स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध – Swachh bharat abhiyan essay in Hindi

आज आप इस लेख में स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (swachh bharat abhiyan essay in Hindi) के बारे में जानेंगे. जब से स्वच्छ भारत मिशन शुरू हुआ है, सभी शिक्षा अनुष्ठान पे इसके बारे में बात हो रही है. स्कूल और कॉलेज की परीक्षा में भी इसके ऊपर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है. इसलिए में आज आपके लिए लेकर आया हूँ स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Essay on swachh bharat abhiyan in Hindi).

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 300 शब्दों में

भूमिका

भारत के बहुत से लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं. और कुछ शहरी क्षेत्रों में रहते हैं. इनमें से कुछ लोग अपने पर्यावरण को साफ रखने की परवाह नहीं करते हैं. वह जिस घर में रहते है, वहां से सारा कचरा लाकर सड़क पर फेंक देते हैं. कुछ लोग अपनी आंखों के सामने कचरे को नजरअंदाज कर देते हैं. इस अशुद्धता के कारण हम अनेक रोगों से ग्रसित हैं; यह कोई नहीं जानता. इसे ध्यान में रखते हुए, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को एक भव्य कार्यक्रम का शुभारंभ किया. और इसे “स्वच्छ भारत अभियान” के रूप में जाना जाता है.

अभियान की रूपरेखा

प्रधानमंत्री ने खुद झाड़ू से सड़क की सफाई की. यह कार्यक्रम पवित्र स्थान वाराणसी से शुरू हुआ. इसका मुख्य उद्देश्य जन जागरूकता फैलाना है. लोग सावधान रहें और अपने क्षेत्र को अपने हाथों से साफ करें. गांवों से लेकर शहरों तक सभी ने प्रधानमंत्री के आह्वान को स्वीकार किया. बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई “स्वच्छ भारत अभियान” को सफल बनाने के लिए आतुर था. नतीजतन, पूरे भारत में लोगों के बीच आह्वान का संदेश सुना गया. सभी ने इस आह्वान को स्वीकार किया है और आज के भारत को स्वच्छ भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

इसके लाभ

पर्यावरण स्वच्छ रहेगा तो हम स्वस्थ रहेंगे. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने गांव की सफाई पर बहुत जोर देते थे. तो इसे दोहराने के लिए और लोगों में जागरूकता बनाये रखने के लिए प्रधानमंत्री यह आह्वान दिए हैं. इससे हमारा पर्यावरण स्वच्छ बनेगा. पर्यावरण स्वस्थ रहेगा तो जनता भी सुखी और स्वस्थ रहेगी.

निष्कर्ष

अभियान सिर्फ एक नारा में परिवर्तन नहीं होना चाहिए. इसके लिए स्कूली स्तर के छात्रों को आगे आना चाहिए. वे हर दिन अपने स्कूलों और गांवों की सफाई करेंगे. उन्हें देखकर जनता भी इसे सफल बनाने में हाथ बंटाएगी. और तब जाकर यह महत्वपूर्ण अभियान सफल बनेगा.


स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 800 शब्द में – Swachh bharat abhiyan essay in Hindi

प्रस्तावनाप्रधानमंत्री के विचार और रायदेश में स्वच्छ भारत अभियान का इतिहासस्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्यअभियान का कार्यक्रमस्वच्छता की पहुँचस्वच्छता के लिए जागरूकताउपसंहार

प्रस्तावना

राष्ट्र के पिता महात्मा गांधी ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए एक बात कही थी – “ Sanitation is more important than independence.” तत्कालीन भारतीय गांवों और ग्रामीण आबादी की दुर्दशा देखकर, उन्होंने एक स्वच्छ भारत का सपना देखा था, जिसमें उन्होंने स्वच्छता और स्वास्थ्य पर ध्यान दिए थे; लेकिन दुख की बात है कि आजादी के कई सालों बाद भी हम भारतीय पारदर्शिता के मामले में पिछड़ रहे हैं. ग्रामीण आबादी के सिर्फ तीस प्रतिशत में अभी भी शौचालय हैं. भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2/10/14 गांधी जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की है.

प्रधानमंत्री के विचार और राय

माननीय प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान आर्थिक कार्यक्रम में शामिल हुए हैं. इस अभियान से भारत के आर्थिक विकास, रोजगार और स्वास्थ्य में मदद मिलेगी. समग्र रूप से, देश के पर्यटन और वैश्वीकरण के प्रयास पारदर्शिता से जुड़े हैं, और भारत अब वैश्विक पर्यटन का केंद्र है. भारत के शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों ने स्वच्छता और स्वास्थ्य के मामले में दुनिया में भारत की उपलब्धियों को बदल दिया है. स्वच्छ भारत अभियान अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने और राजस्व बढ़ाने में मदद कर सकता है. प्रधानमंत्री ने देश के लोगों से हर साल सौ घंटे सफाई करने का आह्वान किया है. स्वास्थ्य कार्यक्रमों के अलावा, यह अपशिष्ट प्रबंधन और जल प्रबंधन पर ध्यान दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2015 तक देश के हर स्कूल में लड़के और लड़कियों के लिए विशेष शौचालयों के निर्माण का आदेश दिए थे.

देश में स्वच्छ भारत अभियान का इतिहास

स्वच्छता के लिए 1986 से हमारे देश में विभिन्न कार्यक्रम चल रहे हैं. लोगों के जीवन स्तर में सुधार और खासकर महिलाओं की गरिमापूर्ण जीवनशैली के लिए “केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम” शुरू किया गया था. 1992 में “सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान” शुरू किया गया. इसमें शौचालय निर्माण और जन जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान दिया गया था. 2012 में “निर्मल भारत योजना” शुरू किया गया. इसमें स्वच्छ गांव का निर्माण करने के साथ 2022 तक सभी पंचायतों को स्वच्छ अवस्था में लाने के लिए लक्ष्य रखा गया है. अभी का  सरकार इस कार्यक्रम को “स्वच्छ भारत अभियान” करार दिया है. देश के सभी गांवों और शहरों को 2019 तक साफ करने का लक्ष्य रखा गया था.

स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य     

कार्यक्रम का लक्ष्य लोगों तक अपनी पहुंच बनाना है. व्यक्तिगत या सामूहिक शौचालय बनाए जाएंगे. इस कार्यक्रम के साथ, खुले में शौच को रोका जा सकता है या कम किया जा सकता है. शौचालय के उपयोग से जनता प्रेरित होगी. एक खुले स्थान पर शौचालय करने का नुकसान के बारे में जनता को अवगत कराया जाएगा और शौचालय के उपयोग को प्राथमिकता देने के लिए कहा जायेगा. जनता की मानसिकता को बदलने के लिए क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को काम पर रखा जाएगा. गाँव स्वच्छ और आकर्षक होंगे.

अभियान का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री के शब्दों में, स्वच्छ भारत अभियान की सफलता सामूहिक प्रयासों पर निर्भर करती है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकार और जनता को मिलकर काम करने की जरूरत है. स्वच्छ भारत अभियान पुराने कार्यक्रम का नवीनीकृत संस्करण नहीं है. यह काम प्रत्येक घर से शुरू होना चाहिए. एक व्यक्ति बदलेगा तो देश बदलेगा. इस मामले में, सरकारी कार्यक्रम सिर्फ प्रचार तक नहीं रहना चाहिए बास्तव रूप से भी काम करना होगा.

2 अक्टूबर 2014 को, प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के बाल्मीकि बस्ती में स्वच्छ भारत अभियान का उद्घाटन किये और इसमें शामिल होने के लिए भारत के जनता को चुनौती दी. और हर कोई उस लक्ष्य की दिशा में काम करने पर ध्यान देना चाहिए.

स्वच्छता की पहुँच

गाँवों से लेकर शहरों तक देश का हर क्षेत्र स्वच्छता कार्यक्रमों से आच्छादित है. प्रत्येक व्यक्ति का घर, आसपास का क्षेत्र, सड़कें, सार्वजनिक स्थानान्तरण, शैक्षणिक संस्थान, विभिन्न कार्यालय, पूजा स्थल, उपयोग की जाने वाली नदियाँ और तटीय क्षेत्र और औद्योगिक क्षेत्र स्वच्छता प्रणालियों से आच्छादित हैं.

स्वच्छता के लिए जागरूकता

स्वच्छता अभियान का उद्देश्य है जनता को अस्वच्छता के परिणामों के बारे में सूचित करना. सूचित करने की वजह से, लोग इसके बारे में अधिक जागरूक होंगे और इसे अपना लेंगे. जनभागीदारी के लिए विभिन्न स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है. कार्यक्रम की सफलता के लिए विशेषज्ञ की राय मांगी जानी चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कम मात्रा में अपशिष्ट महामारी का कारण बन सकता है.

नेताओं, अभिनेताओं, बुद्धिजीवियों, शिक्षकों और छात्रों, मीडिया संगठनों और गणमान्य लोगों को अभियान को सफल बनाने का बीड़ा उठाना चाहिए. स्वच्छ भारत अभियान स्वैच्छिक, दृढ़ इच्छाशक्ति और सक्रिय कार्यक्रमों के माध्यम से सफल हो सकता है.

उपसंहार

विचार करने की बात यह है की, स्वच्छ भारत के विभिन्न कार्यक्रमों को पारदर्शी तरीके से कैसे लागू किया जायेगा. स्वच्छता एक व्यापक शब्द है. याद रखना चाहिए, यह केवल स्थान या शरीर के बारे में नहीं है; यह मनुष्य की मानसिकता और नैतिकता से जुड़ा है. इस संबंध में गांधीजी की टिप्पणी यादगार है – “हर किसी को खुद को सफाई कर्मचारी समझना चाहिए. स्वतंत्रता की तुलना में स्वच्छता अधिक महत्वपूर्ण है.” यह इस बात के साथ है कि ‘स्वच्छ भारत के साथ स्वस्थ भारत की छवि सामने आएगी.’


स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 10 लाइन

  • पानी के दूषित होने से कुछ घातक बीमारियां जैसे दस्त, हैजा, मलेरिया आदि हो जाती हैं.
  • उचित स्वच्छता हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करती है.
  • इसके लिए भारत सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया है.
  • मनुष्य को अपना कचरा इधर-उधर फेंकना ठीक नहीं है.
  • ग्रामीण इलाकों में हो रहे खुले में शौच की आदतों को छोड़ना होगा.
  • उन्हें अपने घर के शौचालयों का उपयोग करना चाहिए.
  • हमें भी शुद्ध पेयजल का उपयोग करना चाहिए.
  • हर घर में नल-जल का संयोग होना चाहिए.
  • स्वच्छ वातावरण अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में हमारे लिए सहायक है.
  • स्वच्छता की खूबियों से सभी को अवगत होना चाहिए.

आपके लिए :-

यह था हमारा लेख स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध. उम्मीद है यह लेख आपके लिए सहायक हुआ होगा. स्वच्छ भारत अभियान के बारे में आप हमें और कुछ बताना चाहते है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं. अगर आपको यह निबंध पसंद आया है तो इसे शेयर करना न भूलें. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद.

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