पुस्तकालय की व्यवस्था के लिए एक पुस्तकालयाध्यक्ष होता है जो छात्रों को पुस्तकें आबंटित करता है. यह निश्चित समय के लिए दी जाती हैं और बाद में वापस करनी पड़ती हैं. माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों में दो प्रकार की पुस्तकें होती हैं. एक, बुक बैंक की पुस्तकें जो केवल कक्षाओं की पाठ्य पुस्तकें होती हैं. दूसरी, सामान्य पुस्तकें जो पाठ्यक्रम के अतिरिक्त सामान्य ज्ञान की वृद्धि के लिए होती हैं. सभी प्रकार की पुस्तकें छात्रों व अध्यापकों को एक निश्चित अवधि तक के लिए मिलती हैं. पुस्तकालय में पढ़ने के लिए भी पुस्तकें मिलती हैं जो तुरंत लौटनी पड़ती हैं. 

संरचना और प्रबंधन

पुस्तकालयों में आमतौर पर निबंधों, कहानियों, उपन्यासों, कविता, यात्रा कहानियों और महापुरुषों की जीवनी पर बड़ी संख्या में किताबें होती हैं. इसके अलावा, कुछ पुस्तकालयों में विभिन्न समाचार पत्र और पत्रिकाएँ आने की व्यवस्थाएं होती है. उन्हें बड़ी-बड़ी अलमारी में सजा कर रखा जाता है. प्रत्येक विषय के लिए अलग अलमारी होती है. पुस्तकालय में सभी पुस्तकों की सूची एक बड़े खाते में रहता है. इसे कैटलॉग(catalogue) कहा जाता है. इसके अलावा, पाठकों को किताबें उपलब्ध कराने के लिए एक और रजिस्टर रहता है. स्कूलों में, एक एक शिक्षक इन सभी जिम्मेदारियों को निभाते है.

पुस्तकालयों से लाभ

पुस्तकालय ज्ञान का भंडार है और एक सच्चा शिक्षक है. विद्वान लोगों की ज्ञान की प्यास इन्हीं पुस्तकालयों में बैठकर बुझती है. कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसके पास सब प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध हों. यह संभव भी नहीं हो सकता कि एक व्यक्ति हर प्रकार की पुस्तकें खरीद सके. पुस्तकालय ही एक ऐसा भंडार है जहां से हर प्रकार की पुस्तकें मिल सकती हैं. अध्यापक, वकील, चिकित्सक, लेखक, कवि आदि पुस्तकालयों से ही अपने ज्ञान की वृद्धि करते हैं. इसके अतिरिक्त पुस्तकालय में विभिन्न प्रकार की पत्र-पत्रिकाएं भी मिल जाती हैं जिनका अध्ययन हर व्यक्ति करना चाहता है. प्रत्येक व्यक्ति को अध्ययन करने के लिए शांत वातावरण की आवश्यकता होती है. यह वातावरण हमें घरों, कार्यालयों तथा अन्य स्थलों पर नहीं मिल सकता. यह वातावरण हमें केवल पुस्तकालय ही दे सकता है. 

उपसंहार

आजकल हर जगह पुस्तकालय उपलब्ध होते हैं. हमें पुस्तकालयों में जाकर समय का सदुपयोग करना चाहिए. पुस्तकालयों की पुस्तकें सार्वजनिक संपत्ति होती हैं. इसलिए हमें उनकी रक्षा करनी चाहिए. उनके चित्रों या उनके किसी पृष्ठ को कोई क्षति नहीं पहुंचानी चाहिए क्योंकि एक पुस्तक से अनेक व्यक्तियों को लाभ मिलता है.

आपके लिए:-

तो यह था पुस्तकालय पर निबंध(Essay on library in Hindi). उम्मीद है यह निबंध आपके लिए सहायक हुआ होगा. यह निबंध को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें. मिलते है अगले निबंध. धन्यवाद.   

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