समाज सेवा पर निबंध – Essay on social service in Hindi

आज में आपके लिए लेकर आया हूँ समाज सेवा पर निबंध (Essay on social service in Hindi). स्कूल के और कॉलेज के परीक्षाएं में  समाज सेवा के ऊपर निबंध लिखने के लिए बोला जाता है. यह निबंध 800 शब्दों का है और यह निबंध स्कूल कॉलेज के अलावा अन्य कई परीक्षाओं में आपकी मदद करेगा. तो इस निबंध को पूरा जरूर पढ़ें.   

समाज सेवा पर निबंध – Essay on social service in Hindi [800 words]

उपक्रमसमाज सेवा की आवश्यकताइसका दायराविभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता और संगठनसमाजसेवी का आदर्शछात्र और सामाजिक सेवाएंउपसंहार

उपक्रम

व्यक्ति और समाज एक दूसरे के पूरक हैं. एक की मदद से दूसरे की स्थिति मजबूत होती है. सामाजिक जीवन की नींव व्यक्तिगत जीवन के समन्वय और एकजुटता से स्थापित होती है. व्यक्ति को समाज से अटूट संबंध होता है. इसलिए समाज की भलाई के हित में व्यक्ति की जिम्मेदारी और कर्तव्य अनंत है. युगों-युगों से योग में जन्मे अनेक महापुरुषों ने इसके महत्व को समझा है और समाज सेवा को अपनाया है.

समाज सेवा की आवश्यकता

लोगों को समाज की समृद्धि और विकास के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है. व्यक्ति की प्रगति से ही समाज में सुधार होता है और व्यक्ति का विकास समाज के विकास में परिलक्षित होता है. इसलिए समाज सेवा को मानव जाति का सर्वश्रेष्ठ धर्म माना गया है.

मनुष्य ईश्वर की सबसे बड़ी सृष्टि है. उनकी दृष्टि में सभी मनुष्य समान है. लेकिन सामाजिक जीवन में व्यक्तियों के बीच कई अंतर और मतभेद देखने को मिलते हैं. सभी की शारीरिक क्षमता, वित्तीय स्थिति और शैक्षिक योग्यता समान नहीं होती है. सेवा मानसिकता से ही इस असमानता को दूर करना और समाज में समानता और मित्रता स्थापित करना संभव है. इसके अलावा, समाज में कई लोग हैं जो दुःख, पीड़ित और शारीरिक रूप से अक्षम हैं. उनकी विभिन्न जरूरतों को पूरा करना या समस्याओं को व्यक्तिगत रूप से हल करना बिल्कुल भी संभव नहीं है. इसके लिए वे समाज में अन्य सक्षम लोगों की मदद और सहानुभूति की आशा करते हैं. इसलिए दुख को दूर करने के लिए समाज सेवा की जरूरत है. बाढ़, तूफान, सूखा, भूकंप, लू और घर में आग जैसी सभी प्राकृतिक आपदाओं ने समाज में कई लोगों के सामान्य जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. युद्ध के समय भी, साधारण जनता बहुत संकट में रहते हैं. उन्हें विभिन्न तरीकों से सहायता प्रदान करना समाज सेवा है. सबसे बढ़कर समाज से अंधविश्वास को दूर कर स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए समाज सेवा की आवश्यकता है.  

इसका दायरा

समाज सेवा का दायरा बहुत विस्तृत है. यह आपके परिवार और गांव या शहर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक विस्तार है. समाज के लिए मनुष्य कहीं भी जो निःस्वार्थ सेवा प्रदान करता है, उसे सही मायने में समाज सेवा माना जाता है. बहुत से लोग अभी भी निरक्षरता और पूर्वाग्रह के अधीन हैं, और स्वास्थ्य देखभाल, व्यक्तिगत स्वच्छता और पर्यावरण जागरूकता में पिछड़ रहे हैं. उपरोक्त क्षेत्रों में उनमें स्वस्थ आदतों के निर्माण के प्रयासों में सामुदायिक सेवा शामिल है. सामाजिक कार्यकर्ता गांवों, सड़कों, तालाबों आदि की सफाई पर ध्यान देते हैं. हमारे समाज में आज जातिवाद, अछूत भेदभाव, दहेज प्रथा  और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की समस्या है. समाज से इन सबको मिटाना भी समाज सेवा का ही एक अंग है. आज भी समाज में बहुत से कमजोर श्रेणी के लोग हैं. यह एक सामाजिक सेवा भी है जो उन्हें अपने व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करती है. समाज से दुःख, शोक और उत्पीड़न को दूर कर एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए जो कुछ किया जा सकता है, वह समाज सेवा के दायरे में आता है.

विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन

युगों से कई महापुरुषों ने अपना जीवन समाज सेवा में बिता कर आज भी अविस्मरणीय हैं. बुद्ध से लेकर जीसस, फ्लोरेंस नाइटिंगेल और मदर टेरेसा तक, कई महापुरुषों और महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करके अंतहीन सफलता प्राप्त की है. समाज सेवा में महात्मा गांधी का योगदान अवर्णनीय है. ऐसे कई व्यक्तियों को समाज कार्य के क्षेत्र में उदाहरण के रूप में लिया जा सकता है. इसके अलावा, आर्य समाज, रामकृष्ण मिशन, भारत सेबक समाज, लोक सेवक मंडल, रेड क्रॉस और अन्य जैसे कई संगठन वर्तमान में सामाजिक सेवाओं में लगे हुए हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूनेस्को (UNESCO), डब्ल्यूएचओ (WHO)  जैसे सामाजिक संगठन भी दुनिया की सेवा के लिए स्थापित हैं.

समाजसेवी का आदर्श

व्यक्तिगत सुख और स्वतंत्रता को पीछे रख कर समाज सेवा करना एक सामाजिक कार्यकर्ता का आदर्श है. स्वार्थ का त्याग करके मदद करना ही वास्तविक समाज सेवा है. सेवा के बदले में कुछ उम्मीद करना अच्छा विचार नहीं है. समाज से दु:ख, शोक, गरीबी, रोग, अन्याय, दमन, शोषण आदि को दूर कर अंधविश्वास और पूर्वाग्रह से मुक्त स्वस्थ समाज का निर्माण करना प्रत्येक सामाजिक कार्यकर्ता का कर्तव्य है. सामाजिक कार्य की राह आसान नहीं है. इसके लिए बाधाओं और बहुत सारे समस्याएं का सामना करना पड़ता है. इसलिए प्रत्येक सामाजिक कार्यकर्ता को साहसी और धैर्यवान होने की आवश्यकता है.

छात्र और सामाजिक सेवाएं

विभिन्न सामाजिक कार्य गतिविधियों में जुड़ने के लिए छात्र जीवन बहुत ही सही समय है. कॉलेज के लंबी छुट्टियों के दौरान राष्ट्रीय समाज सेवा शिविर आयोजित किया जाता है. शिविर में कई छात्र-छात्राएं शामिल होकर सड़कों और तालाबों की सफाई के साथ साथ लोगों में निरक्षरता दूर करने का प्रयास करते हैं. इसके अलावा, वे विभिन्न संक्रामक रोगों की रोकथाम और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं.

उपसंहार

समाज सेवा एक महत कार्य है. लेकिन यह हमेशा एक निस्वार्थ कार्य होना चाहिए. हालाँकि आजकल बहुत से लोग बाहरी रूप से सामाजिक रूप से जुड़े हुए प्रतीत होते हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि ऐसा करने में उनकी कोई ईमानदारी नहीं है. बहुत से लोग सस्ती लोकप्रियता और अन्य स्वार्थों के लिए ऐसा करते हैं. मजबूरी में समाज की सेवा करना कोई वांछनीय नहीं है. बहुत से लोग बाहरी दबाव के प्रभाव में काम करने और सामाजिक कार्यों में संलग्न होने के लिए मजबूर होते हैं. लेकिन उनकी सेवा किसी भी तरह से फलदायी नहीं होता है. तो अपने मन से सेवा करना ही वास्तविक समाज सेवा है.

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ये था समाज सेवा पर निबंध (Essay on social service in Hindi). उम्मीद है ये निबंध आपको पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें. मिलते हैं अगले निबंध में. धन्यवाद.

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